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Deharadun News: सावधान! पीने लायक नहीं है देहरादून का पानी, मंत्रियों और अधिकारियों के घर के सैंपल भी फेल
Deharadun Water: देहरादून में पानी पर हुए एक शोध ने चिंता बढ़ा दी है, इस शोध में देहरादून के सभी वार्डों से 97 स्थानों के नमूने लिए गए, जिसमें 92 स्थानों पर पानी पीने योग्य नहीं था.
Deharadun Research On Water: देहरादून (Deharadun) में पानी पर हुए एक शोध ने चिंता बढ़ा दी है, देहरादून के अधिकतर इलाकों में पीने योग्य पानी नहीं है ऐसा दावा शोध करने वाली संस्था 'स्पैक्स' ने किया है. ये संस्था पिछले 30 सालों से अधिक समय से पानी पर हर साल शोध करती है, इस बार के शोध में देहरादून के सभी वार्डों से 97 स्थानों के नमूने लिए गए, जिसमें 92 स्थानों पर पानी पीने योग्य नहीं पाया गया.
पानी पर हुए शोध ने बढ़ाई चिंता
'स्पैक्स' द्वारा किये गये पानी पर इस शोध ने चिंता बढ़ा दी है. पानी मनुष्य के लिए सबसे जरूरी है, लेकिन अधिकतर जगहों पर जब पानी पीने योग्य ही न हो तो ये वाकई बेहद चिंताजनक हालात हैं. यहां के पानी में बहुत अधिक मात्रा में क्लोरीन पाया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए इतना हानिकारक है, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. संस्था के फाउंडर डॉ बृज मोहन शर्मा के मुताबिक इस बार जो नतीजे सामने आए हैं वह बेहद गंभीर है. पाया गया है कि कहीं पानी में क्लोरीन की मात्रा बेहद ज्यादा है तो कहीं पर कोलीफॉर्म की स्थिति असंतुलित है.
97 में से 92 पेयजल के सैंपल फेल
इस संस्था ने देहरादून में पानी की गुणवत्ता पर शोध करने के लिए सभी वार्डों से 97 पानी के नमूने लिए. इन 97 पेयजल के नमूनों में 92 नमूने फेल हो गए. मंत्रियों के आवास, डीएम आवास के आसपास भी पानी के नमूने फेल हो गए है. यही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी की कि सचिवालय और विधानसभा के पास भी पानी पीने योग्य नहीं है. कहीं पर क्लोरीन की मात्रा तय मानकों से बहुत अधिक मिली तो बंजारा बस्ती, केवल विहार, सहस्त्रधारा, भंडारीबाग, पटेल नगर में कोलीफॉर्म मानकों से अधिक मात्रा में पाया गया.
'स्पैक्स' द्वारा किये गये पानी पर इस शोध ने चिंता बढ़ा दी है. पानी मनुष्य के लिए सबसे जरूरी है, लेकिन अधिकतर जगहों पर जब पानी पीने योग्य ही न हो तो ये वाकई बेहद चिंताजनक हालात हैं. यहां के पानी में बहुत अधिक मात्रा में क्लोरीन पाया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए इतना हानिकारक है, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. संस्था के फाउंडर डॉ बृज मोहन शर्मा के मुताबिक इस बार जो नतीजे सामने आए हैं वह बेहद गंभीर है. पाया गया है कि कहीं पानी में क्लोरीन की मात्रा बेहद ज्यादा है तो कहीं पर कोलीफॉर्म की स्थिति असंतुलित है.
97 में से 92 पेयजल के सैंपल फेल
इस संस्था ने देहरादून में पानी की गुणवत्ता पर शोध करने के लिए सभी वार्डों से 97 पानी के नमूने लिए. इन 97 पेयजल के नमूनों में 92 नमूने फेल हो गए. मंत्रियों के आवास, डीएम आवास के आसपास भी पानी के नमूने फेल हो गए है. यही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी की कि सचिवालय और विधानसभा के पास भी पानी पीने योग्य नहीं है. कहीं पर क्लोरीन की मात्रा तय मानकों से बहुत अधिक मिली तो बंजारा बस्ती, केवल विहार, सहस्त्रधारा, भंडारीबाग, पटेल नगर में कोलीफॉर्म मानकों से अधिक मात्रा में पाया गया.
