Uttarakhand Monsoon: उत्तराखंड में मॉनसून के साथ तबाही शुरू, भूस्खलन में दो की मौत, कहीं 6 घायल, CM धामी ने लिया जायजा
Uttarakhand Weather: सूचना पाकर राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे और वाहन में सवार अनिल बिष्ट को मलबे से बाहर निकालकर सोनप्रयाग के सरकारी अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने अनिल बिष्ट को मृत घोषित कर दिया.
Uttarakhand Monsoon: उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ भारी बारिश शुरू हो गई. भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में रविवार को दो लोगों की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हो गए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचकर प्रदेश भर में बारिश की स्थिति का जायजा लिया. रूद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ. वाहन के मलबे की चपेट में आने से सवार शख्स की मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक हादसा सोनप्रयाग के पास शटल पुल से करीब एक किलोमीटर पहले गौरीकुंड जाने वाले मोटर मार्ग पर हुआ. पहाड़ी से अचानक हुए भूस्खलन के कारण वाहन में बैठे शख्स की दबकर मौत हो गयी.
मानसून की दस्तक के साथ भारी बारिश शुरू
मृतक की पहचान रूद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी निवासी 50 वर्षीय अनिल बिष्ट के रूप में हुई है. सूचना पाकर राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे और वाहन में सवार अनिल बिष्ट को मलबे से बाहर निकालकर सोनप्रयाग के सरकारी अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने अनिल बिष्ट को मृत घोषित कर दिया. मलबे को साफ करने के बाद एहतियातन क्षेत्र में खड़े अन्य वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. पुलिस ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से दो वाहन क्षतिग्रस्त हुए. हालांकि, दूसरे वाहन के अंदर कोई भी मौजूद नहीं था.
भूस्खलन के मलबे की चपेट में आया वाहन
एक अन्य घटना में रोपाई कर रहे एक युवक की मौत हो गयी और तीन अन्य घायल हो गए. उत्तरकाशी जिले की पुरोला तहसील के कंडियाल गांव में बिजली गिरने से हादसा हुआ. मृतक की पहचान 20 वर्षीय अभिषेक के रूप में हुई है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक तीन घायल युवकों में से दो की हालत नाजुक बनी हुई है. बेहतर इलाज के लिए दोनों को देहरादून भेजा गया है. अनेक स्थानों पर भारी बारिश के बाद प्रदेश में कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें बंद हो गयी हैं.
चमोली जिले में भी सड़क यातायात के लिए बंद हो गई. बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंचनगंगा में बारिश का कारण मलबा आ गया था. हालांकि, कुछ घंटों बाद सड़क को यातायात के लिए खोल दिया गया. हरिद्वार में कुछ स्थानों पर भारी बारिश के कारण जलभराव से बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी. गंगा सहित कई नदियां उफान पर हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों से वर्षा की स्थिति, जलभराव और नुकसान के बारे में जानकारी हासिल की.
उन्होंने भारी बारिश के पूर्वानुमान वाले जिलों से अधिकारियों को संपर्क, संवाद और समन्वय रखने का आदेश दिया. उन्होंने जिलाधिकारियों से आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सतर्क रहने और एसडीआरएफ के साथ स्वास्थ्य कर्मियों की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने को कहा. धामी ने भारी बारिश के मद्देनजर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धामों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली और केदारनाथ धाम का ऑनलाइन अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि चारधाम यात्रा से पहले मौसम की जानकारी ले लें. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपील करता हूं कि ज्यादा मौसम खराब होने यात्रा को रोक दें और मौसम विभाग के अनुमान का पालन करें.’’