Uttarakhand News: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति समेत दो लोगों द्वारा नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश नाकाम होने के कुछ दिन बाद मुसलमानों की दुकानों पर पोस्टर चिपके हुए मिले हैं. इन पोस्टरों में उन्हें धमकी देते हुए तुरंत पुरोला छोड़कर जाने के लिए कहा गया है. पुरोला के थाना प्रभारी खजान सिंह चौहान ने बताया कि रविवार देर शाम दुकानों पर ये पोस्टर चिपकाए गए.


पोस्टरों में मुस्लिम व्यापारियों को 15 जून तक पुरोला छोड़ने के लिए कहा गया है, जिस दिन 'देवभूमि रक्षा अभियान' द्वारा 'महापंचायत' आयोजित की जाएगी. पोस्टरों पर लिखा है, “लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि वे 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली कर दें. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो केवल समय ही बताएगा कि क्या होगा.” मुस्लिम व्यापारियों ने कहा कि वे अपनी दुकानें खोलने से डर रहे हैं और उनमें से कुछ ने शहर छोड़ दिया है.


क्या बोली पुलिस?
उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा, “हमने पोस्टर हटा दिए हैं और उन्हें चिपकाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है.” पुरोला मुख्य बाजार में 650-700 दुकानें हैं, जिनमें से 30-40 मुसलमानों की हैं. दक्षिणपंथी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता वीरेंद्र राणा ने कहा कि पोस्टर स्थानीय लोगों ने चिपकाए थे. राणा ने कहा, “पोस्टर स्थानीय लोगों ने चिपकाए थे, जो चाहते हैं कि एक विशेष समुदाय के सदस्य शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए शहर छोड़ दें. वे बाहर से व्यापार करने के लिए यहां आए थे, लेकिन अब हिंदू लड़कियों और महिलाओं को निशाना बना रहे हैं.”




पुलिस ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय व्यापार मंडल और जन प्रतिनिधियों से सोमवार को मुलाकात कर उनसे शांति और कानून- व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. चौहान ने कहा कि कथित तौर पर पोस्टर लगाने वाले ‘देवभूमि रक्षा अभियान’ के अज्ञात लोगों के खिलाफ क्षेत्र की शांति भंग करने का षड़यंत्र रचने और विशेष समुदाय की भावनाएं भड़काने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि पोस्टर चिपकाने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है और देवभूमि रक्षा अभियान से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे “भयावह” करार दिया और कहा, ‘‘हमने जो भारत बनाया है, उस पर महात्मा गांधी शर्मिंदा होंगे.’’ इस घटना से संबंधित खबर को ट्वीट करते हुए थरूर ने लिखा, “भयावह. हम इतना नीचे गिर गए हैं. हमने जो भारत बनाया है, उस पर गांधी जी शर्मिंदा होंगे. मुसलमानों के एक समूह ने पुरोला के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) देवानंद शर्मा तथा एसएचओ चौहान से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और शहर की शांति व सामाजिक सद्भाव को भंग करने की मंशा रखने वाले एक विशेष समुदाय के संदिग्ध व आपराधिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.


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शशि थरूर ने उठाया मुद्दा
उन्होंने कहा कि कस्बे में इस तरह की स्थिति पैदा करने वाले तत्वों की पहचान की जानी चाहिए. ज्ञापन में कहा गया है कि मुस्लिम परिवार वर्षों से स्थानीय लोगों के साथ शांति से रह रहे हैं और व्यापार कर रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अपराधी प्रवृत्ति के लोग बाहर से आ रहे हैं और व्यापार करने के नाम पर कस्बे में सामाजिक माहौल को खराब कर रहे हैं. उन्होंने आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की व्यापार मंडल की मांग का समर्थन किया.


कपड़ा कारोबारियों अशरफ और रईस ने कहा कि जहां तक आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की बात है, तो वे व्यापार मंडल के साथ हैं. पुरोला में कपड़े की दुकान चलाने वाले 35 वर्षीय सलीम ने कहा कि उन्हें डर की वजह से देहरादून अपने भाई के घर जाना पड़ा है. उन्होंने कहा, “हम डर में जी रहे हैं. हम इस तरह की स्थिति में पुरोला नहीं लौट सकते. अगर वे चाहते हैं कि हम पहाड़ियों को छोड़ दें, तो अधिकारियों को पुरोला में हमारी संपत्तियों के लिए हमें मुआवजा देना चाहिए.”


सोमवार को पुरोला एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में मुस्लिम परिवारों ने कहा कि वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने अपनी दुकानें फिर से खोलने के लिए प्रशासन से सुरक्षा की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके साथ कुछ भी अप्रिय होता है तो प्रशासन जिम्मेदार होगा. पुरोला के एसडीएम शर्मा ने कहा कि कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है. उन्होंने कहा, “हम शहर में शांति बनाए रखने के लिए सभी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.”


नाबालिग हिंदू लड़की का हुआ था अपहरण
पुरोला में 26 मई को उस समय सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था जब मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो लोगों को स्थानीय लोगों ने एक नाबालिग हिंदू लड़की का अपहरण करने और उसको भगाकर ले जाने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया था. लड़की को छुड़ा लिया गया और अगले दिन हुडोली गांव से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. तनाव अब उत्तरकाशी जिले के अन्य शहरों में भी पैर पसार रहा है.


उत्तरकाशी जिला व्यापार मंडल, उससे संबद्ध निकायों और ‘हिंदू जागृति संगठन’ ने मंगलवार को चिन्यालीसौड़ में बाजार बंद आयोजित किया और टैक्सी स्टैंड से पीपल मंडी बाजार, श्यामपुर देवी मंदिर और सुलीताग होते हुए तहसील कार्यालय तक जुलूस निकाला. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवान ने कहा कि फेरीवालों को व्यवसाय चलाने के लिए पर्ची नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, “हमें बाहरी लोगों को अपना कारोबार चलाने के लिए किराए पर जगह नहीं देनी चाहिए.”


व्यापार मंडल जिला उपाध्यक्ष अमित सकलानी ने कहा, “गढ़वाल में कई जगह ऐसी हैं जो मिनी पाकिस्तान की तरह दिखती हैं क्योंकि लोग पैसे के लिए बाहरी लोगों को जगह देते हैं. यही लोग इस तरह के अपराध करते हैं.”