उत्तराखंड: पुरोला मामले पर मुस्लिम निकायों के सदस्य सीएम धामी से मिले, 26 मई से ही बंद हैं दुकानें
उत्तरकाशी (Uttarkashi) के पुरोला में 26 मई के बाद से मुसलमानों की कुछ दुकानें बंद हैं. ये पूरा मामले दो व्यक्तियों द्वारा एक हिंदू लड़की को कथित रूप से अगवा करने की कोशिश के बाद बढ़ा है.
Uttarkashi News: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड और हज कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) से मुलाकात की. उन्होंने मुलाकात के दौरान सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहे पुरोला कस्बे में मुसलमानों का ''उत्पीड़न' करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. छब्बीस मई को दो व्यक्तियों द्वारा एक हिंदू लड़की को कथित रूप से अगवा करने की कोशिश के बाद से पुरोला और उत्तरकाशी जिले के कुछ अन्य शहरों में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है. आरोपियों में से एक मुस्लिम था.
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, लक्सर के विधायक मोहम्मद शहजाद और हज कमेटी के अध्यक्ष खतीब अहमद सहित अन्य लोगों ने सोमवार को धामी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और दावा किया कि पुरोला में पीढ़ियों से रह रहे मुसलमानों का असामाजिक तत्वों द्वारा 'उत्पीड़न' किया जा रहा है और उन्हें शहर से पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें कहा गया है कि पहाड़ी शहर में रहने वाले मुसलमान 'आहत, उत्पीड़ित और डरे हुए' हैं.
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26 मई से बंद हैं दुकानें
ज्ञापन में धामी से भारत की 'वसुधैव कुटुम्बकम' (दुनिया एक परिवार है) की भावना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मंत्र को ध्यान में रखते हुए समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करने और पुरोला में अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. पुरोला में 26 मई के बाद से मुसलमानों की कम से कम 42 दुकानें कथित रूप से बंद हैं.
मुस्लिमों की दुकानों पर अज्ञात लोगों ने पोस्टर लगाकर उनसे कहा है कि वे 15 जून को पुरोला में हिंदू संगठनों द्वारा बुलाई गई महापंचायत से पहले शहर छोड़ दें या नतीजे का सामना करने के लिए तैयार रहें. इस घटना के बाद 15 जून को हिंदू महापंचायत बुलाई गई है.