Uttarakhand Tunnel Accident Rescue Update: पिछले दो सप्ताह से निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के लिए रविवार (26 नवंबर) को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी. अब तक 19.2 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है. अधिकारियों ने यहां बताया कि हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के एक दिन बाद श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी है.
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने सिलक्यारा में मीडिया को बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी है और अब तक 19.2 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि "सतलुज जलविद्युत निगम द्वारा शुरू की गयी वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य काफी जोर-शोर से चल रहा है."
ऑगर मशीन के ब्लेड टूटने से अभियान में आई थी रुकावट
महमूद अहमद ने बताया कि "ये ड्रिलिंग अगर बिना किसी अड़चन के इसी तरह चलता रहा तो हम इसे चार दिन में 30 नवंबर तक खत्म करने की उम्मीद कर सकते हैं." हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के ब्लेड शनिवार (25 नवंबर) को मलबे में फंस गए थे, जिससे बचाव अभियान में रुकावट आ गई थी. चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. जिसमें उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे. उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
फंसे ऑगर मशीन को निकाले का काम जारी
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि "मलबे में फंसे ऑगर मशीन के हिस्सों को प्लाज्मा कटर और लेजर कटर से काट कर निकालने का कार्य जारी है." उन्होंने बताया कि "शाम सात बजे की स्थिति के अनुसार मलबे में ऑगर मशीन का केवल 8.15 मीटर हिस्सा ही निकाला जाना शेष रह गया है."
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