Uttarkashi Mosque News: उत्तरकाशी में छह दशक पुरानी एक मस्जिद के भूमि रिकॉर्ड को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. हिंदू संगठनों द्वारा हाल ही में आयोजित ‘हिंदू महापंचायत’ और मस्जिद की वैधता को लेकर उठाए गए सवालों के बाद अल्पसंख्यक समुदाय ने मस्जिद की जमीन के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की आशंका जताई है. उत्तरकाशी जिले में स्थित इस मस्जिद को हिंदू संगठनों ने ‘अवैध’ बताते हुए इसके खिलाफ आपत्ति जताई थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने कथित अतिक्रमण की जांच के लिए एक समिति का गठन किया. इस समिति का नेतृत्व भटवाड़ी के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) मुकेश रमोला कर रहे हैं. समिति का उद्देश्य मस्जिद की जमीन के रिकॉर्ड की सत्यता की जांच करना है.
24 नवंबर को समिति ने मस्जिद के भूमि मालिकों को नोटिस जारी कर उनके दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया. नोटिस में कहा गया कि दस्तावेज़ नकली हो सकते हैं. इसके जवाब में मस्जिद के पक्ष ने 26 नवंबर को भूमि पंजीकरण से संबंधित दस्तावेज प्रशासन को सौंप दिए. एसडीएम मुकेश रमोला ने बताया कि समिति जल्द ही मस्जिद के भूमि रिकॉर्ड की जांच पूरी करेगी. जब इन दस्तावेजों की सत्यता स्पष्ट हो जाएगी, तो स्थिति साफ हो जाएगी. समिति अपनी रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौंपेगी, जिसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की जा सकती है
मस्जिद के भूमि रिकॉर्ड की जांच को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय ने चिंता व्यक्त की है. उनका आरोप है कि प्रशासन द्वारा मस्जिद की जमीन के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की जा सकती है. समुदाय के लोगों का कहना है कि मस्जिद छह दशकों से अस्तित्व में है और इस पर विवाद पैदा करना न केवल धार्मिक सौहार्द्र को प्रभावित करता है, बल्कि उनकी आस्था पर भी चोट पहुंचाता है.यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू संगठनों ने हाल ही में एक महापंचायत आयोजित की, जिसमें मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई. महापंचायत के बाद प्रशासन ने इस मुद्दे पर कार्रवाई तेज कर दी और मस्जिद के भूमि रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी.
सभी पक्षों की नजरें जांच रिपोर्ट पर
यह मामला क्षेत्र में संवेदनशील बन गया है. एक तरफ प्रशासन जांच के जरिए स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यक समुदाय इसे धार्मिक असमानता और उनके अधिकारों पर हमला बता रहा है.इस विवाद पर प्रशासन की जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. समिति की जांच रिपोर्ट जिला अधिकारी को सौंपी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे मामले को निष्पक्ष रूप से हल करने की कोशिश कर रहे हैं. इस विवाद ने न केवल स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया है, बल्कि यह क्षेत्र में सामुदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की चुनौती भी पेश कर रहा है. सभी पक्षों की नजरें अब जांच रिपोर्ट और प्रशासन के निर्णय पर टिकी हुई हैं.
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