Silkyara Tunnel Rescue Highlights: सीएम धामी ने फिर की मजदूरों से बात, रेस्क्यू ऑपरेशन में लगेगा समय, वर्टिकल ड्रिलिंग का भी है विकल्प

Uttarakhand Silkyara Tunnel Rescue Highlights: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा होने में अभी और वक्त लग सकता है.

एबीपी लाइव Last Updated: 25 Nov 2023 10:22 PM
मजदूरों के तनाव को कम करने के लिए टनल में भेजे मोबाइल फोन और बोर्ड गेम

उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में बचाव अभियान में बाधाएं आने के बाद यहां अधिकारियों ने उसमें फंसे हुए 41 श्रमिकों को तनाव कम करने के लिए मोबाइल फोन और बोर्ड गेम दिए हैं.

ऑगर मशीन में खराबी की वजब से रोकी गई थी ड्रिलिंग

अमेरिकी ऑगर मशीन में गुरुवार को आई तकनीकी अड़चन के बाद रूकी ड्रिलिंग 24 घंटे बाद शुक्रवार को फिर शुरू की गयी थी. हालांकि दिन में तकनीकी बाधा को दूर करने के बाद 25 टन वजनी भारी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई.

ऑगर मशीन को बाहर निकालने के लिए हैदराबाद से मंगाया गया है प्लाज्मा कटर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में सरकार पूरी शिद्दत के साथ रेस्क्यू कार्य में जुटी है. पाइप में फंसी ऑगर मशीन को जल्द ही काट के निकाल लिया जाएगा. जिसके लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर भी मंगाया गया है. सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने स्वयं कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से अंदर फंसे लोगों से बात की है. अंदर फंसे सभी श्रमिक स्वस्थ हैं. दुनिया भर के विशेषज्ञों का इसमें तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी निरंतर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

अंदर फंसे मजदूरों को लैंडलाइन के जरिए कराई जाएगी परिजनों से बात

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान को लेकर BSNL के कर्मचारी कुंदन ने कहा, "सरकार के निर्देश पर यहां एक लैंडलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके लिए तार बिछाने का प्रयास किया जा रहा है. अंदर फंसे मजदूरों को लैंडलाइन (फोन) भेज दिया जाएगा ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकें."

टनल के अंदर फंसे मजदूरों से सीएम धामी ने फिर की बात

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक बार फिर टनल के भीतर जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों से बात भी की. सीएम धामी ने सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्यों के संबंध में अधिकारियों से भी जानकारी ली.

सीएम धामी ने ऑगर मशीन की स्थिति के संबंध में ली जानकारी

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में सिल्कयारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों से सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्यों के संबंध में भी जानकारी ली. उन्होंने ऑगर मशीन की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पाइप में फंसी ऑगर मशीन को जल्द से जल्द हटाया जाए. 

हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा, खतरनाक काम हो रहा है- अता हसनैन 

सिल्क्यारा टनल बचाव अभियान को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा, "हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा. काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है. याद रखना है कि जहां भी काम हो रहा है वे खतरनाक है."

ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्से को बाहर निकालने के लिए एडवांस मशीनरी की आवश्यकता

सिल्क्यारा टनल बचाव अभियान को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि "अच्छी खबर यह है कि अंदर फंसे 41 मजदूर स्थिर हैं, सभी बुनियादी चीजें भेजी जा रही हैं. मजदूरों के परिजन भी आते हैं और वे कर्मचारियों से बात कर रहे हैं. जहां तक बचाव अभियान का सवाल है, कुछ समस्याएं हैं जिनका हम सामना कर रहे हैं. ऑगर मशीन में क्षति हुई है और इसका कुछ हिस्सा बाहर नहीं आया है. एडवांस मशीनरी की आवश्यकता है, ऑगर मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए जिसे भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से लाया जा रहा है और यह जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंच जाएगा."

ऑगर मशीन पाइप से निकलते ही बढ़ेगा रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू से जुड़े हुए उच्च अधिकारियों ने बताया कि अब इसमें कोई दो राय नहीं की जैसे ही ऑगर मशीन पाइप से बाहर निकलेगी उसके बाद मैन्युअल ही इस रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाएंगे जिसमें 24 से 36 घंटे का वक्त लग सकता है. इसके अलावा वर्टिकल ड्रिलिंग का भी विकल्प खोल दिया है और वहां से भी काम होना शुरू हो जाएगा लेकिन उस रास्ते से कम से कम 5 से 6 दिन और लगेंगे.

ऑगर मशीन को काटने के लिए प्लाज्मा मशीन मंगवाई है- सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पच्चीस मीटर ब्लेड और निकालनी है. कल सुबह तक मशीन निकल जाएगी, मेरी अभी भीतर फंसे कई श्रमिकों से बात हुई है. सभी ने कहा ठीक से हैं, स्वस्थ हैं. हैदराबाद से ऑगर मशीन को काटने के लिए प्लाज्मा मशीन मंगवाई है. केंद्र और राज्य के स्तर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री लगातार अपडेट ले रहे हैं.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: मुख्यमंत्री धामी करेंगे पीसी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए चल रहे बचाव अभियान को लेकर कुछ देर में पीसी करेंगे.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: सिल्कयारा सुरंग स्थल से रवाना हुए सीएम

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने के बाद सिल्कयारा सुरंग स्थल से रवाना हुए. 





Uttarakhand Tunnel Rescue Live: पीएम मोदी हर रोज जानकारी ले रहे- सीएम

सीएम पुष्कर धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी सिलक्यारा, उत्तरकाशी टनल में फंसे श्रमिकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. प्रधानमंत्री प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम एवं सुरंग में जारी राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ले रहे हैं. केंद्रीय एजेंसियां, प्रदेश प्रशासन एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीमें सारे विकल्पों पर कार्य कर रही हैं, हम शीघ्र ही श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने में सफल होंगे.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी- मंत्री प्रेम अग्रवाल

उत्तराखंड सरकार के मंत्री प्रेम अग्रवाल ने कहा कि उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी. 

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: सीएम पुष्कर धामी उत्तरकाशी पहुंचे

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी सिल्कयारा सुरंग में चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए उत्तरकाशी पहुंचे. 





Uttarakhand Tunnel Rescue Live: ऑगर मशीन टूट गई है- अर्नोल्ड डिक्स

सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि रेस्क्यू के कई तरीके हैं. ये सिर्फ एक ही रास्ता नहीं है. फिलहाल, सब कुछ ठीक है. अब आप ऑगर से ड्रिल नहीं देख पाएंगे. ऑगर मशीन टूट गई है. इससे अब कोई काम नहीं होगा. ऑगर से अब और ड्रिलिंग नहीं होगी. कोई नई ऑगर नहीं आएगी.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: तीन मजदूरों की तबीयत बिगड़ी

टनल के अंदर तीन मजदूरों की तबीयत बिगड़ी, डॉक्टर ने पाइप के जरिए जरूरी दवाएं दी, तीन मजदूरों को सिरदर्द उल्टी और सीने में दर्द की शिकायत. कुछ मजदूरों ने खाना खाना छोड़ा, सुबह से मजदूरों ने खाना नहीं खाया, मजदूरों को टेंशन हो रही है, परिजनों से बातचीत में मजदूर भावुक हो गए, तत्काल तीन मनोचिकित्सक मौके पर भेजे गए जो अब मजदूरों से बात करेंगे.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: श्रमिकों के रिश्तेदार परेशान

श्रमिकों में से एक के रिश्तेदार का कहना है कि मैं यहां नौ दिनों से हूं. हर दिन अधिकारी कहते हैं कि आज वे (सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक) बाहर आ जाएंगे, धैर्य रखें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: सुरंग से ऑगर मशीन के क्षतिग्रस्त ब्लेड बाहर लाए

उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग से ऑगर ड्रिलिंग मशीन के क्षतिग्रस्त ब्लेड बाहर लाए गए. यहां फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है. 





Uttarkashi Tunnel Rescue Live: वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जल्द हो सकता है शुरू

एसजेवीएन और ओएनजीसी की टीमें सिल्कयारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंच गई हैं. ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा. 





