Uttarakhand Crime News: उत्तराखंड की पुलिस लाख दावे कर ले महिलाओं की सुरक्षा के लेकिन आंकड़े कुछ और ही गवाही दे रहे हैं. उत्तराखंड में कुमाऊं में महिला अपराध बढ़ रहे हैं. इससे साफ है कि महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध रुक नहीं रहे हैं. पुलिस के पास महिलाओं से जुड़े अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है. आंकड़े इसकी साफ गवाही दे रहे हैं कि महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध चिंता का विषय है. उत्तराखंड का उधम सिंह नगर जिला पहले नंबर पर है जबकि नैनीताल दूसरे पायदान पर है,


उत्तराखंड में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाना पुलिस के लिए चुनौती बनता हुआ दिखाई दे रहा है, प्रदेश ने महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ रहे अपराधों के मामले पुलिस अधिकारियों की चिंता बढ़ रही है. पिछले पांच महीने के महिला अपराध के आंकड़े देखें तो साफ पता चलता है कि उत्तराखंड के मामले में ऊधमसिंह नगर जिला पहले और नैनीताल जिला दूसरे नंबर पर है. पूरे कुमाऊं में एक जनवरी से 31 मई तक महिला अपराध के कुल 660 मुकदमे दर्ज हुए हैं.


महिला अपराध के 660 मुकदमे दर्ज


जिनमे दुष्कर्म, हत्या, व्यपहरण, शीलभंग (जबरन शारीरिक संबंध बनाना), दहेज प्रताड़ना, यौन अपराध और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम के तहत होने वाले सर्वाधिक 374 मामले. एक जनवरी 2024 से 31 मई 2024 के बीच ऊधमसिंह नगर पुलिस ने दर्ज किए. वहीं दूसरे नंबर पर 149 अपराधों के साथ नैनीताल जिले का नाम है. कुमाऊं मंडल पुलिस कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक साइबर यौन अपराध और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत नैनीताल में एक और ऊधमसिंह नगर में चार मामले पांच महीने में दर्ज हुए हैं. ऊधमसिंह नगर जिले में महिला हत्या, दहेज हत्या के पांच और नैनीताल में एक मुकदमा दर्ज हुआ है. चिंता की बात है कि अब पर्वतीय क्षेत्रों में भी महिला अपराध बढ़ रहा है. बीते पांच महीनों में अल्मोड़ा पुलिस ने 32 और बागेश्वर पुलिस ने 14 मामले दर्ज किए हैं. पिथौरागढ़ में 51 और चंपावत में 40 मामले सामने आ चुके हैं.


उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे अपराध


पहाड़ में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पुलिस के लिए भी चिंता का विषय है, लेकिन ऐसे अपराध रोकने का कोई ठोस तरीका पुलिस के पास नहीं है. लगातार जन जागरूकता के अभियान जरूर चलाए जाते हैं, अपराधी भी पकड़े जाते हैं, लेकिन ऐसे अपराध रोकने का नाम नहीं ले रहे है.


क्या अपराधों की संख्या कम हो रही है?


वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर उत्तराखंड आईपीएस एपी अंशुमन ने एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि ऐसा नहीं है कि प्रदेश में अपराध बढ़ा है, बल्कि अपराधों में कमी आई है. महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा के मामलों को पुलिस काफी संवेदनशीलता से लेती है. उत्तराखंड पुलिस किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज करने में देर नहीं करती है. उत्तराखंड पुलिस की कार्य कुशलता के चलते ही लगातार अपराधों की संख्या कम होती जा रही है.


उत्तराखंड में 2023 और 2024 के महिला अपराधों से जुड़े मामले कुछ इस प्रकार हैं, 


2023            2024


हत्या 15      =      06


दहेज हत्या 12  =  06


अपहरण     36  =  37


बलात्कार  133 =  141


एसिड अटैक  0   =  0


चेन स्नेचिंग    0  =  1


शील भंग    125  = 103


गर्भपात      0    =  01


केवल 498A 35 = 22


498A दहेज अधिनियम 103 = 67


अन्य अपराध 312 = 263


महिलाओं के साथ हुए साइबर यौन अपराध 5 = 8


मुस्लिम विवाह अधिनियम 8 = 5


पिछले साल के मुकाबले बढ़े आपराध


सब मिलाकर साला 2023 में कुमाऊं में कुल अपराध महिलाओं के खिलाफ हुए 784 जबकि 2024 में ये अपराध हुए 660, लेकिन इस सब में महिलाओं के साथ बलात्कार जैसे जघन्य अपराध इस साल पिछले साल के मुकाबले बढ़े हैं. फिलहाल पुलिस का कहना है कि हर प्रकार के अपराध को रोकना हमारा काम है जिसे हम बखूबी कर रहे हैं.


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