Ram Vilas Yadav News: आईएएस राम विलास यादव की बढ़ी मुश्किलें, विजिलेंस ने कसा शिकंजा, कई ठिकानों पर छापेमारी
Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttarakhand) के आईएएस राम विलास यादव (Ram Vilas Yadav) पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है. जिसके चलते उनके चार छिकानों पर विजिलेंस ने छापेमारी की है.
Ram Vilas Yadav: उत्तराखंड (Uttarakhand) के आईएएस राम विलास यादव (Ram Vilas Yadav) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जांच कमेटी को गुमराह करने का बड़ा ख़ामियाज़ा राम विलास यादव को भुगतना पड़ सकता है. शनिवार को यादव के कई ठिकानों के साथ देहरादून के सरकारी आवास में भी विजिलेंस ने छापेमारी की.
कई अहम पदों पर रहे है आरोपी यादव
लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव रहे और अभी उत्तराखंड शासन के अपर सचिव राम विलास यादव के 4 से अधिक ठिकानों पर उत्तराखंड विजिलेंस लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है. बता दें कि यादव उत्तराखंड में अपर सचिव समाज कल्याण के पद पर कार्यरत हैं. विजिलेंस की जांच में उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. जिसपर कार्रवाई की जा रही है.
रामविलास पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
गौरतलब है कि 2019 अप्रैल में उत्तराखंड विजिलेंस ने जांच के आधार पर उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था. वहीं अब उनके चार से अधिक स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. लखनऊ में दो स्थानों पर दिलकश कॉलोनी और जनता स्कूल कुर्सी रोड लखनऊ और देहरादून टिहरी हाउस में इसके अलावा गाजीपुर उनके पैतृक आवास गांव में भी छापेमारी की कार्रवाई चल रही है. बताया जा रहा है कि उनपर आय से तकरीबन 500 फ़ीसदी संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.
सपा के करीबी माने जाते है रामविलास
ये भी बता दें कि राम विलास यादव 30 जून को रिटायर होने वाले हैं, उसके पहले उनके खिलाफ विजिलेंस ने कार्रवाई तेज कर दी है, सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव रहते उन्होंने कई तरह की अनियमितताएं की थी और सपा सरकार के काफी करीबी अफसरों में उनकी गिनती होती है. उत्तराखंड में विजिलेंस ने एक हाई पावर कमेटी का गठन भी किया लेकिन राम बिलास यादव ने कभी भी विजिलेंस की जांच का सहयोग नहीं किया. अब उनके खिलाफ फिलहाल बड़े स्तर पर जांच शुरू हो गई है और उनके ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई चल रही है.
उधर देहरादून के सरकारी आवास में विजिलेंस को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं. जिनको सील करने की कार्रवाई विजिलेंस द्वारा की जा रही है. माना जा रहा है कि इन दस्तावेजों से यादव के कई कारनामों के राज खुल सकते हैं.
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