Uttarakhand Vegetable Price Hike: उत्तराखंड में मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही आम इंसान की थाली से सब्जी और फल गायब होने लगे हैं. पिछले 5 दिनों में फलों पर और सब्जियों पर 15 से 20% की वृद्धि देखने को मिल रही है. लगातार बढ़ते दाम से लोगों के लिए सब्जी और फल खरीद पाना मुश्किल होता जा रहा है, जहां चार-पांच दिन पहले फलों के दाम लगभग 20% तक काम थे वहीं अब बारिश के लगातार होने से इनके दाम बढ़ते जा रहे हैं.


उत्तराखंड के कई इलाकों में सब्जी और फलों के दम पर लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है, जहां 5 दिन पहले केले के दाम 40 से 45 रुपए थे अब वही यह दाम बढ़ाकर 60 से 70 रुपए हो गए हैं. तो लीची की अगर बात करें तो लीची के दाम पिछले 5 दिन पहले 120 रुपए प्रति किलो थी अब यही दम 170 से ₹180 किलो हो चुके हैं. वहीं अगर सेब की बात की जाए तो सेब के दाम ₹180 से एक ₹200 तक हो चुके हैं.


फल-सब्जियों को बढ़े दाम 


सब्जियों में भी टमाटर, प्याज, आलू, मटर हरी मिर्च, भिंडी, तोरी और लौकी इन सभी पर दम 10 से 20% तक बढ़े हैं. प्रदेश में मानसून आने से जहां गर्मी से लोगों को राहत मिली है तो वहीं महंगाई ने एक बार फिर से आम आदमी की जेब पर खतरा ला खड़ा किया है. प्रदेश में सब्जी और फलों के दाम में अचानक से उछाल देखने को मिल रहा है.


बारिश में नहीं हो पाती सप्लाई पूरी 


एबीपी लाइव से बात करते हुए सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अधिकांश तो यह बारिश की देन है. क्योंकि बारिश में सब्जी और फल तेजी से खराब होते हैं, जिस कारण इनके दाम बढ़ने लगते हैं. तो वहीं आम आदमी सब्जी खरीदने नहीं आता है या फिर जितनी उसकी जरूरत है उस काम लेकर जाता है. यह भी एक कारण है कि सब्जी के दाम बढ़ रहे हैं.


दूसरा पहाड़ में के रास्ते बंद हो जाते हैं और फल और सब्जी के सप्लाई ठीक से नहीं हो पाती इस कारण भी दाम बढ़ जाते हैं. वहीं अधिकांश सब्जियां रामनगर में बाहर से आती है और बारिश के दिनों में सब्जी की सप्लाई कम हो जाती है इस कारण में सब्जी पर महंगाई बढ़ने लगती है. 


महंगाई से आम आदमी परेशान 


उत्तराखंड में सब्जी और फलों पर बढ़ती महंगाई आम आदमी के लिए एक नई मुसीबत है. लगातार सब्जी और फलों के दामों में वृद्धि हो रही है, क्योंकि प्रदेश में मानसून आने के बाद लगातार हो रही बारिश से सप्लाई बाधित होती है और सप्लाई बाधित होने से सब्जी और फलों के दामों पर काफी बड़ा फर्क पड़ता है.


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