Uttarakhand News: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट लगभग तैयार, सीएम धामी ने बताया आगे का प्लान
Uttarakhand UCC: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, यूसीसी का ड्राफ्ट लगभग पूरा होने को है, जैसे ये हमें मिलेगा इसका अवलोकन किया गया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी.
Uniform Civil Code: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) का बयान सामने आया है. सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी (UCC) को लेकर ड्राफ्ट लगभग बनकर तैयार हो गया है. इसके लिए ड्राफ्ट कमेटी ने हर वर्ग के लोगों से बात की है. ड्राफ्ट आने के बाद इसका अवलोकन किया जाएगा और फिर जो भी आगे की कार्रवाई होगी वो की जाएगी. सीएम धामी ने कहा कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि बाबा साहेब ने धारा 44 में जिन बातों का जिक्र किया है उन्हें लागू करने का अवसर हमें मिल रहा है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट बनाने वाले कमेटी ने एक साल से लोगों के बीच जाकर काम किया है. दो लाख से ज्यादा लोगों से बात की गई है. अनेकों स्टेक होल्डरों, विभिन्न संगठनों, धार्मिक संगठनों के लोगों और तमाम बुद्धिजीवियों से इसे लेकर बात की गई है, जिसके आधार पर ड्राफ्ट तैयार हो रहा है. सीएम धामी ने कहा, ड्राफ्ट लगभग पूरा होने की और है, जैसे ये हमें मिलेगा इसका अवलोकन किया गया जाएगा, सभी से चर्चा होगी और फिर जो आगे की कार्रवाई होगी वो की जाएगी.
यूसीसी को लेकर बोले सीएम धामी
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को ये दायित्व मिला कि हम यूसीसी को लागू करें. उसके लिए कमेटी बनाएं. सीएम ने कहा, भारत के संविधान की धारा 44 में प्रावधान है कि एक समान कानून होना चाहिए, इसलिए हमने पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता के सामने समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव रखा था. प्रदेश की जनता ने इस पर बीजेपी को समर्थन दिया और हमें बहुमत मिला. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि बाबा साहेब ने धारा 44 में जिन बातों को जिक्र किया है उन्हें लागू करने का अवसर हमें मिल रहा है.
इन बातों का खासतौर पर जिक्र
जानकारों की मानें तो उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट में जनसंख्या नियंत्रण को शामिल किया गया है. सूत्रों का दावा है कि समवर्ती सूची की एंट्री 20A के आधार पर इसे शामिल किया जा रहा है. तैयार किए गए ड्राफ्ट में दो बच्चों का नियम रखा गया है. इसका उल्लंघन करने वाले लोगों को वोट डालने का अधिकार नहीं दिए जाने की बात कही गई है. देश की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
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