Uttarkashi News: उत्तराखंड के पुरोला में सांप्रदायिक तनाव बने रहने के कारण बुधवार को सुरक्षा बढ़ा दी गयी. शहर में कुछ दिन पहले एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने की कथित कोशिश की गयी थी. एक मुस्लिम समेत दो व्यक्तियों द्वारा 26 मई को एक हिंदू लड़की को कथित रूप से अगवा करने की कोशिश को स्थानीय लोगों ने विफल कर दिया था. उसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की दुकानों के शटर पर पोस्टर चिपके नजर आये जिनमें उन्हें तत्काल शहर से चले जाने की धमकी दी गयी थी.


उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) की एक टुकड़ी तैनात की गयी है. पुलिस अधीक्षक के अनुसार पुलिस ने शहर के मुख्य बाजार इलाके में फ्लैग मार्च किया और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की . उनके मुताबिक पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाये रखने में सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और प्रभावशाली लोगों से सहयोग मांगा.


क्या बोली पुलिस?
अर्पण यदुवंशी ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए कहा, ‘‘इस मामले में तत्काल लड़की को मुक्त कराया गया एवं उसे उसके परिवार को सौंपा गया. आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है एवं उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.’’ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मुसलमानों की दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चिपकाने के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया है और अपराधियों के विरूद्ध उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी.




इस बीच, भैरव सेना ने शहर में जुलूस निकाला और एक खास समुदाय के विरूद्ध साजिश करार देते हुए लोगों से ‘लवजिहाद’ के विरूद्ध एकजुट होने का आह्वान किया. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की तथा ऐसी गतिविधियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा. हालांकि व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि वे शहर में अपनी दुकान खोलने वाले किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन संदिग्ध गतिविधियों में लगे आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को पुरोला में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपराधिक तत्वों तथा मादक पदार्थ का सेवन करने वालों तथा अन्य संदिग्ध गतिविधियां करने वाले लोगों से कड़ाई से निपटा जाए.’’ जब उनसे 15 जून की महा पंचायत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. अपहरण की कथित कोशिश की घटना के करीब दो सप्ताह बाद भी शहर में तनाव कम नहीं हुआ है. मुसलमानों की करीब 40 दुकानें अब भी बंद हैं.


UP Politics: अखिलेश यादव का एलान, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ AAP दिया समर्थन


पोस्टर के जरिए दी गई धमकी
रविवार शाम को चिपकाये गये पोस्टर में दुकानदारों से 15 जून की महापंचायत से पहले पुरोला छोड़ देने, अन्यथा दुष्परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी है. देवभूमि रक्षा अभियान ने यह महापंचायत बुलायी है. पुरोला, बारकोट और चिनयालियासौर समेत उत्तरकाशी जिले की गंगा एवं यमुना घाटियों के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने अपहरण के प्रयास की घटना को ‘लव जिहाद’ बताया.


इस प्रदर्शन की अगुवाई विश्व हिंदू परिषद एवं हिंदू जागृति मंच जैसे दक्षिपंथी संगठनों ने की जिसमें स्थानीय व्यापारिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले मुस्लिम दुकानदार ही इस अपहरण प्रयास एवं अतीत की ऐसी अन्य घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं. गौरतलब है कि नाबालिग लड़की को मुक्त करा लिया गया और आरोपियों पर बाल यौन अपराध संरक्षण कानून की धाराएं लगायी गयीं एवं उन्हें जेल भेज दिया गया. लेकिन इस कार्रवाई से प्रदर्शनकारी संतुष्ट नहीं है . वे नियमित रूप से शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं.


उत्तरकाशी जिला पंचायत के अध्यक्ष दीपक बिजालवान ने मकान मालिकों से अपना मकान बाहर के लोगों को किराये पर नहीं देने की भी अपील की है. स्थानीय व्यापारिक संगठनों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जिला पंचायत राज्य के बाहर से आये रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों को अपना धंधा नहीं करने देगी.