Uttarkashi Tunnel Rescue LIVE: सुरंग से निकले श्रमिकों को चिनूक से ले जा रहे AIIMS, कल पीएम कर सकते हैं मुलाकात
Uttarakhand Silkyara Tunnel Rescue Highlights: सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर को एक-एक करके बाहर निकाला जा चुका है. ऑपरेशन कामयाब हो चुका है. पीएम मोदी ने सीएम धामी से बात की.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'मैं सबसे(श्रमिकों से) मिला, सबका हाल-चाल लिया. सभी लोग स्वस्थ हैं और प्रसन्न हैं. सभी श्रमिक, उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद कर रहे हैं. हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व मिला है. पूरे देश ने देखा कि जब हमारे श्रमिक भाई सुरंग के अंदर थे तो इस बचाव अभियान में विश्व के सबसे अच्छे प्रयास किए गए हैं. चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार एक बार उनकी ऋषिकेश एम्स में भी जांच होगी.'
सभी श्रमिकों को चिनूक हेलिकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स लेकर जाया जा रहा है.
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाले जाने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "मैं प्रभु को दंडवत प्रणाम करते हुए धन्यवाद अदा करता हूं कि वो हमारे श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर ले आए... ये हम सभी के लिए बहुत ऐतिहासिक पल था."
उत्तरकाशी टनल से निकाले गए 41 मजदूरों को ऋषिकेश एम्स लाया जा रहा है सूत्र की माने तो कल 30 नवंबर को मजदूरों से मिलने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आ सकते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिल्कयारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए श्रमिकों से टेलीफोन पर बातचीत की. बता दें कि सभी मजदूरों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है.
डॉ. प्रवीण कुमार (स्वास्थ्य निदेशक गढ़वाल मंडल) ने कहा, "पहले दिन से ही हम लगातार उनका मनोबल बढ़ा रहे थे और हम उनसे संपर्क कर रहे थे. हम खाने-पीने का सब ध्यान दे रहे थे. सुरंग में रहने से थोड़ा उनका मनोबल डाउन हुआ था लेकिन उनकी बात सबसे कराई जा रही थी. उनको ज्यादा दिक्कत नहीं हुई लेकिन जो थोड़ा बहुत हुआ हमने उसका इलाज किया. लगातार हमने उनका मनोबल बढ़ाया....प्रशासन और सभी टीमों ने निश्चित रूप सहरानीय काम किया है "
सिल्कयारा सुरंग से निकाले जाने के बाद सभी मजदूरों को लेकर 17 एंबुलेंस अस्पताल पंहुच गई है. यहां मजदूरों के हेल्थ चेकअप की व्यवस्था की गई है.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिक भाइयों की सुरक्षित वापसी बहुत ही खुशी का समाचार है. उन्हें और उनके परिवारों को मेरी दिली बधाई. भारत का निर्माण करने वाले हमारे मज़दूर भाइयों की सुरक्षा सर्वोपरि है. इस मुश्किल अभियान को सफल बनाने वाले सभी जांबाज़ों को मेरा सलाम है."
अब सुरंग से निकालने गए मजदूरों को लेकर एंबुलेंस का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया है. कुछ एंबुलेंस चिन्यालीसौड़ अस्पताल पहुंच गए हैं जहां मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा, "हमारे देश में जिस भी हमें ज़रूरत पड़ी वह प्रधानमंत्री ने मुहैया करवाई... जितने साधन जुटाए गए हैं इतने साधन किसी और ऑपरेशन के लिए नहीं जुटाए गए होंगे."
सभी मजदूरों के निकाले जाने के बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा है. सभी मजदूरों को जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है. सीएम टनल से निकल चुके हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम धामी ने एलान किया कि बौखनाग बाबा का मंदिर बनेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को एक-एक लाख रुपये का चेक सौंपा जाएगा.
रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद सीएम धामी ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बात की है. उन्होंने पीएम मोदी का आभार जताया. सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी लगातार जानकारी ले रहे थे. सीएम ने ऑपरेशन में लगे सभी लोगो का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियां इसमें लगी हुई थीं. आने वाले समय में उत्तराखंड के सभी टनल की समीक्षा करेंगे. सभी मजदूरों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं देता हूं. जिस तरह से मशीन अंदर बार-बार टूट जा रही थी लेकिन सभी टीम का मैं धन्यवाद करता हूं.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं. यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है. मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं. उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है."
पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कार सिंह धामी से बात की और बचाव कार्यों का अपडेट लिया. बता दें कि मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के बाद अस्पताल भेजा जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मैं खुश हूं क्योंकि सिल्कयारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है."
