उत्तराखंड को मिलेगा एक और एक्सप्रेस वे, ट्रायल पूरा, 15 मिनट में होगा डेढ़ घंटे का सफर
Delhi Dehradun Expressway: नए एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा में करीब एक घंटे की बचत होगी.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर आशारोड़ी से गणेशपुर के बीच बने एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है. इस रोड का एक सप्ताह से चल रहा ट्रायल सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है. हालांकि, पुराने मार्ग को तुरंत बंद नहीं किया जाएगा. एक्सप्रेस-वे पर संचालन पूरी तरह शुरू होने के बाद ही पुराने मार्ग को बंद करने की योजना है. इसे वन विभाग के अधीन सौंपा जाएगा, जो इसे जंगल के रूप में विकसित करेगा.
दोपहिया वाहनों के संचालन पर स्पष्टता
नई सड़क के उपयोग पर कुछ आशंकाओं के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने साफ किया है कि इस एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया वाहनों का संचालन भी किया जाएगा. इससे वाहन चालकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. खासकर दिल्ली और देहरादून के बीच की यात्रा में समय की बचत को लेकर लोग उत्साहित हैं. आमजन के लिए यह सड़क दिसंबर 2024 में खोली जाएगी.
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नए एक्सप्रेस-वे से बचेगा समय
नए एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा में करीब एक घंटे की बचत होगी. आशारोड़ी से गणेशपुर तक, जो अभी एक घंटे में तय होता है, वह सफर अब केवल 15 मिनट का रह जाएगा. वहीं, दिल्ली में अक्षरधाम से बागपत के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) तक का 32 किलोमीटर का सफर भी इस रोड के जरिए कम समय में पूरा होगा. इस एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों को केवल 30 से 35 मिनट लगेंगे, जबकि पहले इसे तय करने में एक घंटे से अधिक का समय लगता था.
पहले और आखिरी चरण में राहत
210 किलोमीटर लंबे इस ग्रीन फील्ड कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे का पहला चरण दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर से शुरू होता है और उत्तर प्रदेश के बागपत तक जाता है. वहीं, इसका आखिरी चरण उत्तर प्रदेश के गणेशपुर से देहरादून के आशारोड़ी तक फैला है. इन दोनों चरणों में काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी के हिस्सों में काम प्रगति पर है.
यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली से मेरठ होकर जाने वाले या सहारनपुर-शामली-बागपत मार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों के लिए कई एंट्री और एग्जिट प्वाइंट से जुड़ा है. इस प्रकार, यात्रा की सुविधा के हिसाब से इसे डिजाइन किया गया है. एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 213 किलोमीटर है और इसे 11 अलग-अलग पैकेजों में विभाजित कर बनाया जा रहा है.
एक्सप्रेस-वे के विभिन्न चरण
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे को चार प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है:
1. पहला चरण:अक्षरधाम, दिल्ली से उत्तर प्रदेश सीमा तक.
2. दूसरा चरण: ईपीई क्रॉसिंग से सहारनपुर बाईपास तक.
3. तीसरा चरण: सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर तक.
4. चौथा चरण: गणेशपुर से देहरादून तक.
इन चरणों के पूरा होने के साथ ही दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा में समय की बचत के साथ ही नए रास्तों से जुड़ाव भी होगा, जिससे यात्रियों को कई विकल्प मिलेंगे.
परियोजना की विशेषताएं
यह परियोजना अपने आप में कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसका उद्देश्य न केवल यात्रा समय को कम करना है, बल्कि यातायात को भी सुगम बनाना है. इस एक्सप्रेस-वे की कुछ खास बातें निम्नलिखित हैं:
- एलिवेटेड रोड की लंबाई: 29 किलोमीटर.
- रेलवे ओवरब्रिज: इस एक्सप्रेस-वे में दिल्ली से देहरादून के बीच पांच रेलवे ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं.
- वाहन अंडरपास: एक्सप्रेस-वे में 110 वाहन अंडरपास का निर्माण हो रहा है, जिससे किसी भी इलाके में यातायात का सुचारु संचालन हो सके.
- सर्विस रोड: स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए 76 किलोमीटर लंबा सर्विस रोड बनाया जा रहा है.
- एंट्री-एग्जिट प्वाइंट: एक्सप्रेस-वे पर 16 स्थानों पर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए गए हैं, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके.
पर्यावरण संरक्षण की योजना
पुराने मार्ग को बंद करने के बाद इसे वन विभाग के अधीन कर दिया जाएगा. वन विभाग इसे जंगल में तब्दील करने की योजना बना रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा. यह मार्ग विशेषकर राजाजी टाइगर रिजर्व और शिवालिक वन प्रभाग के जंगल के बीच से गुजरता है, इसलिए इसे जंगल के रूप में संरक्षित करने से क्षेत्र में वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा.
यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा
इस एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहनों के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा निर्धारित की गई है, जो सड़क सुरक्षा के मानकों के अनुसार है. साथ ही, एक्सप्रेस-वे पर बनाए गए विभिन्न एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स के चलते यह सड़क दिल्ली से मेरठ या सहारनपुर, कहीं से भी जुड़ने वालों के लिए सुविधाजनक है. इसके अलावा, एक्सप्रेस-वे के ट्रायल से वाहन चालकों में इसे लेकर उत्साह भी देखा जा रहा है.
परियोजना के फायदे और भविष्य की योजना
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण से न केवल समय की बचत होगी बल्कि दिल्ली और देहरादून के बीच के संपर्क में भी सुधार आएगा. इसके चलते दोनों शहरों के बीच आवागमन अधिक सुगम और सुरक्षित हो जाएगा. इसके साथ ही, परियोजना में सर्विस रोड और अंडरपास जैसी सुविधाओं का होना स्थानीय लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगा. यह एक्सप्रेस-वे पर्यावरण के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से भी कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है.
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे परियोजना राजधानी दिल्ली और उत्तराखंड के बीच परिवहन के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगी. न केवल यात्री आसानी से और तेजी से गंतव्य तक पहुंच सकेंगे, बल्कि सड़क के किनारे के क्षेत्रों में भी विकास के नए द्वार खुलेंगे. इस एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के बाद पुराना मार्ग बंद कर वन विभाग को सौंपने की योजना, एक पर्यावरण अनुकूल कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो वन्यजीव संरक्षण और हरियाली के विस्तार में योगदान देगा.