Uttarakhand News: उत्तरकाशी (Uttarkashi) में पारंपरिक और ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल (Butter Festival) यानि अढूंडी उत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से मनाया गया. बटर फेस्टिवल में ऐसी भीड़ दो साल बाद देखने को मिली. गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान (Suresh Chouhan) रिबन काट कर बटर फेस्टिवल का शुभारंभ किया गया.
दो साल कोरोना के कारण भव्य नहीं हो पाया था आयोजन
समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर 28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीण सदियों से भाद्रप्रद महीने की संक्रांति को दूध, मक्खन और मट्ठा की होली खेलते आ रहे हैं. प्रकृति का आभार जताने के लिए इसका आयोजित जाता है. दुनिया के इस अनोखे उत्सव को रैथल गांव की दयारा पर्यटन उत्सव समिति और ग्राम पंचायत बीते कई वर्षों से आयोजित कर रही है. इसका हिस्सा देश-विदेश के पर्यटक भी बनते हैं. कोरोना के कारण पिछले दो सालों से छोटे स्तर पर इसका आयोजन हुआ था लेकिन इस बार भव्य आयोजन किया गया.
उत्सव के पीछे यह है कहानी
इस वर्ष ग्रामीणों और क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. रैथल के ग्रामीण गर्मियों की दस्तक के साथ ही अपने मवेशियों के साथ दयारा बुग्याल समेत गोई चिलापड़ा में बनी अपनी छावनियों में पहुंच जाते हैं. मवेशियों को ऊंचे बग्यालों में उगने वाली औषधीय गुणों से भरपूर घास दिया जाता है जिसका सकारात्मक प्रभाव दूध के उत्पादन पर भी पड़ता है. वहीं सितंबर महीने में सर्दी की शुरुआत से पहले ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ लौटने लगते हैं. वे वहां से लौटने से पहले अपने और मवेशियों की रक्षा के लिए प्रकृति का आभार जताते हैं जिसके लिए इस अनूठे उत्सव का आयोजन होता है.
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