Uttarkashi Tunnel Rescue Live: मैनुअली मलबा हटाने के लिये दिल्ली से टीम आई

बेहद करीब पंहुच जाने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रुका हुआ है. 48-49 मीटर तक की ड्रिलिंग के बाद ऑगर मशीन के आगे लोहे का बड़ा स्ट्रक्चर आ गया है. ऑगर मशीन के आगे का हिस्सा जो टनल में ड्रिलिंग करते वक्त फंस गया है. उसे अब काटकर बाहर निकाला जा रहा है. मशीन में आ रही बार-बार रूकावट के बाद अब मैनुअली पाइप के भीतर जाकर मलबा हटाने की योजना बन रही है. पाइप के अंदर मैनुअली मलबा हटाने के लिये दिल्ली से टीम आई है. वर्टिकल ड्रिलिंग से जुड़े विकल्प को लेकर भी चर्चा चल रही है.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: सिल्कयारा सुरंग के बाहर की सुबह की तस्वीर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों को निकालने के अभियान चल रहा है. ये वीडियो आज सुबह की है. 





Silkyara Tunnel Rescue Live: ऑगर मशीन से ड्रिलिंग रोकी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब हाथ से ही मलबा हटाने का काम पर हो रहा है. इस पर कल तक फैसला लिया जाएगा. ऑगर मशीन के सामने लोहे जैसी कोई चीज दोबारा आने के बाद मशीन से ड्रिलिंग का काम रोकने का फैसला लिया गया है. यानी इसमें अभी और वक्त लग सकता है. 

तीन मजदूरों के परिवार के सदस्यों को उत्तराखंड भेज रही है ओडिशा सरकार

ओडिशा सरकार उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर 13 दिन से फंसे राज्य के पांच मजदूरों में से तीन के परिवार के सदस्यों को उत्तराखंड भेज रही है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. दो अन्य मजदूरों के परिजन पहले से ही उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हैं, जहां यह दुर्घटना हुई थी. श्रम आयुक्त एन. तिरुमला नाइक ने कहा इसके अलावा विभाग का एक और अधिकारी उस स्थान पर जाएगा जहां दो अन्य अधिकारी डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि वे सरकार को बचाव अभियान के बारे में सभी जानकारी प्रदान करेंगे. उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग के अंदर कुल 41 मजदूर फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने का अभियान किसी न किसी कारण से बाधित होता रहा है. श्रम आयुक्त एन. तिरुमला नाइक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया "दो मजदूरों के परिवार के सदस्य पहले से ही उत्तरकाशी में हैं, अन्य तीन मजदूरों के परिवार के सदस्य शनिवार सुबह वहां जाएंगे." 

किसी भी नियम-कानून का पालन नहीं किया गया- प्रियंका चतुर्वेदी

उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा "हमें उम्मीद है कि उन सभी को सुरक्षित बचा लिया जाएगा. वे 12 नवंबर से वहां फंसे हुए हैं. हर विशेषज्ञ का कहना है कि वहां से निकलने के लिए कोई सुरंग नहीं थी. किसी भी नियम-कानून का पालन नहीं किया गया, केंद्र या राज्य सरकार को ठेकेदारों से जवाबदेही लेनी चाहिए."

आज रात नहीं हो पायेगा रेस्क्यू ऑपरेशन, ड्रिलिंग का काम रुका

उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब मैनुअली ही मलबा हटाने का काम किया जायेगा, ऑगर मशीन के सामने लोहे जैसी कोई चीज दुबारा आने के बाद मशीन से ड्रिलिंग का काम रोकने का फैसला लिया गया है. इसमें अभी और वक्त लग सकता है और आज रात रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हो पायेगा.

सुरंग से निकलने के बाद ऋषिकेश एम्स आएंगे मजदूर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाया जाएगा. उनके के इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश पूरी तरह तैयार है और यहां डॉक्टरों को अलर्ट मोड पर रखा गया है.

रेस्क्यू ऑपरेशन में हडल आने से फिर रुकी ऑगर मशीन

सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हडल आने से एक बार फिर ऑगर मशीन रुक गई है. एक बार फिर मशीन को अनइंस्टॉल किया जा रहा है, मैन्युअल पाइप के अंदर जाकर परीक्षण किया जा रहा है. परीक्षण के बाद ही फिर अभियान शुरू होगा.

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ड्रिलिंग का काम फिर रुका

सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों के बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ऑगर मशीन ने काम करना फिर बंद कर दिया है. टनल में ड्रिलिंग का काम फिर रुकने की वजह अभी सामने नहीं आई है.


 


 


 

सिलक्यारा टनल के पास पहुंचे सीएम धामी, अधिकारियों और कर्मचारियों का किया उत्साहवर्धन

उत्तरकाशी की टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण करने के लिए सीएम धामी पहुंचे. इस बात की जानकारी सीएम धामी ने एक्स पर दी है. सीएम धामी ने पोस्ट कर लिखा- "सिलक्यारा उत्तरकाशी टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चल रहे राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की एवं वहां पूरी ताकत से काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का उत्साहवर्धन भी किया. बौख नाग देवता से श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने हेतु संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की शीघ्र सफलता की कामना करता हूं."





ऑगर मशीन ने फिर शुरू किया काम, सुरंग के अंदर 2.2 मीटर गया पाइप

सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों के बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ऑगर मशीन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. वहीं सुरंग के अंदर 2.2 मीटर पाइप भी गया है.

धातु के टुकड़े मशीन में फंसने की वजह से रोकी गई थी ड्रिलिंग

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर एनएचआईडीसीएल एमडी महमूद अहमद ने बताया कि ऑगर मशीन से 45 मीटर के बाद ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 1.8 तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी. इस प्रकार कुल 46.8 से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े मशीन में फंसने से ड्रिलिंग रोक दी गई थी.

टनल में आने वाली बाधा का रडार से लगा सकते हैं पता- अता हसनैन

सिल्क्यारा की टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, "जमीन भेदने वाले रडार का उपयोग करके, यह पता लगाया गया है कि हमारे रास्ते में अगले 5 मीटर तक कोई बाधा नहीं है. हम बाधाओं, यदि कोई हो, तो उसका पता लगाने के लिए इसका उपयोग करना जारी रखते हैं."

 रात 9 से 11 के बीच पूरा हो सकता है रेस्क्यू

उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल पर पंहुच गए हैं और एक अनुमान के मुताबिक अगर सब सही रहा तो रात 9 से 11 बजे के बीच रेस्क्यू पूरा हो सकता है.

सिलक्यारा टनल के पास पहुंचे सीएम धामी, अभी तक नहीं निकले हैं मजदूर

सिलक्यारा टनल हादसे को 13 दिन हो गए हैं और टनल के अंदर 41 मजदूर अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. वहीं उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल के पास पहुंच गए हैं.

पाइप के मुड़ने की वजह से ऑगर मशीन हुई थी क्षतिग्रस्त

ऑगर मशीन के सम्मुख इस्पात के पाइप आने और अंदर डाले जानी वाली पाइप के मुड़ने की वजह से काटना पड़ा. इस वजह से ऑगर मशीन भी क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिसे ठीक कर लिया गया है. 

अंतिम चरण में है रेस्क्यू ऑपरेशन

हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को लेकर चलाए जा रहे बचाव अभियान पर बात की. सीएम धामी ने कहा "रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है. पीएम मोदी लगातार मजदूरों के बारे में पूरी जानकारियां लेते हैं और समाधान पर चर्चा करते हैं. केंद्र और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां ​​मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए काम कर रही हैं. हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह ऑपरेशन पूरा होगा और सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे."

पिछले 24 घंटे में 1 मीटर भी नहीं गया है पाइप

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों के लिए बचाव कार्य जारी है और अभी 2 पाइप और अंदर जाने हैं. अभी करीब 46.8 मीटर पर हैं और उम्मीद है की 6 मीटर का पाइप 51-52 मीटर तक पहुंच जाएंगे. अभी पाइप जोड़ने में करीब 2 घंटे का समय लगेगा. पिछले 24 घंटे में पाइप 1 मीटर भी नहीं गया है. 

टनल में ड्रिलिंग का काम फिर हुआ शुरू

टनल में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है और अभी तो 800 mm का पाइप भीतर डाला जा रहा है, मगर आशंका है कि यह पाइप फिर अटक सकता है. इसी के चलते 700 mm का पाइप भी टनल के भीतर ले जाया जा रहा है.

