Uttarakhand Election: यमुनोत्री सीट पर सियासी घमासान, कांग्रेस के बागी ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय
Yamunotri Seat: उत्तराखंड की यमुनोत्री सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प बन गई हैं. कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संजय डोभाल की सक्रियता ने यहां पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
Triangle Fight On Yamunotri Seat: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अस्तित्व में आयी यमुनोत्री विधानसभा, गंगा घाटी और यमुना घाटी को जोड़ती है. इस विधानसभा में टिहरी झील (Tehri Jheel) के किनारे चिन्यालीसौड़ नगर पालिका है. यहां की खास बात ये है कि यहां का भूगोल और मतदाताओं का मूड इसे सबसे अलग करता है. 76 हजार मतदाताओं वाली इस विधानसभा के लोगों ने बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress) और निर्दलीय सभी नेताओं को मौका दिया है. लेकिन इस बार इस सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प बन गई हैं. कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे संजय डोभाल (Sanjay Dhobhal) की सक्रियता ने यहां पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
यमुनोत्री सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
यमुनोत्री विधानसभा में 2002 से लेकर 2017 तक हुए चार विधानसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें इस सीट पर एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को जीत हासिल हुई है. जबकि उत्तराखंड क्रांति दल के उम्मीदवार ने अपनी खुद की मेहनत के बूते दो बार जीत दर्ज की है. एक मुकाबला तो वो बेहद कम अंतर से ही हारे थे. कांग्रेस के टिकट पर 2007 में यहां से केदार सिंह रावत विधायक बने और फिर 2017 में भाजपा के टिकट पर वो यहां से विधायक बने लेकिन इस वक्त उन्हें संजय डोभाल से अच्छी खासी टक्कर मिली थी और वो बेहद कम मार्जिन से हारे थे.
बागी नेता ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किल
इस सीट का इतिहास बताता है कि 2002, 2007 और 2012 में भाजपा के प्रत्याशी तीसरे स्थान रहे हैं. 2017 में मुकाबला तब बदला जब उक्रांद के प्रीतम पंवार ने अपनी सीट बदली. लेकिन अब संजय डोभाल बागी हो गए हैं और वो बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. जाहिर है इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने से चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है. चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों सभी ने पूरी ताकत झोंक दी हैं. उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान किया जाएगा.