(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
देहरादून FRI में गुलदार की हलचल से दहशत, 5 दिनों के लिए पर्यटकों की एंट्री पर रोक
Guldar in Dehradun: हालिया कुछ दिनों से देहरादून के आबादी वाले इलाकों में गुलदार की सक्रियता बढ़ गई है. यहां FRI में गुलदार के निशान मिलने से दहशत फैल गई है, जिससे कई गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है.
Dehradun News Today: देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (FRI) में पिछले कुछ दिनों से गुलदार की सक्रियता बढ़ने के कारण परिसर में दहशत है. इसी वजह से संस्थान ने पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एफआरआई परिसर को पांच दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया है.
यह बंदी 2 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक लागू रहेगी. इस दौरान न केवल पर्यटकों के लिए परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंधत रहेगा, बल्कि सुबह और शाम की सैर पर आने वाले स्थानीय निवासियों के लिए भी सैर पर पाबंदी लगा दी गई है.
FRI में गुलदार के निशान
एफआरआई के प्रचार एवं संपर्क कार्यालय के अनुसार, पिछले एक सप्ताह से गुलदार बार-बार परिसर में दिखाई दे रहा है. परिसर के अलग-अलग हिस्सों में गुलदार के जरिये किए गए शिकार के अवशेष भी मिले हैं. जिससे वहां रहने और घूमने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है.
पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है, जिससे किसी अनहोनी को रोका जा सके. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग ने भी तुरंत सक्रिय हो गया है.
परिसर में लगाए गए कैमरे और पिंजरा
डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) नीरज शर्मा ने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए परिसर में पिंजरा लगाया गया है. इसके अलावा गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं. हालांकि अब तक गुलदार कैमरे में नजर नहीं आया है.
वन विभाग की टीम लगातार परिसर में गश्त कर रही है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है. गुलदार की गतिविधियों से पहले भी एफआरआई के आसपास के क्षेत्रों में लोग सतर्क थे, लेकिन हाल के दिनों में गुलदार का परिसर के अंदर आना चिंता का विषय बन गया है.
पर्यटकों के लिए एफआरआई एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है, जहां लोग इसकी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को देखने आते हैं. खासकर सप्ताहांत में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. इसलिए पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए संस्थान को बंद करने का निर्णय लिया गया है.
वन्यजीव विशेषज्ञों ने क्या कहा?
गुलदार का इस तरह से बस्तियों और सार्वजनिक स्थानों में आना जंगलों के सिकुड़ते दायरे और जानवरों के प्राकृतिक आवास में हो रहे बदलाव का एक परिणाम माना जा सकता है. वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, गुलदार जैसे जंगली जानवर भोजन की तलाश में जंगल से बाहर आकर इंसानी बस्तियों के करीब आ जाते हैं. हालांकि, ऐसे जानवर स्वाभाविक रूप से इंसानों से दूर रहना पसंद करते हैं, लेकिन जब उन्हें भूख लगती है या वे खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, तो वे बस्तियों में आ जाते हैं.
'गुलदार को पकड़ने तक गश्त जारी'
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. डीएफओ नीरज शर्मा ने कहा कि जब तक गुलदार को पकड़ा नहीं जाता या उसकी गतिविधियों पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जाता, तब तक परिसर में गश्त और निगरानी जारी रहेगी. पिंजरा और कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं और जल्द ही गुलदार की गतिविधियों पर नियंत्रण पाने की उम्मीद है.
एफआरआई के बंद होने से पर्यटकों को थोड़ी निराशा जरूर हो सकती है, लेकिन यह कदम उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही उठाया गया है. संस्थान ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से इस असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और उम्मीद जताई है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी.
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