Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है. दूसरी तरफ अपने के इंतजार में बैठे परिजन एक-एक पल सदियों की तरह काट रहे हैं. यूपी के लखीमपुर का बेटा मंजीत भी टनल में फंसे मजदूरों में से एक है. हादसे से दो-तीन पहले ही वो टनल में मजदूरी के लिए गया था, इसके बाद ये हादसा हो गया. बेटे की चिंता में माता पिता का बुरा हाल है.
लखीमपुर खीरी के निघासन इलाके में भेरनपुर मांझा गांव के रहने वाले चौधरी के घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. कुछ दिन पहले ही उनका बेटा मंजीत उत्तरकाशी की टनल में मजदूरी के लिए गया था. जिसके बाद 12 नवंबर को टनल धंस गई और 41 मजदूर उसमें फंस गए. हादसे की खबर मिलते ही परिवार उत्तरकाशी पहुंच गया है. इधर परिवार के अन्य सदस्य और रिश्तेदार लगातार उसकी सकुशल वापसी का इंतजार कर रहे हैं.
सुरंग में फंसा लखीमपुर खीरी का लाल
रिश्तेदारों ने बताया कि मंजीत दो भाई थे, बड़े भाई की पहले ही एक हादसे में मौत हो चुकी है. मां-बाप ने पहले ही अपना बेटा खो चुके हैं, और अब दूसरे बेटे की ऐसी खबर आने के बाद वो बुरी तरह टूट गए थे. पूरा गांव उसकी सलामती के लिए दिन रात पूजा कर रहा है ताकि वो सकुशल सुरंग से बाहर निकल सके. मां का कहना है कि उसके एक बेटे की मौत हो चुकी है अब और दर्द नहीं सकती.
हालांकि उत्तरकाशी में जिस तरह से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है और आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकालने की उम्मीद जताई जा रही है, उसके बाद परिजनों ने राहत की सांस जरूर ली है.
परिजनों को उम्मीद है कि जल्द ही टनल से सभी मजदूर सुरक्षित निकल आयेगे. मंजीत की मां भी हर पल अपने बेटे के बाहर निकलने की आस लगाए हैं. जिसके बाद उनके घर की खुशियां एक बार फिर लौट आएंगी. मंजीत की मां ने इसके लिए सरकार को धन्यवाद दिया है वहीं उसके पिता कई दिनों से उत्तरकाशी में ही डटे हैं.
आपको बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन अब आखिरी चरण में पहुंच गया है. उम्मीद है कि आज शाम तक ये पूरा हो जाएगा. मलबे में 800 एमएम का पाइप डाला गया है, जिसमें स्ट्रेचर पर लिटाकर श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा.
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