EXCLUSIVE: Uttarkashi में अगर आज नहीं निकले मजदूर तो लगेंगे सात-आठ दिन, रेस्क्यू टीम को है इस बात का डर
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है. इन श्रमिकों के लिए देशभर में दुआओं का दौर जारी है. पीएम मोदी भी पल-पल की अपडेट ले रहे हैं.
Uttarkashi Tunnel Crash: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को फंसे हुए आज (22 नवंबर) 11 दिन हो गए हैं. सभी श्रमिकों को जल्द और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. मंगलवार को मजदूरों की सुरंग के अंदर की वीडियो सामने आने के बाद सभी ने राहत की सांस ली थी. वीडियो में मजदूर सुरक्षित दिखाई दिए थे. मजदूरों को 6 इंच के 'लाइफ सपोर्ट' पाइप के जरिए लगातार खाना, पानी और ऑक्सीजन भी पहुंचाया जा रहा है. इसी के जरिए बातचीत भी हो रही है. हालांकि इन सब प्रयासों के बीच एक सवाल हर किसी के मन में है कि आखिर मजदूर कैसे और कब तक बाहर निकल पाएंगे.
मजदूरों को निकालने के लिए सिलक्यारा की तरफ से सुरंग में 800 एमएम का पाइप डाला जा रहा है. जिससे मजदूरों को बाहर लाना है. इस पाइप को उसी भूस्खलन के बीच से गुजरना है जिसकी वजह से मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. अधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि पाइप कुल 60 मीटर तक पहुंचाना है. जिसमें से 24 मीटर अंदर तक पाइप चला गया है और 36 मीटर जाना बाकी है.
रुकावट आई तो लग जाएंगे 7-8 दिन
सूत्र ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 15 घंटे में ऑपरेशन पूरा किया जा सकता है. लेकिन कोई रुकावट (जैसे मलबे में चट्टान या कोई धातु या कोई मशीन) आई और अगर पाइप आगे नहीं जा पाया, तो फिर पूरा मलबा हटाकर मजदूरों को बाहर लाया जाएगा. जिसमें 7-8 दिन लग जाएंगे. सूत्र का कहना है कि अभी तक जितना मलबा हटा रहे हैं उतना ही और फिर से आ जाता है.
जानें सिलक्यारा टनल के बारे में
अब आपको इस टनल के बारे में भी बताते हैं. दरअसल ये टनल सिलक्यारा से लेकर बड़कोट तक बनाई जा रही है जिसकी लंबाई 4,531 मीटर है. ये ऑल वदर रोड है और इसके निर्माण से तीर्थयात्रियों को बहुत लाभ होगा. इसके बन जाने से राष्ट्रीय राजमार्ग-134 (धरासु-बड़कोट-यमुनोत्री रोड) की 25.6 किमी हिम-स्खलन प्रभावित लंबाई घटकर 4.531 किलोमीटर तक रह जाएगी.
सिल्कयारा की तरफ फंसे हैं मजदूर
टनल में जहां मजदूर फंसे हुए हैं वो सिल्कयारा की तरफ से 205 मीटर से 260 मीटर की दूरी पर है. यहां 12 नवंबर की सुबह 5.30 बजे के आसपास मिट्टी का धंसाव हुआ था. उस वक्त मजदूर अंदर रिप्रोफाइलिंग का काम कर रहे थे. जिस क्षेत्र में श्रमिक फंसे हैं वो करीब 2075 मीटर का क्षेत्र है और इस हिस्से का निर्माण हो चुका है. जिसका मतलब है कि मजदूरों के पास अंदर काफी जगह है.
सुरंग में 470 मीटर निर्माण होना बाकी
अब तक इस टनल का लगभग 90 प्रतिशत लंबाई का काम पूरा हो चुका है और 470 मीटर निर्माण का काम बाकी है. मजदूर जहां फंसे हैं वो हिस्सा सिलक्यारा पोर्टल के ज्यादा पास है. पीएम नरेंद्र मोदी इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से लगातार अपडेट ले रहे हैं. देशभर में मजदूरों के लिए प्रार्थना हो रही है और सबको बस इन श्रमिकों के जल्द और सुरक्षित बाहर निकलने का इंतजार है.
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