ड्रिलिंग कर रही रेस्क्यू टीमों के आगे एक के बाद एक कई बाधाएं

गुरुवार रात से सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही रेस्क्यू टीमों के आगे एक के बाद एक कई बाधाएं आईं. अब उन बाधाओं को दूर कर लिया गया है. वहीं अब उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा. पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे भास्कर खुल्बे ने कहा कि आज शाम तक राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा. खुल्बे ने बताया कि 11.30 बजे तक ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है. अब सिलक्यारा टनल में 12 मीटर के करीब ड्रिलिंग बची है.

उत्तरकाशी टनल हादसा : राहत और बचाव कार्य फिर से शुरू, आज शाम तक पूरा होने की उम्मीद

सिलक्यारा टनल हादसे को हुए 13 दिन हो गए हैं. टनल में 41 मजदूर अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. उन्हें बचाने के लिए देश विदेश की तमाम एजेंसियां, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं.

Silkyara Tunnel Rescue Operation: टनल में फंसे मज़दूरों को लेकर पीएम मोदी बेहद संवेदनशील 

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों के बचाव कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा और रुकावट के बारे में पीएम मोदी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विस्तार से जानकारी ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मज़दूरों के बाहर आने पर उनके स्वास्थ्य और अस्पताल या घर भेजने की व्यवस्था के लिए भी सीएम धामी को निर्देश दिए हैं. 

Uttarkashi Tunnel Rescue: ड्रिलिंग का काम फिर शुरू, 800mm पाइप डालने की कोशिश

टनल में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है. फिलहाल,  800mm का पाइप भीतर डाला जा रहा है, लेकिन आशंका है कि यह पाइप फिर से अटक सकता है. इसी के चलते 700mm का पाइप भी टनल के अंदर ले जाया जा रहा है.

वीके सिंह उत्तरकाशी में स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में ठहरे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी बचाव कार्यों की देखरेख के लिए उत्तरकाशी में ही रूके हुए हैं. बुधवार शाम उत्तरकाशी पहुंचे धामी फिलहाल सिलक्यारा के निकट मातली में रह रहे हैं जहां उन्होंने अपना अस्थाई कैंप कार्यालय स्थापित किया है. जनरल सिंह उत्तरकाशी में स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में ठहरे हुए हैं.

एनडीआरएफ ने पहिये वाले स्ट्रेचर का उपयोग करके श्रमिकों की निकासी का पूर्वाभ्यास किया

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने शुक्रवार को पूर्वाभ्यास किया, जिसमें देखा गया कि वह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए तैयार किए जा रहे रास्ते में अपने पहिए वाले स्ट्रेचर को कैसे ले जाएगा. अभ्यास के दौरान एनडीआरएफ का एक कर्मी रस्सी से बंधे पहिये वाले एक स्ट्रेचर को धकेलते हुए मार्ग से गुजरा और दूसरे छोर पर पहुंचने के बाद उसे वापस खींच लिया गया. पिछले 12 दिनों से अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए सुरंग में मलबे के बीच से 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप का उपयोग करके एक रास्ता बनाया जा रहा है.

सुरंग हादसा : ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को ठीक किया गया, शीघ्र शुरू होगी ड्रिलिंग

उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान के दौरान आई बाधा को दूर कर लिया गया है जिसके बाद मलबे में फिर से जल्द ही ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा ताकि पिछले 12 दिन से अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला जा सके. एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात ऑगर मशीन के नीचे बने प्लेटफार्म में दिख रही दरारों को ठीक कर लिया गया है.

सीएम धामी बोले- मैं मालती से ही कर रहा काम

सीएम पुष्कर सिंह धामी के सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही मालती में स्थापित अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सभी सरकारी कामकाज संचालित कर रहा हूँ. बचाव अभियान गतिमान है और जल्द ही सारी बाधाओं को पार कर सभी श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने हेतु हम सभी प्रयासरत हैं.

अंदर नहाने की भी सुविधा- फंसे हुए मजदूर के परिजन

फंसे हुए श्रमिक के भाई, हरिद्वार शर्मा ने कहा कि, "मेरा छोटा भाई, सुशील शर्मा, अंदर है. आज सुबह लगभग 8 बजे मेरी उससे बात हुई.अंदर सभी लोग ठीक हैं, और सुविधाएं हैं. मैंने उससे पूछा कि क्या उन्हें कोई कठिनाई हो रही थी, और उन्होंने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है. वे सभी बस जल्द ही बाहर आने की उम्मीद कर रहे हैं. वहां सब कुछ है. नहाने की भी सुविधा है.मैंने कहा कि आप जरूर बाहर निकलेंगे."

डेढ़ इंच का पाइप बना था राह में रोड़ा

कल ऑगर मशीन के रास्ते में पाइप रूफिंग का ये पाइप रास्ते में आ गया था जिसके चलते काम रोकना पड़ा था... 1.5 इंच का लोहे का पाइप था जिसे टनल में पाइप रूफिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं.इसे अब निकल लिया गया है.

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह सिल्कयारा सुरंग पहुंचे

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.

आज शाम तक बड़ी खबर मिलने की उम्मीद- भास्कर खुल्बे

PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर कुल्बे ने कहा कि टनल के भीतर जियो मैपिंग कैमरे के जो रिज़ल्ट आये है उसके मुताबिक़ जहां तक ड्रिल हुई है उसके आगे 5 मीटर तक कोई लोहा या स्टील का स्ट्रक्चर नहीं है यानि कुछ देर बाद जब ड्रिल का काम शुरू होगा तो 5 मीटर आगे तक पाइप आसानी से फ़िट किया जा सकेगा. उसके बाद फिर आगे की स्थिति मैपिंग के ज़रिये देखी जायेगी. यानि आज शाम तक बड़ी खबर मिलने की उम्मीद है.  इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार के सलाहकार और टनल रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकार भास्कर कुल्बे ने बताया कि  कल ड्रिलिंग के वक्त पाइप के आगे का हिस्सा कट गया था जिसके बाद 48 मीटर तक जो पाइप चला गया था वो अब 46 मीटर के आसपास रह गया है. अब जल्द ही ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी है. 

फंसे हुए श्रमिकों को पहियेदार स्ट्रेचर से बाहर निकाले जाने की योजना है: एनडीआरएफ

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान के दौरान यदि पाइप मलबे की वजह से टूट जाता है तो राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों की योजना रस्सियों से बंधे पहियेदार स्ट्रेचर की मदद से फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने की है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि बल के कर्मी निकासी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं- भास्कर खुल्बे

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि , ''स्थिति अब काफी बेहतर है. कल रात हमें दो चीजों पर काम करना था. पहला, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था. पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार का काम किया था , जिससे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं है. इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए. जब हम मलबा निकाल रहे थे, तो हमें दो टूटे हुए पाइप मिले."

Uttarkashi Tunnel Rescue: 7-9 मीटर की ड्रिलिंग बची

DRDO की यह मशीन स्कैनिंग के जरिए अगले 20 मीटर तक की स्थिति बताएगी. DRDO की स्कैनिंग रिपोर्ट के बाद ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अधिकारियों ने ऑगर मशीन में किसी भी तकनीकी खराबी से इनकार किया. अधिकारियों ने यह भी बताया कि अब लक्ष्य तक़रीबन 7 से 9 मीटर दूर है. अधिकारियों ने कहा कि उम्मीद है कि आज हम रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर पाएंगे.

Uttarkashi Tunnel Rescue: ऑगर मशीन में आ रही दिक्कत अब ठीक

उत्तरकाशी टनल में ड्रिलिंग कर रही अमेरिकन ऑगर मशीन जिस प्लेटफार्म पर चल कर काम करती है, उसमें आई दिक्कत को फिर से ठीक कर लिया गया है. अब प्लेटफार्म पर अमेरिकन ऑगर मशीन आसानी से चल पाएगी. अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ (DRDO) की टीम आज सबसे पहले 48 मीटर से (जहां तक पाइपलाइन डाली जा चुकी है) आगे की स्थिति एक खास इक्विपमेंट जिसे मैपिंग कैमरा कहा जा सकता है, उसकी मदद से स्कैनिंग के जरिए देखने की कोशिश करेगी कि आगे ड्रिलिंग शुरू करने में कोई दिक्कत तो नहीं है.

