Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कायारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाए जाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. जहां एक ओर सुरंग के अंदर ड्रिल करने में असफलता मिलने के बाद दूसरे प्लान पर काम करते हुए अब टनल के ऊपर सड़क बनाकर वर्टिकल ड्रिल करने की तैयारी की जा रही है. वहीं टनल के बाहर मौजूद काम करने वाले मजदूरों ने सुरंग में फंसे मजदूर साथियों के लिए चिंता व्यक्त की है. 


दरअसल सुरंग निर्माण में काम करने वाले कुछ मजदूरों का कहना है कि सुरंग के निर्माण में रसायनों का भी उपयोग किया जाता है. जिसके कारण उसके अंदर की हवा और पानी प्रदूषित और विषाक्त हो जाते हैं. सुरंग के अंदर गैस फंसकर रह जाती है. जिससे सुरंग के अंदर बीते 9 दिनों से मौजूद मजदूरों के लिए अब हर घंटे अपना जीवन बिताना काफी मुश्किल होता जा रहा है.


सुरंग से निकलने वाली गैस बन सकती है दुश्मन


फिलहाल राहत की बात यह है कि सुरंग ढहन के तुरंत बाद किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए पतली पाइप से मजदूरों तक साफ हवा और खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है. सुरंग ढहने से कुछ समय पहले वहां पर मौजूद एक मजदूर का कहना है कि सुरंग के अंदर उन्हें कंप्रेसर से ऑक्सीजन और ताजी हवा मिलती है, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान निकलने वाली गैसों के निकलने का कोई रास्ता नहीं है. ऐसे में सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए सुरंग से निकलने वाली गैसें ही उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बन सकती हैं.


दिखी उम्मीद की किरण, वर्टिकल ड्रिल की तैयारी शुरू


वहीं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के पूर्व निदेशक पीसी नवानी का कहना है कि अगर सुरंग के शीर्ष पर वेंटिलेशन ट्यूब क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो इससे फंसे हुए श्रमिकों के लिए दम घुटने की स्थिति हो सकती है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी बीआरओ की टीम के सदस्यों का कहना है कि रेस्क्यू के लिए अब सुरंग के ऊपर सड़क बनाना का काम तेजी से किया जा रहा है. जिसके बनते ही बड़ी मशीनों को सुरंग के ऊपर ले जाकर वहां से वर्टिकल ड्रिल कर फंसे मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा.


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