Watch: श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए बनाई जा रही है ऐसी सुरंग, सामने आया वीडियो, देखें यहां
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 800 एमएम का पाइप डाला जा रहा है, जिसमें रेंगकर या फिर स्ट्रेचर के जरिए ही मजदूर बाहर आ सकेंगे.
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू के लिए दिन रात युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन का आज तेरहवां दिन हैं, अब तक 48 मीटर से तक की ड्रिलिंग की जा चुकी है. श्रमिकों को बाहर निकालने के 800 एमएम का लोहे का पाइप डाला जा रहा है, जिसमें रेंगकर या फिर स्ट्रेचर के सहारे लिटाकर उन्हें बाहर निकाला जाएगा. इस रास्ते के अंदर का वीडियो भी सामने आया है, जिससे पता चलता है ये सुरंग अंदर से कैसी है.
सिल्क्यारा में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबे में 800 एमएम के पाइप डाले जा रहे हैं, जिसके बाद मजदूरों को निकाला जाएगा. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ये पाइप कितनी संकरा है, इस पाइप में रेंगकर या लेटकर कोहनी के सहारे ही बाहर की ओर आया जा सकता है.
पहियों वाले स्ट्रेचर से बाहर आएंगे श्रमिक
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल के मुताबिक सुरंग पूरी बनने के बाद एक एनडीआरएफ कर्मी सुरंग के अंदर जाएंगे. इसके बाद वे श्रमिको को एक-एक कर बाहर भेजना शुरू करेंगे, इस दौरान रस्सी के सहारे या फिर पहिए लगे स्ट्रेचर पर लिटाकर उन्हें बाहर निकाला जाएगा. इससे पहले पाइप को ठीक से साफ किया जाएगा, ताकि स्ट्रेचर को अंदर बाहर करने में कोई मलबा अड़ंगा न बन सके.
मु़ड़े हुए पाइप को काटा जा रहा है
इससे पहले गुरुवार को इस पाइक के आगे लोहे के भारी पाइप आ जाने की वजह से पाइप का मुहाना आगे से मुड़ गया था, जिसकी वजह से इसमें दिक्कत आ रही है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि जो पाइप टेड़ा हो गया है उसे काटने का काम चल रहा है. इस काम में अभी एक घंटे का समय और लगेगा. पहले नीचे की ओर से पाइप काटा जाएगा. इसके बाद छोटे-छोटे हिस्सों में इसे काटकर अलग किया जाएगा.
भास्कर खुल्बे ने बताया कि "पाइप काटने के बाद ऑगर ड्रिलिंग की जो कॉमन प्रक्रिया हैं, उसे शुरू कर दिया जाएगा. मशीन में ऑगर भेजेंगे फिर नया हिस्सा वेल्ड करेंगे और फिर उसे जोड़कर नई ड्रिलिंग शुरू करेंगे. अच्छी बात ये हैं पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई मेटेलिक रुकावट नहीं है. इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए. उम्मीद है कि आज शाम तक ऑपरेशन पूरा हो जाएगा.
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