उत्तरकाशी में बनाए गए अस्थायी सीएम कैंप कार्यालय में मौजूद

उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में बनाए गए अस्थायी सीएम कैंप कार्यालय में मौजूद हैं. वहां से सीएम उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्कयारा टनल में भूस्खलन के कारण टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चल रहे राहत एवं बचाव कार्य की लगातार निगरानी कर रहे हैं. सीएम मौके पर मौजूद अधिकारियों से भी संपर्क में हैं और उन्हें समय-समय पर निर्देशित भी कर रहे हैं.

टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना

अब टनल के अंदर ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल भी करने की योजना है जिसके पता चल सके की टनल के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किस तरह की दिक्क़तें आ सकती हैं उसका आकलन पहले से करने की कोशिश की जाएगी. इस दौरान टनल में फंसे मजदूरों से लगातार बातचीत की जा रही है और उनकी जरूरत का सामान उन तक पहुंचा जा रहा है

पिछले करीब15 से 16 घंटे से नहीं हो सका ड्रिलिंग का काम

पूरी रात चलता रहा मशीन में आइ दिक्कत को दूर करने का काम. दिक्कत के चलते पिछले करीब15 से 16 घंटे से नहीं हो सका ड्रिलिंग का काम. कल दोपहर करीब 1 बजे ऑगर  मशीन में सामने आई थी तकनीकी दिक्कत जिसकेबाद उसको सही करने की कोशिश जारी है.

Uttarkashi Tunnel Rescue: मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हाई टेक्नीक ड्रोन का इस्तेमाल

बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ ने बताया, 'यह (ड्रोन) नई टेक्नीक वाला है, जो सुरंग के अंदर और बाकी दुर्गम जगहों पर भी जा सकता है. इस ड्रोन के जरिए लाइव स्ट्रीम भी किया जा सकता है. इसकी मदद से हम पल-पल की नजर बनाए हुए हैं, अगर हल्की हलचल भी हो जाती है तो हमें पता लग जाएगा.'





Uttarakand Tunnel Rescue: फंसे मजदूरों के लिए दूध और पतली खिचड़ी की जा रही पैक

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों के लिए  गुरुवार सुबह दूध और खिचड़ी को बोतलों में पैक किया जा रहा है, ताकि पाइप के रास्ते सुरंग में भेजा जा सके.





ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया

ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया. अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके है.





शुक्रवार की दोपहर को होगी 41 मजदूरों की जिंदगी की नई सुबह!

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मलबे में की जा रही ड्रिलिंग के दौरान आई बाधा को दूर करने के बाद गुरुवार को फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया. अधिकारी बुधवार रात के दौरान बचाव अभियान के पूरा होने की संभावना देख रहे थे लेकिन मलबे की ड्रिलिंग के दौरान लोहे का सरिया आने से अभियान में कई घंटे की देरी हुई. अब शुक्रवार (24 नवंबर) की दोपहर को 41 मजदूरों की जिंदगी की नई सुबह हो सकती है. 

10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी, शुक्रवार तक मजदूरों को बाहर निकाल जाने की उम्मीद

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा बचाव अभियान लगातार जारी है. अब तक 48 मीटर पाइप ड्रिल किया जा चुका है और 10 मीटर की और ड्रिलिंग बाकी है. मशीन की खराबी की वजह से ड्रलिंग रुक गई है जिसे एक्सपर्ट्स देख रहे हैं. वहीं कल शुक्रवार (24 नवंबर) दोपहर तक मजदूरों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद है.

वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी तरह से तैयार- अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स

उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों के बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी तरह से तैयार है. जैसे कि सभी साइटें तैयार की गई हैं, सभी मार्ग तैयार किए गए हैं सब कुछ तैयार है और वर्टिकल ड्रिलिंग के साथ क्या करना है इसके बारे में जल्द ही निर्णय लिए जा रहे हैं. इसलिए जब हम ऑगरिंग कर रहे हैं तो हमें बहुत सावधान रहना होगा और इसमें वर्टिकल ड्रिलिंग के बारे में सावधान रहना भी शामिल है.

दोपहर 1 बजे के बाद से नहीं शुरू हुआ है काम, फिर रुकी गई है ड्रिलिंग मशीन

उत्तरकाशी के सुरंग हादसे को लेकर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर बड़ा अपडेट सामने आया है. आज दोपहर 1 बजे के बाद से लेकर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है. जानकारी के मुताबिक Augur मशीन में जो दिक्कत आई दूर नहीं हो पाई है. ऐसे में अब रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 12 से 14 घंटे का वक्त लग सकता है या इससे इससे ज्यादा भी मुमकिन है. क्योंकि कल रात में जब मशीन खराब हुई थी उसको सही करने में भी करीब पर 8 से 10 घंटे लग गए थे और उसके बाद करीब 2 घंटे मशीन चली जिसमें 1.8 मीटर की ड्रिलिंग हुई और उसके बाद से फिर काम रुक गया है. फिलहाल अब तक  46.8 मीटर ड्रिलिंग हुई है.

स्थानीय देवता की 'डोली' को सिल्क्यारा सुरंग में लाए लोग

सिल्क्यारा सुरंग बचाव अभियान लगातार जारी है. वहीं स्थानीय लोग स्थानीय देवता की 'डोली' को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में लाए, जहां फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है.

दो घंटे में शुरू हो जाएगा ड्रिलिंग का काम

जांच-पड़ताल के बाद मालूम चला है कि ऑगर मशीन में हो रहा वाइब्रेशन किसी हार्ड ऑब्जेक्ट की वजह से नहीं बल्कि मशीन का बेस कमजोर हो जाने की वजह से हो रहा था. ऐसे में बेस को मज़बूत करके ड्रिलिंग शुरू की जाएगी. उम्मीद है कि दो घंटे में ड्रिलिंग का काम शुरू हो जाएगा.

मातली में बनाया गया अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय

सिल्क्यारा सुरंग बचाव अभियान के मद्देनजर उत्तरकाशी के मातली में अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया गया है. आज सुबह सीएम धामी ने टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया और यहां मौजूद विशेषज्ञों से सलाह भी ली.

सुरंग बचाव अभियान का जायजा लेने के बाद सीएम धामी ने की बैठक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी के सिल्कयारा में सुरंग बचाव अभियान का जायजा लेने के बाद राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए एक बैठक की. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी एजेंसियां आपसी समन्वय के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटें. सीएमओ का कहना है कि हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि फंसे हुए श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए.

बचाव अभियान की समयसीमा का अनुमान लगाना उचित नहीं- एनडीएमए

सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है. एनडीएमए सदस्य ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों को बचाने संबंधी अभियान के पूरा होने की समयसीमा का अनुमान लगाना उचित नहीं है. सिलक्यारा सुरंग से श्रमिकों को बचाने के लिए की जा रही क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ में तीन-चार और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. एनडीएमए सदस्य ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को कुछ घंटों में या शुक्रवार सुबह तक बाहर निकाल लिए जाने की संभावना है.

सिल्कयारा टनल के पास हैं 41 एम्बुलेंस तैनात

सिल्कयारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए बचाव अभियान जारी है और एनडीएमए का कहना है कि उत्तराखंड के सिल्कयारा में सुरंग के पास 41 एम्बुलेंस तैनात हैं. इस सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने का अभियान तेज हो गया है.

स्थानीय लोगों ने बाबा लोकनाथ मंदिर की स्थापना की

उत्तरकाशी सुरंग हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने बचाव स्थल पर बाबा लोकनाथ मंदिर की स्थापना की. इससे पहले सीएम धामी ने भी सिलक्यारा टनल पहुंचकर बौख नाग देवता से सभी श्रमिकों की कुशलता हेतु प्रार्थना की. 

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों और बचाव दल की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा- हसनैन

उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान की प्रगति पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा यह चुनौतीपूर्ण काम है. यह उम्मीद करते रहना कि अगले दो घंटों में बचाव हो जाएगा, इससे काम पर दबाव पड़ता है. इस स्थिति में यह गलत है, फंसे हुए मजदूरों और बचाव दल दोनों खतरे में हैं. हमें दोनों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा.

