मौसम साफ होते ही बद्रीनाथ धाम में उमड़ी भक्तों की भीड़, 10 लाख से अधिक लोग कर चुके हैं दर्शन
Uttarakhand News: बद्रीनाथ धाम की यात्रा ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है. पिंडदान और तर्पण के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. प्रत्येक दिन लगभग तीन हजार लोग दर्शन कर रहे है.
मिली जानकारी के अनुसार दो जुलाई को 8,000 से अधिक यात्री बदरीनाथ पहुंचे थे. लेकिन इसके अगले दिन यानी तीन जुलाई को यात्रियों की संख्या घटकर 2,000 रह गई. एक जुलाई से 14 सितंबर के बीच केवल 1,43,000 यात्री ही धाम पहुंचे विशेष रूप से सात जुलाई को बदरीनाथ धाम में एक भी यात्री नहीं पहुंचा. उसके बाद के 18 दिनों में प्रति दिन यात्रियों की संख्या एक हजार से भी कम रही मानसून के कारण यात्रा पर खासा असर पड़ा था.
10 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके दर्शन
15 सितंबर के बाद मौसम साफ होने के साथ ही यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा. एक सप्ताह में 31,952 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंच चुके हैं. शुक्रवार को 7,200 यात्री बदरीनाथ पहुंचे थे. जबकि शनिवार को यह संख्या सात हजार तक पहुंच गई. इस तरह अब तक बदरीनाथ धाम में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो यात्रा के सफल संचालन की एक बड़ी उपलब्धि है.
पिंडदान और तर्पण के लिए उमड़ी भीड़
श्राद्ध पक्ष में बद्रीनाथ धाम के ब्रह्मकपाल में पिंडदान और तर्पण करने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. हर दिन लगभग तीन हजार लोग यहां अपने पितरों का पिंडदान और तर्पण कर रहे हैं. ब्रह्मकपाल में श्रद्धालुओं का यह धार्मिक अनुष्ठान विशेष महत्व रखता है, और इसे लेकर लोगों की गहरी आस्था है. यहां तक कि विदेशी नागरिक भी पिंडदान और तर्पण के इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग ले रहे हैं.
बदरीनाथ यात्रा का महत्व
बदरीनाथ धाम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं यह तीर्थयात्रा विशेष रूप से उत्तराखंड के पर्यटन और धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. बद्रीनाथ धाम का धार्मिक महत्व और इसकी प्राकृतिक सुंदरता इसे देश और दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाती है. बारिश के बाद यात्रा में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में और भी अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचे थे.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में BJP का सदस्यता अभियान तेज, 7 लाख से अधिक सदस्य जुड़े, 20 लाख का लक्ष्य