वहीं इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा "ड्रिलिंग मशीन का टूटा हुआ हिस्सा और मलबा सुरंग के अंदर से हटा दिया गया है. हम उम्मीद करते हैं कि अब मैन्युअली मलबा हटाने का काम किया जाएगा, जो आज शाम तक शुरू हो सकता है. वहीं नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया टनल पर पानी का बड़ा खतरा नहीं है, वर्टिकल ड्रिलिंग के वक्त जो पानी आया था वो निकाल लिया गया है और नीचे कोई Aquifers नहीं है.
सैयद अता हसनैन ने कहा वर्टिकल ड्रिलिंग में हमने कल 15 मीटर की गहराई हासिल की थी, आज हम लगभग 30 मीटर पार कर चुके हैं. इसके बगल में लगभग 6-8 इंच की एक और ड्रिलिंग जांच की जा रही है, जो लगभग 76 मीटर तक पहुंच गई है और यह हमारी वैकल्पिक लाइफ लाइन होगी. यह बचाव कार्य तीन स्थानों से किया जा रहा है, जिनमें से टॉप-डाउन ड्रिलिंग और होरिजेंटल ड्रिलिंग सहित दो बिल्कुल विश्वसनीय हैं."
जल्द शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग
वहीं इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर एनएचएआई के सदस्य विशाल चौहान ने कहा, "मैन्युअल ड्रिलिंग किसी क्षण शुरू होने वाली है इसकी तैयारी शुरू हो गई है. इसमें 6 सदस्यों की एक टीम होगी जो तीन-तीन के समूह में काम करेगी. ड्रिलिंग के लिए धरती के अंदर की हलचल पर नजर रखने के लिए सेंसर लगे हैं."
पीएम मोदी के प्रधान सचिव रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंचे
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा और गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार को उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. सिलक्यारा टनल पहुंचे गृह सचिव ने ग्राफिकल प्रस्तुतीकरण और मैपिंग के माध्यम से टनल की भौगोलिक स्थिति को भी समझा. वहीं पिछले 16 दिनों से लगातार चल रहे राहत और बचाव कार्य की ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से सिल्कयारा सुरंग स्थल के लिए रवाना हो गए हैं.