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह अधिकारियों के साख सिल्कयारा सुरंग के अंदर गए 

केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग के अंदर गए. इस सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने का अभियान तेज हो गया है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो मीटर तक ड्रिलिंग करने के बाद फिर रुकी मशीन

सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में दो मीटर तक ड्रिलिंग करने के बाद ऑगर मशीन फिर रुक गई. कोई हार्ड ऑब्जेक्ट सामने आने की वजह से काम रुका हुआ है. अब फिर से ऑब्जेक्ट को दूर करने के लिए एक्सपर्ट जुटे है.

सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाने के लिए बिछाई गई पाइपलाइन

उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है और सुरंग के अंदर पाइपलाइन बिछाई गई है. ऑगुर ड्रिलिंग मशीन के रास्ते में आई रुकावट को काटकर आगे का रास्ता बनाया गया.

टनल निर्माण में मानदंडो को दरकिनार किया गया- शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर शिवसेना (UTB) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा उम्मीद है जल्द से जल्द सभी श्रमिक वापस आएंगे. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रिपोर्ट सामने आ रही है कि इस निर्माण में मानदंडों को दरकिनार किया गया है. हमारे देश में इंसान का जीवन इतना सस्ता है कि हम हर नियम कानून को तोड़ने के लिए तैयार रहते हैं, मैं चाहूंगी कि ये घटना एक सबक बने."

सुरंग में फंसे मजदूरों के निकालने के लिए अभी 12 घंटे लगेंगे- PMO के पूर्व सलाहकार

उत्तरकाशी की सुंरग में फंसे मजूदरों को लेकर बचाव अभियान जारी है. इसी बीच पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा "हम 45 मीटर तक पहुंच गए हैं. जिस बाधा के कारण कल रात समस्या हुई थी, उसे पहले ही हटा दिया गया है. 6 मीटर के पाइप को धकेलने में 4 घंटे लगते हैं, इसलिए 18 मीटर तक पहुंचने में, हमें लगभग 12 घंटे लगेंगे और बाकी काम पूरा करने में 3 घंटे और लग सकते हैं. हमारी प्राथमिकता अंदर फंसे श्रमिकों के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना है. हमारे और श्रमिकों के बीच बहुत अच्छा संचार लिंक स्थापित है. हम जल्द से जल्द बचाव अभियान चलाने के लिए आवश्यक हर संभव सहायता और विशेषज्ञ सलाह ले रहे हैं."

सीएम धामी ने सुरंग में फंसे दो मजदूरों से बातचीत कर हालचाल जाना

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों गब्बर सिंह नेगी और सबा अहमद से बातचीत कर उनका हालचाल जाना और तेज गति से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में भी जानकारी दी और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भी कहा.

हमारी टीम ने बाधा के बावजूद हार नहीं मानी - सचिव

उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा कि हमारी टीम ने बाधा के बावजूद हार नहीं मानी और पूरे मलबे को हटाने में कामयाब रही, और मशीन की असेंबली लाइन को फिर से स्थापित किया गया.

बचाव अभियान पूरे जोरों पर चल रहा- उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल

उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा कि  "बचाव अभियान पूरे जोरों पर चल रहा है, लेकिन एक छोटी सी बाधा के कारण कल पूरा नहीं हो सका. 45 मीटर की ड्रिलिंग के बाद, हमें एक गर्डर का सामना करना पड़ा, जिससे सुरंग का एक अतिरिक्त हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया.'

केंद्रीय एजेंसियों के सदस्यों से सीएम और केंद्रीय मंत्री ने की मुलाकात

सीएम धामी ने कहा- सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु चल रहे बचाव कार्यों में पिछले 11 दिनों से बेहतर समन्वय एवं समर्पण भाव के साथ कार्य कर रही केंद्रीय एजेंसियों व प्रदेश प्रशासन के सदस्यों एवं अथक परिश्रम के साथ कार्य कर रहे श्रमिकों से भेंट की.  इस मुश्किल घड़ी में दिन रात कार्य कर टनल में फँसे श्रमिक भाइयों को बाहर निकालने में सभी लोगों के योगदान हेतु आभार व्यक्त कर उनका उत्साहवर्धन भी किया. इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग एवं नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह मौजूद रहे.





टनल रेस्क्यू ऑपरेशन काफी जोर शोर से चल रहा

टनल रेस्क्यू ऑपरेशन काफी जोर शोर से चल रहा है.45 m pipe दाल दिया था उसके बाद में एक रुकावट आ गयी थी. augur मशीन में गड़बड़ी आयी फिर मशीन को वापस लाया गया सही की गयी. augur मशीन में फंसे टुकड़ों गैस कटर से को काटा गया .

टनल में फंसे श्रमिकों से सीएम ने की बात

सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों में से गब्बर सिंह नेगी एवं सबा अहमद से बात कर उनका कुशलक्षेम जाना और उन्हें सकुशल बाहर निकालने हेतु तीव्र गति से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से भी अवगत कराया. दोनों लोगों ने सभी श्रमिक भाइयों के स्वस्थ और सुरक्षित होने की जानकारी दी. श्रमिक भाइयों को आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा निरंतर उनकी वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी लेने एवं बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग किए जाने के बारे में भी अवगत कराया. बचाव कार्य सही दिशा में संचालित है और शीघ्र ही सभी श्रमिक भाई सुरक्षित बाहर आकर अपने परिजनों के साथ होंगे.





आधिकारिक तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा बयान कुछ देर में हो सकता है जारी

-टनल से मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन 12 वें दिन भी जारी


-augur मशीन में आई खराबी को दूर कर एक बार फिर से शुरू हो गया है रेस्क्यू ऑपरेशन


-दिल्ली से आई इंजीनियर की टीम ने दूर की augur मशीन में आई खराबी


-कल देर शाम कहा गया था कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन आज सुबह 5 बजे तक पूरा हो सकता है लेकिन मशीन की खराबी के चलते अब इसमें अभी कई और घंटे लग सकते हैं


-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जनरल वीके सिंह पिछले करीब 2 घंटे से टनल के अंदर


-9 वां पाइप अंदर भेजा जा चुका है और 10 वें को भेजने की तैयारी हो रही है


-एक बार जब पैरेलल टनल बनाने का काम पूरा हो जाएगा उसके बाद एनडीआरएफ की टीम पैरामीटर स्टाफ के साथ सबसे पहले अंदर जाएगी


-कुछ देर में मुमकिन है कि आधिकारिक तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा हुआ बयान जारी किया जाए

अभी 48 से 51 मीटर के बीच पाइप पहुंचा

अभी 48 से 51 मीटर के बीच पाइप पहुंच रहा है .इस हिसाब से यह 9 वां पाइप ही है और इसके बाद भी 2 पाइप अंदर और भेजे जा सकते हैं क्योंकि रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम का मानना है कि दोनों तरफ से पाइप थोड़े से बाहर रहेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा. मुमकिन है कि इस पूरी प्रक्रिया में 12 से 15 घंटे का वक्त भी लग जाए. अभी फिलहाल पाइप को अंदर धकेलना की गति पहले से थोड़ी धीमी है जिससे कि पूरी सावधानी बरती जा सके.

सीएम धामी ने की प्रार्थना

सीएम धामी ने मजदूरों के लिए प्रार्थना की. इस संदर्भ में सीएम ने लिखा- सिलक्यारा टनल (उत्तरकाशी) पहुंचकर बौख नाग देवता से सभी श्रमिकों की कुशलता हेतु प्रार्थना की.

सीएम ने मजदूरों से की बात

DG NDRF ने बताया कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में फंसे मजदूरों से फोन पर बात की है. 

ऑगर मशीन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया- एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा, 'ऑगर मशीन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. हम 6 मीटर के 2-3 पाइप अंदर भेजने का अनुमान लगा रहे हैं. उम्मीद है कि दिन के अंत तक अगर हमें कोई बाधा नहीं मिली तो बचाव अभियान जारी रहेगा.'