मजदूर सबा अहमद के पिता ने कहा कि बहुत खुश हैं. सारे मजदूर निकल गए. आज मेरे लिए होली, दिवाली और ईद सब है. उन्होंने एबीपी न्यूज को शुक्रिया कहा है.
सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि धैर्य, परिश्रम एवं आस्था की हुई जीत.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में पिछले 17 दिनों से फँसे हुए मज़दूरों को आज सकुशल टनल से बाहर निकाला गया ये हम सभी के लिए बेहद राहत और हर्ष की बात है. 140 करोड़ भारतीयों की प्रार्थना व NDMA समेत सभी एजेंसियों का इतने दिनों से चल रहा ऑपरेशन आख़िरकार कामयाब हुआ, आप सभी को बधाई. सरकार से आग्रह है कि मज़दूर भाईयों को त्वरित स्वास्थ्य लाभ व उचित मुआवज़ा मुहैया कराया जाएँ. सभी उन निर्माणाधीन योजनाओं का Safety Audit करवाया जाए ताकि ऐसी परिस्थिति फिर से उत्पन्न ना हो."
टनल के अंदर फंसे सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है. चार-चार की संख्या में मजदूरों को बाहर निकाला गया. भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए जा रहे हैं.
टनल के बार अब लड्डू बांटे जा रहे हैं.
एक घंटे में ये पूरा ऑपरेशन पूरा हो जाएगा.
अब तक दस मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है. एंबुलेंस वहां मौजूद है. चार चार मजदूरों को एक साथ निकाला जा रहा है.
सिल्क्यारा से अब तक पांच मजदूर बाहर निकाले जा चुके हैं. उनसे सीएम धामी और जनरल वीके सिंह ने बात की
मिर्जापुर में मां का दिल मानता ही नहीं है सुबह से बिना कुछ खाए पिए उसकी मां लगातार नए-नए पूजा पाठ कर रही है पिछले 17 दिनों से रोज उनकी मां मंदिर के दर्शन करके देवी देवताओं को खुश करने का प्रयास कर रही है ताकि उनका बेटा सुरक्षित तरल से बाहर निकल सके
टनल से दो मज़दूर बाहर निकले . विजय होरो और गणपति को बाहर निकाला. भारत माता की जय के नारे लगे
रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के बाद मजदूरों के परिजनों, रेस्क्यू टीम और प्रशासन ने राहत की सांस ली है. फिलहाल एक - एक कर के मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है. समाचार लिखे जाने तक 2 मजदूर निकाले गए हैं.
अभी कोई मज़दूर बाहर नहीं निकला है. अभी लगभग आधे घंटे घंटे में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ़ की टीमें पाइप से भीतर जायेंगी. उसके बाद मज़दूरों को निकालने का काम शुरू हो सकता है.
7 बजकर 5 मिनट पर पाइप पहुंचा है. वहां सारे लोग मौजूद हैं। वहां उत्तराखंड के सीएम, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, महमूद अहमद मौजूद हैं.
सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा- सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है, पाइप पुशिंग का कार्य मलबे के आर-पार हो चुका है. अब श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई है.
15 मिनट में पहला मजदूर बाहर निकलेगा. अंतिम पड़ाव में रेस्क्यू ऑपरेशन पहुंच गया है. 7 बजकर 5 मिनट पर पाइप पहुंचा है. वहां सारे लोग मौजूद हैं. वहां उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, महमूद अहमद मौजूद हैं.
उत्तरकाशी के टनल के रेस्क्यू को लेकर एबीपी न्यूज़ को बड़ा एक्सक्लूसिव अपडेट मिला है. विश्वस्त सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को जानाकरी दी है कि मजदूरों को बचाने का मिशन अपने आखिरी पड़ाव में है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के एक-एक जवान टनल के अंदर घुस गए हैं. नाम न बताने की शर्त पर एक आला अधिकारी का कहना है कि अगले चंद मिनट में मजदूरों को निकालने का काम शुरू हो जाएगा.
सीएम पुष्कर धामी एक बार फिर से टनल के अंदर जा रहे हैं. मुख्यमंत्री का यह मूवमेंटट इस वजह से हुआ हो क्योंकि मजदूरों के निकलने की प्रक्रिया शुरू हो गई हो.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल से बार निकल आए हैं.
टनल में पाइप काटने के बाद 800 mm का पाइप भीतर डालने के दौरान हुए कंपन की वजह से मलबा फिर आया. इसे दूर करने का काम किया जा रहा है.
मज़दूरों के बाहर आने में अभी कम से कम दो घंटे और लग सकते हैं.
