Uttarakhand News: उत्तरकाशी में दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग- NH94 (Delhi Yamunotri National Highway- NH94) के खनेडा से कथनौर के बीच ऑलवेदर चौड़ीकरण के नाम पर चट्टानी मलबा सीधे यमुना नदी में डाले जाने का एनजीटी ने संज्ञान लिया है. एनजीटी (NGT) के निर्देश पर राज्य प्रदूषण बोर्ड (State Pollution Board) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. दरअसल, सड़क चौड़ीकरण के दौरान यमुना नदी में भारी चट्टानी मलबा डाले जाने का एनजीटी को एक स्थानीय समूह द्वारा शिकायती पत्र भेजा गया था, जिसमें एनजीटी ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी के नेतृत्व में क्षेत्रीय अधिकारी उत्तराखण्ड प्रदूषण बोर्ड, उप निदेशक भूतल एवं खनिकर्म विभाग और पर्यावरण अभियन्त्रण विभाग के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे हैं.
इस सयुक्त टीम की मानें तो निरिक्षण में यमुना नदी में मलबा फेंकना पाया गया है. किन स्थितिओं में यह मालबा यमुना नदी में डाला गया है इसकी जानकारी राष्टीय राजमार्ग विभाग और कार्यदायी संस्था से जुटा कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके साथ ही कुथनौर के पास डंपिंग जोन पर भूधंसाव की स्थिति देख टीम ने मेंटीनेंस की जरूरत बताई है. इसके लिए उन्होंने विभाग को जल्द से जल्द मेंटीनेंस करने के निर्देश दिए है. वहीं PMGSY और ब्रिड्कुल द्वारा नकोडा कपोड़ा गावं और दुर्बिल गावं को जाने वाली सड़क कटिंग कार्य में भी डंपिंग जोन न होकर मलबा नदी में डालने को लेकर स्थानीय प्रशासन को ठेकेदार और विभाग के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं.
रिपोर्ट में मिलेगी पूरी जानकारी
जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने कहा कि आज एनजीटी के द्वारा दिये गए आदेश के क्रम में जिले में मेरे द्वारा और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्ररीय अधिकारी के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया है. इसमें शिकायत मिली थी कि मलबा डाल कर नदी का जो बहाव है उसको बदल दिया गया है. वहीं निरीक्षण में ऐसी स्पष्ट पुष्टि तो नहीं हुई है कि प्रभाव में किसी प्रकार का कोई बदलाव है. परंतु कुछ-कुछ स्थानों से सड़क से नीचे मलबा पाया गया है. किन कारणों में और किन परिस्थितियों में ये नीचे डाला गया है इस पर अध्ययन चल रहा है जिसके बाद ही सारी रिपोर्ट मिल पाएगी.
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