हमने एम्बुलेंस की सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं- IG गढ़वाल रेंज के.एस. नागन्याल

IG गढ़वाल रेंज के.एस. नागन्याल ने बताया, "हमने एम्बुलेंस की सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं... हम उन्हें(फंसे हुए श्रमिकों को) ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से घटना स्थल से अस्पताल तक ले जाएंगे. डॉक्टर की सलाह पर, यदि फंसे हुए लोग गंभीर स्थिति में हुए तो हम उन्हें एयरलिफ्ट भी कर सकते हैं... यदि उन्हें बेहतर चिकित्सा सहायता की आवश्यकता महसूस होती है, तो उन्हें ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा का जाना हाल

सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. इस अवसर पर  प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से अवगत कराया.  प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल हेतु चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में AIIMS ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिये जाने की जानकारी भी दी. प्रधानमंत्री को श्रमिक बंधुओं एवं उनके परिजनों से हो रही निरंतर बातचीत व उनकी कुशलता से अवगत कराया एवं स्वयं के भी उत्तरकाशी में रहकर बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करने की भी जानकारी दी.

PMO के सलाहकार ने कहा- 12 से 14 घंटे लगेंगे

उत्तरकाशी सुरंग बचावकर्मियों को ड्रिलिंग पूरी करने और श्रमिकों तक पहुंचने में 12 से 14 घंटे अधिक लगेंगे: भास्कर खुल्बे, पीएमओ के पूर्व सलाहकार

NDRF सभी स्थितियों के लिए तैयार- DG NDRF

NDRF के DG अतुल करवाल ने बताया, "NDRF उन सभी स्थितियों के लिए तैयार है जो हमारे सामने आ सकती हैं. हमने विशेष उपकरण भी तैयार किए हैं ताकि जैसे ही रास्ता खुलता है हम उन्हें(श्रमिकों को) जल्द से जल्द बाहर निकाल पाएं. आशा है कि हम जल्द ही श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल पाएंगे."

केंद्रीय मंत्री जनरल वीक सिंह और सीएम धामी पहुंचे सिल्क्यारा

केंद्रीय मंत्री जनरल वीक सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी सिल्क्यारा पहुंचे. उत्तरकाशी पहुंचने के बाद सीएम ने मीडिया से बात की. उनिहोंने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि सभी सुरक्षित बाहर आएं.  बचाव का काम पूरा होने वाला है.

ऑग़र मशीन दुरुस्त हुई.

ऑग़र मशीन दुरुस्त हुई. ड्रिलिंग का कम फिर से शुरू होगा.

दिल्ली से पहुंचे पांच वेल्डर

घटना स्थल पर दिल्ली से वेल्डिंग विशेषज्ञ पहुंचे. वेल्डर राधे रमन दुबे ने कहा कि, "हम यहां सुरंग के अंदर एमएस पाइप को वेल्ड करने के लिए आए हैं. इसके लिए पांच वेल्डर यहां आए हैं... हम वेल्डिंग मशीनों की मदद से यह काम करेंगे."

सभी मशीनें काम कर रही हैं- DM अभिषेक रूहेला

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, "सभी मशीनें काम कर रही हैं... हम अधिकांश दूरी पूरी कर चुके हैं, थोड़ा काम बचा है. अभी किसी के लिए ये बताना संभव नहीं है कि कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा. कई बार नई समस्या आ जाती है. कार्य तेजी से चल रहा है. सभी के साथ सही से समन्वय बना कर कार्य हो रहा है. कार्य पर भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों लगातार नजर रख रहे हैं. भारत सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है."


 

अभी जो बचाव कार्य चल रहा है उसमें कुछ चुनौतियां आ रही- DM अभिषेक रूहेला

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, "अभी जो बचाव कार्य चल रहा है उसमें कुछ चुनौतियां आ रही हैं. उससे निजात पाने के लिए कुछ विशेषज्ञों को बुलाया गया है. उनके सलाह के आधार पर बचाव कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है. काम करने वाले लोगों की सुरक्षा भी आवश्यक है.

हम सामने के दरवाजे पर हैं- अर्नोल्ड डिक्स

अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे. अर्नोल्ड डिक्स ने बताया, "इस समय, ऐसा लगता है जैसे हम सामने के दरवाजे पर हैं और हम उस पर दस्तक दे रहे हैं. हम जानते हैं कि लोग दूसरी तरफ हैं. मैं देखने जा रहा हूं और देखूंगा कि क्या हो रहा है... ."

पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सिल्कयारा सुरंग पहुंचे.

प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सिल्कयारा सुरंग स्थल पहुंचे.

छठ तभी मनाएंगे जब उन्हें सुरक्षित बचा लिया जाएगा- मजदूर के परिजन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के रिश्तेदारों ने उम्मीद जताई कि सभी 41 श्रमिकों को बचाने का प्रयास आज समाप्त हो जाएगा. "उम्मीद है कि वे आज बाहर आ जाएंगे. हम अपनी दिवाली, छठ तभी मनाएंगे जब उन्हें सुरक्षित बचा लिया जाएगा."


 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आएंगे सिल्क्यारा

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगभग सवा दस बजे सिल्क्यारा पहुँचेंगे.

जनरल वीके सिंह  चिन्याली सौड़ पहुँच रहे

जनरल वीके सिंह  चिन्याली सौड़ पहुँच रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के साथ सिल्क्यारा जाएंगे.रेस्क्यू ऑपरेशन जायज़ा का लेंगे.

टनल से जुड़े 10 बड़ी अपडेट्स पढ़ें यहां

1- टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 12वां दिन


2- टनल में आख़िरी पाइप डालने की क़वायद


3- अब तक 9 पाइप डाले गये टोटल 10 पाइप डाले जाने है


4- आख़िरी पाइप डालने से पहले ऑगर मशीन में आई ख़राबी


5- ऑगर मशीन को ठीक करने के लिये एक्सपर्ट की टीम दिल्ली से बुलाई गई है


6- टनल के आस पास ऐंबुलेंस और डॉक्टरों की तैनाती 


7- सभी पाइप डाले जान के बाद सबसे पहले NDRF की टीम को पाइप के रास्ते मज़दूरों तक भेजा जायेगा


8- बाहर निकलने के बाद मज़दूरों को चिन्याली सौर सामुदायिक अस्पताल ले जाया जायेगा


9- तकनीकी दिक़्क़तों के चलते बार-बार हो रही है रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में देरी 


10-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीती रात से ही चिन्याली सौर में मौजूद

वेल्डिंग विशेषज्ञों को दिल्ली से सिल्कयारा सुरंग बुलाया

वेल्डिंग विशेषज्ञों को दिल्ली से सिल्कयारा सुरंग  पर बुलाया गया है, जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.

रॉड आने की वजह से पाइप थोड़ा श्रिंक

800 एमएम के पाइप को भीतर डालते वक्त सामने आए लोहे की रॉड आने की वजह से पाइप थोड़ा श्रिंक कर गया है. इसके चलते उसे आगे बढ़ाने में समस्या आ रही है. इसके लिए एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है, जो पाइप के शेप को दुरुस्त करके उसे दोबारा अंदर डालने का काम करेगी.

पाइप को अंदर भेजने की प्रक्रिया फिलहाल के लिए रुकी

सूत्रों के अनुसार जिस पाइप को अंदर भेजा जा रहा था उसके आगे का हिस्सा लोहे की सरिया से टकराकर मुड़ गया था लिहाजा अब उस आगे के हिस्से को गैस कटर से काटकर अलग किया जा रहा है. बाद में उस हिस्से को छोटी-छोटी टुकड़ों में काट कर पाइप से वापस निकाला जाएगा. इसके चलते पाइप को अंदर भेजने की प्रक्रिया फिलहाल के लिए रुकी हुई है..

मशीन में आई ख़राबी की वजह से काम फिर से बाधित

टनल में ड्रिलिंग का काम फिर रूका. मशीन में आई ख़राबी की वजह से काम फिर से बाधित हुआ.मशीन को ठीक करने के लिये कुछ एक्सपर्ट बुलाये गये है 

उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला घटनास्थल पर

उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला घटनास्थल पर पहुंचे, जहां 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है.


 

हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश

ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुमकिन है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में अभी कम से कम 3 से 4 घंटे का वक़्त अभी और लगे. फंसे हुये मज़दूरों को निकालने के लिये जो 800mm वाली पाइप डाली गयी है अब इसी पाइप के अंदर NHIDCL और NDRF के जवान अंदर गये है. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की जा रही है. 

हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश

ताज़ा जानकारी के मुताबिक मुमकिन है कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में अभी कम से कम 3 से 4 घंटे का वक़्त अभी और लगे. फंसे हुये मज़दूरों को निकालने के लिये जो 800mm वाली पाइप डाली गयी है अब इसी पाइप के अंदर NHIDCL और NDRF के जवान अंदर गये है. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की जा रही है. 

कैमरे की मदद से मलबे और 41 मज़दूरों की निगरानी

कैमरे की मदद से मलबे और 41 मज़दूरों की निगरानी हो रही है. इन 41 मज़दूरों के  बाहर निकलने पर तीन स्तर पर होगी शारीरिक जाँच. पैरामेडिक, CMO और चिन्याली सौड के अस्पताल में जांच होगी.   दिल्ली से आज कुछ और मशीन और  Equipment के साथ भूगर्भशास्त्री की टीम यहाँ आयेगी और निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार किया जायेगा.


 

Uttarkashi Live Updates: मेडिकल इक्विपमेंट्स साइट पर पहुंचे

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के प्रयास जारी हैं और मेडिकल इक्विपमेंट्स साइट पर पहुंच गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आज सुरंग से मजदूरों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद है.


 

सुबह आठ बजे तक बाहर आ सकते हैं मजदूर- रेस्क्यू टीम के सदस्य

रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने दावा किया कि गुरुवार सुबह आठ बजे तक टनल के अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकते हैं. उन्होंन कहा कि सुबह आठ बजे तक सारा ऑपरेशन पूरा हो जाएगा. सभी लोग अंदर फंसे मजदूरों के लिए दुआएं कर रहे हैं. 

रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में कितना वक्त लगेगा?

जानकारों की मानें तो इस ऑपरेशन को पूरा होने में अभी करीबन 5 से 6 घंटे तक का वक्त और लग सकता है. ये उस स्थिति में होगा जब काम लगातार चलता रहे और आगे कोई अड़चन न आए.

फिर से शुरू हुई ड्रिलिंग

उत्तरकाशी टनल में ड्रिलिंग का फिर से शुरू हो गया है. अवरोध आने की वजह से ये रुक गया था. बता दें कि ड्रिलिंग काम अंतिम चरण में हैं. कभी भी मजदूरों के बाहर आने की जानकारी मिल सकती है.

झारखंड के सीएम ने इस बात पर जताई चिंता

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाले जाने में हो रही देरी पर बुधवार को चिंता व्यक्त की. रांची में सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड के अधिकारियों का एक दल मौके पर इंतजार कर रहा है ताकि राज्य के श्रमिकों को सुरंग से निकाले  जाने के तुरंत बाद उन्हें वहां से हवाई मार्ग से लाया जा सके. उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा से डंडालगांव सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के हैं. सोरेन ने कहा, “सुरंग ढहने को दस दिन बीत चुके हैं. लेकिन इसको लेकर कोई निश्चित समय नहीं है कि जो मजदूर फंसे हुए हैं वे कब बाहर आएंगे.”

टनल में ड्रिलिंग का काम रुका

उत्तरकाशी टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है. ड्रिलिंग का काम रुक गया है. कुछ अवरोध आने की वजह से ड्रिलिंग रोक दी गई है.

आज मजदूरों को मिलेगा उबला अंडा, रोटी, दाल और गोभी की सब्जी

विकास राणा नाम के अधिकारी ने बताया कि जो 41 मजदूर अंदर फंसे हैं, उनके लिए खाने में रोटी, दाल, गोभी की सब्जी और उबला हुआ अंडा है. खाना अंदर जाने से पहले डॉक्टर चेक कर रहे हैं. पैकेट में पैक होकर ये फंसे हुए मजदूरों के पास पहुंच रहा है. 





अंतिम चरण में ड्रिलिंग का काम

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे. मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य का लगातार जायजा ले रहे हैं. दूसरी तरफ सुरंग में ड्रिलिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. ऑगर मशीन से लगभग 44-45 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी हो गई है. अब करीब 20 मीटर की ही ड्रिलिंग बची हुई है. अगले दो घंटे में हो सकता है कि पाइप सुरंग से आरपार हो जाए. जिसके बाद सुरंग में 11 दिनों से फंसे हुए 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है.

चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला अस्पताल तैयार

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से निकाले जाने के बाद फंसे श्रमिकों की चिकित्सा जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला अस्पताल तैयार किया गया है. इसका वीडियो सामने आया है.





रस्सियां और स्ट्रेचर लेकर अंदर गई NDRF की टीम

एनडीआरफफ की टीम टनल के अंदर जा रही है. एनडीआरफफ टीम का अंदर जाना इस वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि टनल बनाने के बाद अब सबसे बड़ा रोल एनडीआरफफ का ही होने वाला है. एनडीआरफ की टीम रस्सियां और स्ट्रेचर अंदर लेकर गयी है. माना जा रहा है किसी भी वक्त वो खबर आ सकती है जिसमें बताया जायेगा कि 11 दिनों से फंसे मज़दूरों तक पाइप पंहुच गये हैं.

उत्तरकाशी पहुंचे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंचे. कुछ ही घंटो में सिलक्यारा रेस्क्यू पर बड़ी अपडेट आ सकती है. रेस्क्यू का काम अंतिम दौर में है. चिन्याली सौर हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की चहल कदमी शुरू हो गई है.

देश के सभी निर्माणाधीन सुरंगों का होगा सुरक्षा ऑडिट- सरकारी बयान

उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू जारी है. इस बीच एक सरकारी बयान के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) देश भर में सभी 29 निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगा.

उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए सीएम

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए. रात में मुख्यमंत्री उत्तरकाशी-यमुनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्कयारा टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेंगे.

6 मीटर की अगली लंबाई सफलतापूर्वक हासिल कर ली गई है- भास्कर खुल्बे

उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर  PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, " मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 6 मीटर की अगली लंबाई सफलतापूर्वक हासिल कर ली गई है और उम्मीद है कि अगले 2 घंटे अगले प्रयास के लिए संयोजन और उसे हासिल करने के लिहाज से अच्छे होंगे."

श्रमिक के परिजन इंद्रजीत कुमार ने कहा- वो खुश हैं....

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे एक श्रमिक के परिजन इंद्रजीत कुमार ने बताया, "मेरे दो परिचित लोग सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं जिसमें से एक मेरा भाई और दूसरा रिश्तेदार है... अधिकारी जो बात बता रहे हैं वह सच है. मैं खुद आज सुबह 6 बजे के आसपास टनल के अंदर गया था... वे लोग(श्रमिक) खुश हैं."

उत्तरकाशी में अधिकारियों ने संभाला मोर्चा

उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू  अभियान में राहत बचाव के विभिन्न कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तैनात अधिकारियों  मनीष कुमार सिंह और तेजबल सिंह, डॉ0 अखिलेश मिश्रा ने कल दिनांक  20 नवंबर को सिलक्यारा पहुंच कर  राहत बचाव कार्यों में जुट गए हैं.

तीसरा ब्लास्ट कर लिया गया

एमडी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने बताया कि बड़कोट वाले छोर से होरिजेंटल ड्रिलिंग का कार्य शुरू हो गया था. जिसमें तीसरा ब्लास्ट कर लिया गया है. इस स्थान से लगभग 8 मीटर कार्य पूरा हो गया है. 

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: श्रमिकों के परिजनों ने की बात

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे एक श्रमिक के परिजन इंद्रजीत कुमार ने बताया कि मेरे दो परिचित लोग सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं जिसमें से एक मेरा भाई और दूसरा रिश्तेदार है. अधिकारी जो बात बता रहे हैं वह सच है. मैं खुद आज सुबह 6 बजे के आसपास टनल के अंदर गया था. वे लोग (श्रमिक) खुश हैं.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आएंगे- सीएम

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "मशीन आज काम कर रही है. मुझे उम्मीद है कि सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आएंगे."