NDMA मेंबर सैयद अता हसनैन ने कहा कि कल से 47 मीटर हॉरिजॉन्टल प्रोब चला है. इसके मैनुअल डिग किया गया है. यह काफी आगे पहुंची है,तकरीबन 58 मीटर तक खुदाई हो चुकी है. अंदर लोगों को जो भेजा जाएगा, हर एक शख्स को बाहर लाने के लिए 3 से 5 मिनट लग सकते हैं. मेरे ख्याल से रात भर लग सकती है. पूरी भारत सरकार औऱ उनकी सभी एजेंसिया, हर किस्म के लोग जुटे हैं. 41 मजदूरों को ऋषिकेश ले जाया जाएगा.
यूपी के अधिकारी जो उत्तराखण्ड में मौजूद है. पल पल की जानकारी योगी आदित्यनाथ को लगातार दे रहे हैं. सीएम योगी भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं. यूपी के आठ श्रमिक फंसे हुए हैं
सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों में से एक राजेंद्र बेदिया के आवास पर मिठाइयां बांटी गईं. 12 नवंबर से सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का अभियान जल्द ही समाप्त होने की उम्मीद है.
मज़दूरों को बाहर लाने में एक पाइप बाधा बना, जिसकी कटिंग का काम किया जा रहा है। अभी श्रमिकों को बाहर लाने में एक घंटे का वक़्त लग सकता है।
#देखें | उत्तरकाशी सुरंग बचाव: सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने के बाद चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है.
NDMA के अधिकारी सैयद अता हसनैन ने कहा कि अभियान इस तरह का चलता है हम 400 से ज्यादा घंटे तक हम लगे रहे हैं. पूरे सेफ्टी के साथ काम किया जा रहा है. बहुत बाधाएं आई हैं. हम कामयाबी के करीब हैं. सरकार का हर विभाग इसमें जुटा था. सबसे पहला संवाद हमने रेलवे से किया था.
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान की ताजा तस्वीर
बचाव अभियान के चलते सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है. फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है.
एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने कहा, "पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया है. पाइप आर-पार हो गया है. मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है. कम से कम 3 लोग हैं. 4 चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन होगा. एनडीआरएफ की टीमें अंदर घुस चुकी हैं. रैंप बनते ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा.'
बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंचने पर मेडिकल स्टाफ सिल्क्यारा सुरंग में पहुंच गया है.
उत्तरकाशी टनल के अंदर बिस्तर, कुर्सियाँ तैयार रखी गई हैं क्योंकि पिछले 17 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों के जल्द ही बाहर आने की उम्मीद है.
एम्स ऋषिकेश के सहायक प्रोफेसर डॉ. नरिंदर कुमार ने कहा कि 'बचाए गए श्रमिकों को केवल तभी यहां लाया जाएगा जब उत्तरकाशी जिला अस्पताल में चिकित्सा उपचार की आवश्यकताएं पूरी नहीं हो सकेंगी.एम्स ऋषिकेश में, ट्रॉमा सेंटर में 20 बिस्तर हैं और कुछ आईसीयू बेड. यदि श्रमिकों को यहां लाया जाता है, तो उन्हें अच्छी चिकित्सा देखभाल दी जा सकती है. राज्य सरकार द्वारा आदेश दिए जाने पर उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है.'
सिल्क्यारा सुरंग से बचाकर यहां लाए जाने वाले 41 श्रमिकों के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में तैयारियां पूरी हो गई हैं.
उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि , 'हमें खुशी है कि उन्हें जल्द ही बचाया जाएगा. हम उनका अच्छे तरीके से स्वागत करते हैं. हमने उन्हें बताया था कि बचाव दल पहुंच जाएगा.'
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त), पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ और बीआरओ डीजी लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्क्यारा सुरंग से बाहर आए. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया कि सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम पूरा हो गया है और जल्द ही सभी मजदूरों को बचा लिया जाएगा.
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सीएम पुष्कर धामी ने लिखा कि बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है. शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा.
टनल के बाहर बनाए गए बाबा बौखनाग के मंदिर पर पुजारी ने नारियल फोड़ा है. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के लिए बाबा को धन्यवाद दिया.
रेस्क्यू ऑपरेशन ख़त्म होने के बाद टनल से निकलने वाले सभी श्रमिकों को चिन्याली सौड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया जाएगा. यहां सभी के लिए एक-एक बेड रिज़र्व किया गया है. सभी पर मॉनिटर लगाने के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर के इंतज़ाम किए गए हैं. यही नहीं किसी भी प्रकार की दवाइयों-इंजेक्शन की कमी न हो, इसके लिए पूरा स्टॉक यहां जमा किया गया हैय
सिल्कयारा सुरंग के प्रवेश द्वार पर एनडीआरएफ कर्मी मौजूद हैं. लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, पाइप 5 5.3 मीटर तक डाला गया है और एक और पाइप को वेल्ड करके अंदर धकेला जाना है.
