Uttarakhand News: भारत में हाथियों की सटीक गणना कैसे की जाए इसके लिए राजाजी नेशनल पार्क में अध्ययन किया जा रहा है. एक आंकड़े के मुताबिक भारत में फिलहाल हाथियों की संख्या 29964 बताई जाती है. ये आंकड़ा भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India - WII) और कुछ अन्य संस्थाओं द्वारा की गई हाथियों की गणना पर आधारित है. हाथियों की इस गणना के लिए देशभर में विभिन्न विधियों का उपयोग किया जाता है, जिससे अनुमानित संख्या प्राप्त होती है. हालांकि, यह संख्या सटीक नहीं मानी जाती, और इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय वन्यजीव संस्थान भारत सरकार की अनुमति से एक नई और सटीक विधि की तलाश में है.
वर्तमान में हाथियों की गणना के लिए अपनाई जा रही विधियों में 5% से 55% तक का वेरिएशन हो सकता है. यह अंतर बहुत बड़ा है, जिसके कारण देश में हाथियों की सही संख्या का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है. इसलिए, वैज्ञानिक एक ऐसी विधि विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं जो न केवल सटीक हो, बल्कि तकनीकी, वैज्ञानिक और लॉजिस्टिक रूप से भी बेहतर हो. ये विधि हाथियों की गणना के समय और खर्च को भी ध्यान में रखकर तैयार की जा रही है.
भारतीय वन्यजीव संस्थान पिछले दो वर्षों से हाथियों की गणना की विधियों पर अध्ययन कर रहा है. यह अध्ययन उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में चल रहा है, जहां हाथियों की संख्या का परीक्षण किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में हाथियों की गणना के लिए इस्तेमाल होने वाली 11 अलग-अलग विधियों का आकलन किया जा रहा है. राजाजी नेशनल पार्क को इस अध्ययन के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि इसे हाथी गणना के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है.
उत्तराखंड में हाथियों की संख्या कितनी है?
उत्तराखंड में 2026 हाथियों का अनुमानित आंकड़ा है, जिसमें से सबसे अधिक हाथी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं, जबकि राजाजी नेशनल पार्क में 311 हाथियों की गणना की गई है. वैज्ञानिक इस क्षेत्र में नए मेथड पर रिसर्च कर रहे हैं ताकि गणना अधिक सटीक हो और भविष्य में इसे पूरे देश में लागू किया जा सके.
भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिलाल हबीब के अनुसार इस नई विधि के प्रोटोकॉल को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है और आने वाले 5-6 महीनों के भीतर इसे पूरा करने का दावा किया जा रहा है. यह नई विधि हाथियों की गणना को अधिक सटीक बनाने में मदद करेगी और इसके परिणाम वास्तविकता के करीब होंगे.
हाथियों की सटीक जानकारी मिलने की उम्मीद
अध्ययन के अनुसार, देश भर में लगभग 80,000 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में हाथियों का वास माना जाता है. भारत में कुल 1,000 संरक्षित क्षेत्र हैं जहां हाथी रहते हैं. दुनिया भर में करीब 50,000 एशियाई हाथी मौजूद हैं, जिसमें से 60% हाथी अकेले भारत में पाए जाते हैं. नई विधि के जरिए इन हाथियों की गणना अधिक सटीक तरीके से की जाएगी, जिससे हाथियों के संरक्षण और प्रबंधन में भी सुधार होगा.
देश भर में फैले इतने बड़े क्षेत्र में हाथियों की सटीक गणना करना वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी चुनौती है. गणना के लिए समय, खर्च और सटीकता तीनों बातों को ध्यान में रखते हुए एक नई विधि विकसित की जा रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह नई विधि भविष्य में हाथियों की गणना को अधिक वैज्ञानिक और विश्वसनीय बनाएगी, जिससे संरक्षण प्रयासों को भी दिशा मिलेगी. हाथियों की गणना की सटीकता में सुधार के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयास महत्वपूर्ण हैं. राजाजी नेशनल पार्क में चल रहे इस अध्ययन के सफल होने पर भारत में हाथियों की सटीक संख्या का पता लगाने में मदद मिलेगी, जो न केवल हाथी संरक्षण के लिए, बल्कि वन्यजीव प्रबंधन के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगी.
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