Uttarakhand News: पहली बार बेटियां संभाल रहीं मदमहेश्वर धाम में मेडिकल सेवा की कमान, अब तक हजारों श्रद्धालुओं का कर चुकी हैं इलाज
Madmaheshwar Dham: लड़कियों की ये टीम दिन में मेडिकल सेवा देने के बाद जंगल से लकड़ी लाकर खुद ही खाना पका रही है. इसके अलावा बेहतर सेवाओं के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रही है.
Madmaheshwar Dham: मदमहेश्वर की बर्फीली वादियों में विषम परिस्थितियों के बीच सिक्स सिग्मा की मेडिकल सर्विस टीम तीर्थयात्रियों की सेवा में जुटी हुई है. बाबा मदमहेश्वर का मंदिर पांचों केदारों में सबसे प्रमुख माना जाता है. इस बार दो बेटियों मदमहेश्वर में मेडिकल सेवा की कमान संभाल रही हैं. मदमहेश्वर धाम की यात्रा में पहली बार बेटियां मेडिकल सर्विस दे रही हैं. सिक्स सिग्मा की टीम धाम में अब तक हजारों श्रद्धालुओं का उपचार कर चुकी है.
मदमहेश्वर धाम को लेकर क्या है मान्यता
बता दें कि चैखंभा शिखर की तलहटी में 3289 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मदमहेश्वर धाम में भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार नैसर्गिक सुंदरता के कारण ही भगवान शिव और माता पार्वती ने मधुचंद्र रात्रि यहीं मनाई थी. यहां के जल के बारे में कहा जाता है कि इस पवित्र जल की कुछ बूंदें ही मोक्ष के लिए पर्याप्त मानी जाती हैं. मदमहेश्वर धाम में सिक्स सिग्मा की टीम 2018 से मेडिकल सेवाएं दे रही है. इस बार धाम में बेटियां मेडिकल सर्विस को संभाले हुए हैं और अब तक हजारों श्रद्धालुओं का उपचार कर चुकी हैं. सिक्स सिग्मा टीम की सीनियर फार्मसिस्ट सपना ने कहा कि उनकी आर्मी व आईटीबी ट्रेनिंग मदमहेश्वर में खूब काम आ रही है.
सिक्स सिग्मा तीर्थ यात्रियों की सेवा में तत्पर अकेली मेडिकल टीम
सिक्स सिग्मा स्टाॅफ पूर्णिमा ने बताया कि मदमहेश्वर एक अत्यंत कठिन यात्रा है. यात्रा में सिक्स सिग्मा के अलावा कोई भी मेडिकल सर्विस मौजूद नहीं है. सिक्स सिग्मा ही टीम हर तीर्थ यात्री की मदद में जुटी हुई है. तीन केदार केदारनाथ, तुंगनाथ एवं मदमहेश्वर में सिक्स सिग्मा की मेडिकल सेवाएं मौजूद हैं. सिक्स सिग्मा की निस्वार्थ मेडिकल सेवा सत्य, साहस, समर्पण और पराक्रम की अनोखी दास्तान को बयां कर रही है.
उन्होंने बताया कि मेडिकल सेवा के बाद टीम के कर्मचारी अपना खाना भी खुद बनाते हैं. मदमहेश्वर धाम में सिक्स सिग्मा की टीम दिन में बेहद कठिन मेडिकल सेवा के बाद भोजन पकाने के लिए जंगल से लकड़ियां तोड़ कर लाती है और अपना खाना खुद बनाती है. टीम का नेतृत्व कर रही डाॅ. अनिता भारद्वाज ने बताया कि सिक्स सिग्मा विकट परिस्थितियों में सेवाएं दे रही है. मदमहेश्वर धाम में सुविधाएं ना होने के बावजूद भी टीम यात्रियों की सेवा में जुटी हुई है.
सैटेलाइट फोन से कर रहे वार्ता
सिक्स सिग्मा की स्टॉफ पूर्णिमा और टीम के एक चिकित्सक ने बताया कि मदमहेश्वर धाम में नेटवर्क की कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में धाम में बेहतर कम्युनिकेशन स्थापित करने के लिए सिक्स सिग्मा टीम को भारत सरकार की ओर से सैटेलाइट फोन दिये गये हैं. सैटेलाइट फोन का अर्थ है कि वह फोन, जिसमें नेटवर्क सैटेलाइट द्वारा प्रदान किया जाता है. इस प्रकार के फोन में संपर्क केवल एक सैटेलाइट फोन से दूसरे सैटेलाइट फोन में ही किया जा सकता है. जब एक दूसरे से संपर्क किया जाता है तो नेटवर्क का सिग्नल पहले एक सैटेलाइट फोन से निकलने के बाद सैटेलाइट में जाता है. इसके बाद यह सिग्नल सैटेलाइट से दूसरे फोन में भेजा जाता है.
बेटियों ने संभाली से सेवा की कमान
सिक्स सिग्मा मेडिकल सर्विस टीम के सीईओ डाॅ. प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि केदारनाथ, मदमहेश्वर व तुंगनाथ धाम में सिक्स सिग्मा की टीम मेडिकल सेवाएं दे रही हैं. उन्होंने बताया कि इस बार मदमहेश्वर धाम की कमान बेटियां संभाल रही हैं. जो तीर्थयात्रियों की सेवा करने के साथ ही अपने लिए खाना पकाने के लिए जंगल से लकड़ियां भी लेकर आ रही हैं. विषम परिस्थितियों में सिक्स सिग्मा की मेडिकल टीम पहाड़ी क्षेत्रों में सेवाएं दे रही है.
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