Uttarakhand Assembly Session: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है. सत्र में कानून व्यवस्था से जुड़े अंकिता हत्याकांड और केदार भंडारी प्रकरण के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) परीक्षा घोटाले पर हंगामा होने के आसार हैं. इस दौरान प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 सदन में पेश किया गया. वहीं, 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट भी सीएम धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया.
सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में विपक्ष के विधायकों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सवाल पूछे. विपक्ष की ओर से प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर नियम 310 में उठाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर नियम 58 में चर्चा की जाएगी. सदन के भीतर फिर बीजेपी के मंत्री ने अपनी ही सरकार को परेशानी में डाल दिया. विकासनगर से बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने वन गुजर को लेकर प्रश्न पूछा जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
दो प्रश्नों को किया स्थगित
इस दौरान विधायक सुमित हृदयेश और विधायक मयूख महर के दो प्रश्नों को स्थगित करने को लेकर विपक्ष नाजार दिखा. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधानसभा अध्यक्ष से उनके प्रश्नों को भी जोड़ने की मांग की. उन्होंने कहा कि इन प्रश्नों को केंद्रीय विषय होने के आधार पर निरस्त किया गया है. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़क और परिवहन केंद्रीय सूची के विषय नहीं बल्कि समवर्ती सूची का विषय है. यानी सड़क के मामले में केंद्र और सरकार की जिम्मेदारी होती है. राज्य में इन सड़कों में से अधिकांश की निर्माण और रख-रखाव हमारे विभागों से किया जा रहा है, इसलिए इसे केंद्रीय विषय नहीं कहा जा सकता है.
वहीं, झबरेडा विधायक बीरेंद्र जाति ने इकबालपुर नहर परियोजना का मामला उठाया. वहीं, विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने पर सवाल किया. कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा हम चाहते हैं सभी सदस्यों का मान-सम्मान बना रहना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हम पूरी तरह से परीक्षण कराएंगे, उसके बाद ही निर्णय लेंगे. विधायक संजय डोभाल ने वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला उठाया.
सत्र से पहले धरने पर बैठे विधायक
उधर, सत्र शुरू होने से पहले ही किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ विधानसभा में धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है. गुंडा गर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है. किसानों का शेषण हो रहा है. सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए.
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सभी दलों के विधायकों से सदन की गरिमा बनाने के लिए शब्दों और आचरण का ध्यान रखने की अपील क.। साथ ही शांतिपूर्ण माहौल में जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ चर्चा कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का आग्रह किया.