उत्तराखंड में 29 नवंबर से बदलेगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ से वर्षा और ठंड बढ़ने की संभावना
Uttarakhand News: उत्तराखंड में काफी समय से सूखे के हालात होने के कारण कई जिलों में बीते एक महीने से बारसात नहीं हुई है. राज्य के ज्यादातर हिस्से में मौसम शुष्क बना हुआ है.
UttaraKhand News: उत्तराखंड में लंबे समय से सूखे के हालात है. लेकिन 29 नवंबर से मौसम में बदलाव की आशा जताई जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में हल्की वर्षा हो सकती है. इससे तापमान में गिरावट भी देखने को मिलेगी और वायु प्रदूषण में कमी आने की भी संभावना है. हालांकि अगले कुछ दिनों तक राज्य में मौसम शुष्क रहेगा और पहाड़ी क्षेत्रों में पाला पड़ने के साथ मैदानी इलाकों में कोहरा छाए रहने की भी संभावना है.
45 दिनों से नहीं हुई बारिश
उत्तराखंड में मानसून की विदाई के बाद से ही बारिश का कहीं भी अता-पता नहीं है. दून समेत कई जिलों में बीते 45 दिनों से एक बूंद भी बरसात नहीं हुई है. अक्टूबर और नवंबर में राज्य के ज्यादातर हिस्सों में शुष्क मौसम रहेगा. देहरादून, ऊधमसिंह नगर, मुक्तेश्वर और नई टिहरी जैसे स्थानों पर दिन में तेज धूप खिली रही है, लेकिन सुबह-शाम ठंड महसूस हो रही है.
मुख्य शहरों के तापमान (अधिकतम और न्यूनतम)
- देहरादून: 26.2°C / 10.4°C
- ऊधमसिंह नगर: 26.6°C / 9.8°C
- मुक्तेश्वर: 17.0°C / 4.2°C
- नई टिहरी: 17.8°C / 6.3°C
वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ीं
शुष्क मौसम और बरसात की कमी के चलते वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा है. इससे सांस संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधी रोगों के बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ गई है. दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि ठंडी हवाओं के कारण सांस की नली सिकुड़ने से अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने सलाह दी कि ऐसे मरीज ठंड से बचाव के साथ साथ धूल, धुआं और एरोसोल युक्त उत्पादों से दूरी बनाएं.
सुझाव के तौर पर ये अपनाएं
- गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवाओं से बचें.
- पौष्टिक आहार का सेवन करें और व्यायाम करें.
- धूम्रपान और शराब से परहेज करें.
- किसी भी प्रकार की श्वसन समस्या होने पर विशेषज्ञ से सलाह लें.
ठंड का हृदय रोगियों पर असर
सर्दियों के मौसम सबसे ज्यादा तकलीफ हृदय रोगियों को होती है. ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. दून अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने कहा कि ठंड के कारण हृदय गति और रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा और हार्ट स्ट्रोक की समस्या हो सकती है.
हृदय रोगियों के लिए सलाह
- ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें.
- सुबह की सैर से फिलहाल परहेज करें.
- शराब और धूम्रपान से बचें.
- संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें.
29 नवंबर से मौसम में बदलाव की उम्मीद
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक 29 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने की संभावना है. जिससे हिमालयी क्षेत्रों में हल्की वर्षा हो सकती है, जो प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ ठंड में भी इजाफा करेगी. हालांकि इससे पहले तक प्रदेशभर में शुष्क मौसम बने रहने का अनुमान है. पहाड़ी क्षेत्रों में पाला और मैदानी इलाकों में कोहरा जारी रहेगा.
पर्यटकों के लिए नैनीताल बना आकर्षण का केंद्र
नैनीताल में इन दिनों सर्दियों के मौसम का लुफ्त उठाने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है. झील में नौकायन करते हुए पर्यटक सर्द धूप का आनंद ले रहे हैं. सर्दियों में नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होते हैं. उत्तराखंड में लंबे समय के बाद मौसम में बदलाव की उम्मीद जा रही है. पश्चिमी विक्षोभ के कारण जहां हिमालयी क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है, वहीं ठंड और प्रदूषण के बीच स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरतना भी जरूरी है. राज्य में आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने के साथ लोगों को मौसम के प्रति तैयार रहने की सलाह दी गई है.
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