उत्तराखंड: चमोली में सफेद आफत से सावधान! भारी बर्फबारी के बीच भूस्खलन का ऑरेंज अलर्ट जारी
Uttarakhand Weather: चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की आशंका बढ़ गई है. ऐसे में DGRE ने 24 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
Uttarakhand Weather: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र चमोली में 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की प्रयोगशाला, रक्षा भूगणित अनुसंधान स्थापना (DGRE) ने रविवार को इस खतरे को लेकर 24 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया. यह अलर्ट रविवार शाम 5 बजे से सोमवार शाम 5 बजे तक प्रभावी रहेगा. इस दौरान संबंधित इलाकों में सावधानी बरतने और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की आशंका बढ़ गई है. DGRE द्वारा की गई वैज्ञानिक जांच में यह पाया गया कि बर्फबारी के बाद तापमान में बदलाव और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हिमस्खलन का खतरा बढ़ सकता है. हिमालयी क्षेत्र में हिमस्खलन की घटनाएं अक्सर होती हैं, जो न केवल स्थानीय आबादी बल्कि पर्यटकों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं.
चमोली में हिमस्खलन का ऑरेंज अलर्ट
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी ने इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए चमोली के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि ऑरेंज अलर्ट के तहत सभी आवश्यक सुरक्षा और एहतियाती उपाय सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के सभी अधिकारी सतर्क स्थिति में रहें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें.
अलर्ट के बाद चमोली जिला प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है. स्थानीय लोगों को हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है. प्रशासन ने पर्यटकों से भी अपील की है कि वे केवल सुरक्षित क्षेत्रों में ही यात्रा करें और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करें.
पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह
DGRE के विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में ट्रेकिंग, स्कीइंग और अन्य साहसिक गतिविधियों से बचना चाहिए. तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बर्फ की स्थिरता प्रभावित होती है, जिससे हिमस्खलन की संभावना और अधिक बढ़ जाती है. चमोली के निवासियों और पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें. किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें. राज्य सरकार ने भी जनता से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और सतर्क रहें.