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: वर्टिकल ड्रिलिंग को रोकने का आदेश

उत्तरकाशी टनल के ऊपर किसी के भी जाने की मनाही हो गई है. सभी काम को रोकने का आदेश दिया गया है. वर्टिकल ड्रिलिंग को रोकने का आदेश दिया गया है. जो काम सिलक्यारा की तरफ से पाइप डालने की कोशिश की जा रही है अब सिर्फ उसी से ही ड्रिल किया जा रहा है.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: आसानी से हो रही बात, डॉक्टर ने सभी की हेल्थ की अपडेट ली

अधिकारियों ने बताया कि अब बातचीत के लिए एक चैनल स्थापित किया गया है. माइक्रोफोन के जरिए आसानी से बात हो रही है. डॉक्टर ने सभी की हेल्थ की अपडेट ली है और जिसको जो दवाई लेनी है वो बताया गया है.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: अधिकारियों ने पीसी कर दी ऑपरेशन की जानकारी

अपर सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने कहा, "सुरंग के अंदर 21 मीटर अंदर एक अतिरिक्त 800 मिमी पाइप भी डाला गया है. देर रात करीब 12:45 बजे हमने मशीन के माध्यम से ड्रिलिंग शुरू की और अब तक हमने तीन और पाइप डाले हैं. जब तक हम सुरंग के अंदर 45-50 मीटर तक नहीं पहुंचते हैं तब तक हम आपको इतना कुछ नहीं बता पाएंगे. हम बड़कोट से क्षैतिज ड्रिलिंग भी कर रहे हैं, हम वहां से भी लगभग 8 मीटर अंदर प्रवेश कर चुके हैं.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन पहुंची- बीआरओ मेजर

बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए हमें एक्सेस सड़क बनाना था जिसमें हमें 1150 मीटर का ट्रैक बनाना था जो कि हमने 20 तारीख को बना दिया था. इस ट्रैक के अंतिम छोर पर दो वर्टिकल ड्रिलिंग होने हैं जिसके लिए दो ड्रिलिंग मशीन पहुंचनी थी जिसमें से एक पहुंच चुकी है. हमें एक और एक्सेस सड़क बड़कोट से बनानी थी जो टनल का दूसरा साइड है उसका सर्वे हमारा कल पूरा हुआ है. हमारी मशीनरी वहां पहुंच चुकी है ताकि अगर जरूरत पड़ी तो हम वहां पर आज से काम शुरू कर सके.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: पीएमओ के पूर्व सलाहकार घटनास्थल पर पहुंचे

प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंच गए हैं. अंदर 41 श्रमिक फंसे हुए हैं.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: उम्मीद है मजदूर जल्द बाहर आएंगे- एलएंडटी के सुरक्षा प्रमुख

एलएंडटी के सुरक्षा प्रमुख, निगेल ने कहा कि मौजूदा स्थिति यह है कि ड्रिलिंग कर रहे हैं. यह बहुत अच्छा चल रहा है. हम माइक्रो-टनलिंग में भी सहायता कर रहे हैं. कार्य सही ढंग से और व्यवस्थित तरीके से किया जाना चाहिए. उम्मीद है मजदूर जल्द बाहर आएंगे.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: बीआरओ के मेजर ने दी अपडेट

बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने कहा कि करीब 1200 मीटर सड़क का निर्माण हो चुका है. दो ड्रिलिंग मशीन वाहन सुरंग स्थल पर पहुंच गए हैं. हमने 48 घंटे के भीतर ट्रैक का निर्माण कर दिया.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: घटना स्थल पर करीब 40 एंबुलेंस तैनात

उत्तरकाशी में घटना स्थल पर करीब 40 एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं. 12 नवंबर को उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था और 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं. 





Uttarakhand Tunnel Rescue Live: BRO कार्यकर्ता ने दी ऑपरेशन की अपडेट

उत्तरकाशी सुरंग हादसे में BRO कार्यकर्ता सरोज मांझी ने बताया कि कुल 37 श्रमिक सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी पर जा रहे हैं. जहां तक लक्ष्य था वहां तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है और मशीनें भी पहुंच गई हैं. आज हम सड़क की मरम्मत करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मशीनों को सुरंग स्थल तक ले जाने में कोई कठिनाई न हो.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: पीएम मोदी ने फोन कर ली जानकारी

पीएम मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन करके उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली है. सीएम धामी ने एक्स पर पोस्ट कर ये जानकारी दी. 


Uttarakhand Tunnel Rescue Live: अगले 35-40 घंटे बेहद अहम

उत्तरकाशी टनल में 22 मीटर तक जो 900mm पाइप जो शुरू में डाले गये थे, अब उनके भीतर 800mm के पाइप फिट किए जाने हैं. अगले 35-40 घंटों में श्रमिकों का बचाने में सफलता मिल सकती है.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंची एक और मशीन

एक मशीन जो कल सड़क संकरी होने के कारण फंस गई थी, अब सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंच गई है. यहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: बीआरओ मशीनों के लिए रास्ता बनाने में जुटा

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) बचाव अभियान चलाने के लिए मशीनों को गुजरने के लिए सिल्कयारा सुरंग स्थल के पास सड़कों के निर्माण में लगा हुआ है. 12 नवंबर को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: सुरंग के बाहर मंदिर में प्रार्थना

सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में प्रार्थना की जा रही है. यहां फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है. 


 





Uttarkashi Tunnel Rescue Live: आने वाले कुछ घंटे बेहद अहम

सिलक्यारा की तरफ ऑगर मशीन से की जा रही हारिजांटल ड्रिलिंग रात में शुरू कर दी गई थी. वहीं सुरंग के ऊपरी भाग पर वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीनों को स्थापित करने का काम शुरू हो गया है. साथ ही स्थान की पहचान कर ली गई है. बड़कोट की तरफ से भी वर्टिकल और हारिजांटल दोनों तरह की ड्रिलिंग की दिशा में एजेंसियों ने कदम बढ़ा दिए हैं. 41 मजदूरों को बचाने का ऑपरेशन अब निर्णायक मोड़ की तरफ बढ़ता दिख रहा है.

Uttarkashi Tunnel Rescue Live: वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए स्थान की पहचान की

सिल्कयारा टनल के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए स्थान की पहचान कर ली गई है. 12 नवंबर को उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था. 





Uttarkashi Tunnel Rescue Live: पीएम मोदी और सीएम धामी लगातार नजर बनाये हुए

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है. भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा विशेष उपकरण भी मंगवाए गए हैं. सिलक्यारा में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ, अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ और भारत सरकार की अन्य तकनीकी एजेंसियों को प्रदेश सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है. टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. पीएम मोदी स्वयं भी बचाव कार्यों पर लगातार नजर बनाये हुए हैं.

Uttarakhand Tunnel Rescue Live: देशभर में हो रही दुआएं

ओडिशा: पुरी में रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे श्रमिकों की सुरक्षा और बचाव के लिए प्रार्थना करने के लिए रेत से एक कलाकृति बनाई. 





Uttarkashi Tunnel Rescue Live: सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 11वां दिन

सिल्कयारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 11वां दिन है. श्रमिकों को पाइप के जरिए खाना-पानी दिया जा रहा है. भूस्खलन के बाद निर्माणाधीन सुरंग के 2 किलोमीटर लंबे हिस्से में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए कुल पांच एजेंसियों- ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल- को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

बैकग्राउंड

Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue Highlights: उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 14वां दिन हैं. बचाव अभियान के दौरान मंगलवार को सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया था. जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया था. 


शुक्रवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. टनल के बाहर तमाम विशेषज्ञ और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी एजेंसी और टीम सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने में जुटी हैं. लेकिन, एक बार फिर 47 मीटर पर ड्रिलिंग रूक गई है. दरअसल, टनल में नौवां पाइप ड्रिल किया जा रहा है. लेकिन, कुछ परेशानियों के कारण ड्रिलिंग रोक दिया गया है. एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मशीन के आगे बार-बार लोहे की चीजें आने से कार्य प्रभावित हो रहा है. अभी 47 मीटर तक ड्रिलिंग हुई है. करीब दस मीटर तक और ड्रिलिंग शेष है.


अधिकारियों ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप के माध्यम से सेब, संतरे, मौसमी और केले जैसे फल व इलेक्ट्रॉल जैसी आवश्यक दवाइयां पहुंचाई गईं. बचावकर्मियों ने चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के बाड़कोट-छोर पर भी दो विस्फोट किए, जिससे अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए एक और सुरंग को ड्रिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई. उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए. 


अधिकारियों ने बताया कि मलबे में डाली गई छह इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया जिससे तड़के मिले वीडियो से उनके सकुशल होने का पता चला. यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा लाया गया था. वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई देते हैं.

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