UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC)लागू होने से सिर्फ एक कदम दूर है. राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद राज्य में यह लागू हो जाएगा. विधानसभा में यूसीसी बिल में पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा गया था. अब राजभवन ने जानकारी दी है कि इस विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है. इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना बाकी है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने बीते दिनों विधानसभा के विशेष सत्र में इस विधेयक का पारित कर दिया था. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. धामी सरकार ऐसी उम्मीद लगा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति इस विधेयक को हरी झंडी दे देंगी.
कानून बनने के बाद क्या बदलेगा?
यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में सभी धर्मों के लिए लोगों पर शादी, तलाक और उत्तराधिकारी जैसे मामलों मे एक जैसा कानून लागू होगा.इसके अलावा शादी का पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा, पंजीकरण न करवाने की स्थिति में सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है. यूसीसी लागू होने के बाद बहु विवाह पर रोक लग जाएगी. मुस्लिम धर्म चार शादी की इजाजत है जिसे बहु विवाह कहा जाता है. प्रस्तावित बिल के मुताबिक जब तक पति या पत्नी जीवित है या फिर तलाक नहीं हुआ है तो उन्हें दूसरी शादी की इजाजत नहीं होगी.
भारतीय जनता पार्टी ने साल 2022 में उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) को अपनी घोषणा पत्र मे शामिल किया था. अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिरकार यूसीसी क्या है? यूसीसी का सीधा मतलब सभी के लिए समान कानून है, चाहे फिर वह किसी भी धर्म या जाति का ही क्यों न हो.