Uttarakhand News: उत्तरकाशी (Uttarkashi) के जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल्ला और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने सोमवार को पुरोला का दौरा कर पहाड़ी शहर में स्थिति का जायजा लिया. पिछले महीने अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति समेत दो लोगों द्वारा एक हिंदू लड़की को कथित तौर पर भगा ले जाने के नाकाम कोशिश के बाद से पुरोला और जिले के कुछ अन्य शहरों में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है.


पुरोला में मुस्लिमों द्वारा संचालित दुकानें सोमवार को लगातार 17वें दिन भी बंद रहीं, जबकि शीर्ष अधिकारियों ने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बैठक की और उनसे शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की. अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा के लिये एसडीएम, अंचल अधिकारी और पुरोला एसएचओ से भी मुलाकात की.


UP Politics: योगी सरकार के मंत्री बोले- 'निषादराज के किले पर बनी मस्जिद अवैध कब्जा, मार्च तक ढहा दिया जाएगा'


किसी को भी पुरोला छोड़ने के लिए नहीं कहा
व्यापार मंडल के अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि बैठक के दौरान ‘अपराधी प्रवृत्ति’ के मुस्लिम व्यापारियों के अलावा किसी को भी पुरोला छोड़ने के लिए नहीं कहा गया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपनी दुकानें बंद कर शहर छोड़ दिया, उन्होंने अपनी मर्जी से ऐसा किया. बृजमोहन चौहान ने आरोप लगाया कि एक समुदाय विशेष के व्यवसायियों द्वारा अपराधियों की पहचान करने में सहयोग नहीं किए जाने के कारण लोगों में गुस्सा है.


नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी, समाजसेवी राजपाल पंवार व अंकित पंवार व बीजेपी मंडल अध्यक्ष जगमोहन पंवार ने कहा कि कस्बे में माहौल बिगड़े इससे पहले अपराधियों पर कार्रवाई की जाए. गौरतलब है कि दुकानों पर लगे पोस्टर में लिखा गया था कि 15 जून की महापंचायत से पहले पुरोला छोड़ देने, अन्यथा दुष्परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी है. देवभूमि रक्षा अभियान ने यह महापंचायत बुलायी है.


दक्षिपंथी संगठनों ने आरोप लगाया कि बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले मुस्लिम दुकानदार ही इस अपहरण प्रयास एवं अतीत की ऐसी अन्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं. गौरतलब है कि नाबालिग लड़की को मुक्त करा लिया गया और आरोपियों पर बाल यौन अपराध संरक्षण कानून की धाराएं लगायी गयीं एवं उन्हें जेल भेज दिया गया.