आम लोगों को मुहैया नहीं साफ पानी
राज्य में जल संस्थान पर प्रदेशवासियों को पर्याप्त और स्वच्छ जल देने की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार अपनी इस संस्था पर स्वच्छ जल को लेकर कितना विश्वास करती है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सचिवालय से लेकर तमाम विभागों में लाखों रुपये के आरओ और वाटर प्यूरीफायर लगाए गए हैं. जाहिर है जब मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों को ही जल संस्थान के मुहैय्या कराये गये पानी में संदेह है, तो आम आदमी को स्वच्छ पानी कैसे मिल पायेगा. पानी पर शोधकर्ता बृजमोहन शर्मा कहते हैं कि साफ पानी आम आदमी का अधिकार है और यदि सरकार साफ पानी नहीं दे सकती तो जिस तरह टैक्स के पैसे से सरकारी कार्यालयों में आरओ लगाए गए हैं उसी तरह आम आदमी के घर में भी इन्हें लगा देना चाहिए.
राज्य में जल संस्थान पर प्रदेशवासियों को पर्याप्त और स्वच्छ जल देने की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार अपनी इस संस्था पर स्वच्छ जल को लेकर कितना विश्वास करती है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सचिवालय से लेकर तमाम विभागों में लाखों रुपये के आरओ और वाटर प्यूरीफायर लगाए गए हैं. जाहिर है जब मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों को ही जल संस्थान के मुहैय्या कराये गये पानी में संदेह है, तो आम आदमी को स्वच्छ पानी कैसे मिल पायेगा. पानी पर शोधकर्ता बृजमोहन शर्मा कहते हैं कि साफ पानी आम आदमी का अधिकार है और यदि सरकार साफ पानी नहीं दे सकती तो जिस तरह टैक्स के पैसे से सरकारी कार्यालयों में आरओ लगाए गए हैं उसी तरह आम आदमी के घर में भी इन्हें लगा देना चाहिए.
दूषित पानी से होती है कई गंभीर बीमारियां
देहरादून में साफ पानी नहीं मिलने को लेकर डॉक्टरों ने भी कई बीमारियों की चिंता जताई है. साफ पानी न मिलने के चलते बड़ी संख्या में लोग पथरी समेत अन्य दूसरी बीमारियों की शिकायत लेकर आते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक दूषित पानी पीने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है जैसे-
देहरादून में साफ पानी नहीं मिलने को लेकर डॉक्टरों ने भी कई बीमारियों की चिंता जताई है. साफ पानी न मिलने के चलते बड़ी संख्या में लोग पथरी समेत अन्य दूसरी बीमारियों की शिकायत लेकर आते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक दूषित पानी पीने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है जैसे-
- बालों का सफेद होना, त्वचा रोग, पथरी की समस्या
- लिवर, किडनी, आंखों और हड्डियों के जोड़ों में समस्या
- पाचन क्षमता खराब, पेट में कीड़े, दस्त, पीलिया, उल्टी, अल्सर और पेट की दूसरी बीमारियां
- लिवर, किडनी, आंखों और हड्डियों के जोड़ों में समस्या
- पाचन क्षमता खराब, पेट में कीड़े, दस्त, पीलिया, उल्टी, अल्सर और पेट की दूसरी बीमारियां
डॉक्टर एनएस बिष्ट इसको लेकर कहते हैं कि दूषित पानी शरीर में कई तरह की बीमारियों को ला सकता है इसके लिए लोगों को चाहिए कि वो पानी को उबालकर और ठंडा करके पीएं ताकि पानी की शुद्धता बनी रहे और तमाम बीमारियों से बचा जा सके. यहां ये भी जानना जरूरी है कि डब्ल्यूएचओ की तरफ से हाल ही में एक चेतावनी भी जारी की गई थी जिसमें कहा गया है, कि आम लोग जिस आर.ओ. का इस्तेमाल कर स्वच्छ पानी पीने का दावा करते हैं वह भी शरीर के लिए नुकसानदायक बना हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि आर.ओ. से सभी लवण और जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप स्वच्छ पानी के लिए किसी एक्सपर्ट की राय ले और पानी को स्वच्छ करने के तरीके अपनाएं.
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