Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे मजूदरों को काफी दिक्कतों के बाद 17वें दिन लंबे जद्दोजहद के बाद आखिरकार बाहर निकालने में सफलता मिली. बाहर निकले सभी 41 मजूदरों की मेडिकल की टीम ने टनल के बाहर स्वास्थ्य परीक्षण किया. टनल के अंदर फंसे मजदूरों को रेस्क्यू के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बाहर निकलते ही मजदूरों के खुशी से आंसू छलक गए. ये मजदूर इसी माह इस टनल में बीते 12 नवंबर से फंसे हुए थे.
मजदूरों के बाहर निकलने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें गले लगा लिया है. ओड़िशा के एक मजदूर ने बाहर निकलते ही कहा कि मैं बहुत खुश हूं. वहीं टनल से बाहर निकलने पर झारखंड के मजदूर अनिल बेदिया के पिता ने कहा कि "बेटे के निकलने पर वह बहुत खुशी महसूस कर रहे हैं. हम सब दुआ कर रहे थे हमारा बेटा टनल से निकल जाए, इसके लिए हम लोग पूजा अर्चना सब कर रहे हैं." बिहार के रहने वाले मजदूर सबा अहमद के पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है.
'आज मेरे लिए होली, दिवाली, ईद सब...'
सबा अहमद के टनल में फंसने की खबर सुनकर पूरी फैमिली के साथ आस-पास के लोग उनके सही सलामत बाहर निकलने के लिए दुआ कर रहे थे. सबा अहमद के पिता ने कहा कि, आज वह बहुत खुश हैं, सारे मजदूर बाहर निकल गए हैं. आज मेरे लिए होली, दिवाली, ईद सब है.
श्रमिकों के बाहर निकाले जाने का सिलसिला खत्म
उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे श्रमिकों के बाहर निकाले जाने का सिलसिला खत्म हो गया और सभा 41 मजदूर बाहर निकाले गए. अधिकारियों ने बताया कि श्रमिकों को एक-एक करके 800 मिमी के उस पाइप के जरिए बाहर निकाला गया जिसे मलबे में ड्रिल करके डाला गया था. सभी श्रमिक सुरक्षित हैं.
मजदूरों को निकाले जाने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी मौजूद रहे .
बाहर निकाले गए श्रमिकों को मुख्यमंत्री ने अपने गले लगाया तथा उनसे बातचीत की. बचाव कार्य में जुटे लोगों के साहस की भी उन्होंने जमकर सराहना की.
इससे पहले अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि शाम सात बजकर पांच मिनट पर सुरंग के अवरूद्ध हिस्से में फैले मलबे की खुदाई कर पाइप आर-पार पहुंचाई गई.
चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें 41 श्रमिक फंस गए थे.