(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttrakhand Snowfall: केदारनाथ धाम में लंबे इंतजार के बाद बर्फबारी शुरू, जानें कहां-कहां बदला मौसम का मिजाज
Uttarakhand News: केदारनाथ धाम में साल 2023 की पहली बर्फबारी हुई और इस बर्फबारी के बाद यहां ठंड बढ़ गई है. इस कारण धाम में चल रहे पुर्निर्माण कार्य बाधित हो गए हैं.
Rudrapeayag News: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बर्फबारी शुरू हो गई है. इससे धाम के तापमान में भारी गिरावट आ गई है. इससे धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गए हैं. जानकारी हो कि यहां पर इस साल की पहली हो रही है. बर्फबारी होने के बाद धाम में रह रहे मजदूर अब नीचे आने लगे हैं. इसके अलावा द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के साथ ही क्रौंच पर्वत (Krounch Parwat) पर विराजमान भगवान कार्तिकेय के धाम में भी बर्फबारी हुई है. चोपता (Chopta) और तुंगनाथ (Tungnath) में बर्फबारी होने की खबर सुनते ही सैलानियों ने इधर की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.
केदारनाथ धाम में वर्ष 2023 की पहली बर्फबारी हुई है. बर्फबारी होने के बाद यहां ठंड बढ़ गई है. इस कारण धाम में चल रहे द्वितीय चरण के पुर्निर्माण कार्य बाधित हो गये हैं. धाम में पिछले लंबे समय बाद बर्फबारी हुई है. पिछले वर्षों की बात करें तो इन दिनों केदारनाथ धाम पांच फीट से अधिक बर्फ से ढका रहता था, लेकिन इस बार यहां अधिक बर्फबारी नहीं हुई है. बर्फबारी नहीं होने का लाभ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों करने में मिला, लेकिन अब बर्फ गिरने के कारण कार्य बाधित हो गये हैं और मजदूर नीचे की ओर लौटने लगे हैं. फिलहाल पूरी केदारनगरी ने बर्फ की सफेद चादर ओढ ली है और धाम पूरी तरह से कोहरे की चपेट में भी आ गया है.
केदारपुरी में नये साल की पहली बर्फबारी
आपदा के बाद से शीतकाल के समय भी केदारनाथ धाम में रह रहे ललित रामदास महाराज ने बताया कि केदारपुरी में नये साल की पहली बर्फबारी हुई है. इस बार धाम में खास बर्फ नहीं गिरी है. इस कारण निर्माण कार्यों को भी करने में आसानी रही. उन्होंने बताया कि दिसम्बर से लेकर अप्रैल माह तक केदारनाथ धाम में बर्फ जमी रहती है, मगर इस बार बर्फबारी काफी देर से हुई है, जिसका फायदा निर्माण कार्यों को करने में मिला है. उन्होंने बताया कि बर्फबारी के बाद धाम में ठंड काफी बढ़ गई है. ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में भी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी होने से दोनों धामों की खूबसूरती में भी चार चांद लग गये हैं. मिनी स्विटजरलैंड चोपता से साढ़े तीन किमी का सफर तय करने के बाद तुंगनाथ धाम पहुंचा जाता है. ऐसे में सैलानियों ने बर्फबारी की खबर सुनते ही यहां का रूख करना शुरू कर दिया है. लम्बे समय से सैलानी बर्फबारी होने का इंतजार कर रहे थे.
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