एक एम्बुलेंस को सुरंग के अंदर ले जाया जा रहा है. ताजा अपडेट के मुताबिक 55.3 मीटर तक पाइप डाला जा चुका है.
बचाव स्थल पर दिखीं एंबुलेंस. सेना, एसडीआरएफ और अन्य सभी एजेंसियां घटनास्थल पर मौजूद हैं. नवीनतम अपडेट के अनुसार, पाइप 55.3 मीटर तक डाला गया है.
टनल के अंदर एक एंबुलेंस लगा दी गई है. किसी भी वक्त मजदूरों को बाहर लाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
किसी भी वक़्त टनल खुल सकती है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सहित बड़े अधिकारी टनल के भीतर गए हैं. एनडीआरएफ के जवान भीतर जा रहे हैं. स्ट्रेचर, गद्दे और बेड टनल के भीतर ले जाये जा रहे हैं.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के एक-एक जवान अंदर जाएंगे और एक-एक करके 41 मजूदरों को बाहर लाया जाएगा. इसके बाद उनका चैप अप किया जाएगा.
उत्तरकाशी में टनल आर-पार हो गई है. पाइप मजदूरों तक पहुंच गया है. अब जल्द ही मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू किया जाएगा. टनल के बाहर एंबुलेंस लगाई गई हैं. बचावकर्मियों ने विक्ट्री साइन दिखाया है. अंदर माता रानी का जयकारा हुआ है.
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि हम अभी भी खुदाई कर रहे हैं. हमें कुछ और मीटर तक जाना है.हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं. 2-3 मीटर बाकी हैं.
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स, सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रार्थना करने में एक पुजारी के साथ शामिल हुए.
पहाड़ी पर वर्टिकल ड्रिलिंग फिलहाल रोक दी गई है. सुरंग के अंदर मैन्युअल ड्रिलिंग सफलतापूर्वक चल रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि नीचे ड्रिलिंग कार्य में कोई बाधा न आए, वर्टिकल ड्रिलिंग रोक दी गई है. इस बीच वर्टिकल ड्रिलिंग में मशीनें बदलने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर सिल्क्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत और बचाव कार्य के बारे में जानकारी ली.
उत्तरकाशी में रेस्क्यू का आखिरी राउंड चल रहा है. अब 2-3 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है. उम्मीद है कि कुछ देर में खुशखबरी आ सकती है. मजदूरों को जल्द अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने का काम पूरा हो गया है.
सीएम पुष्कर धामी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सिलक्यारा पहुंचकर टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया. टनल में फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना और चिकित्सकों को श्रमिक भाइयों से निरंतर संपर्क में रहने के निर्देश दिए. सभी श्रमिक स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं. बाबा बौख नाग जी से सभी श्रमिक भाइयों के सकुशल बाहर निकालने हेतु संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन की शीघ्र सफलता की कामना करता हूं.
केंद्रीय मंत्री जनरल (रि.) वीके सिंह टनल में बचाव अभियान का जायजा लेने पहुंचे हैं. पहाड़ी की चोटी से 1.2 मीटर व्यास वाले पाइप के लिए 43 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम पूरा हो गया है. बाकी काम पूरा होने में 40-50 घंटे और लग सकते हैं. पहाड़ी की चोटी से 8 मिमी व्यास वाले पाइप के लिए 78 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग भी पूरी हो गई है. पाइपलाइन में मामूली समस्या होने के कारण आगे की ड्रिलिंग अस्थायी रूप से रोक दी गई है. सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग सुचारू रूप से चल रही है.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सिलक्यारा, उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन के सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर एक भ्रामक व असत्य खबर प्रसारित की जा रही है. यह एक आधारहीन और झूठी खबर है. सिल्क्यारा टनल में ऐसा कोई भी मजदूर नहीं फंसा है. कृपया इसे शेयर करके दुष्प्रचार न करें. ऐसी भ्रामक खबरों को फैलाने वालों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लगभग 52 मीटर (मैन्युअल और बरमा मशीन ड्रिलिंग एक साथ) की गई है. उम्मीद है कि 57 मीटर के आसपास सफलता मिलेगी. 1 मीटर पाइप मेरे सामने धकेल दिया गया था, यदि 2 मीटर और चला गया तो ये लगभग 54 मीटर अंदर धकेल दिया जाएगा. उसके बाद, एक और पाइप का उपयोग किया जाएगा. पहले स्टील गार्डर मिल रहे खे, यह अब कम हो गया है. कंक्रीट मिल रहा है, इसे कटर से काटा जा रहा है.
बचावकर्मी ने बताया कि मैन्युअल खुदाई की जा रही है. हम 51 मीटर तक पहुंच गए हैं. 'रेट-होल माइनिंग' कर रहे मजदूरों ने कहा कि उम्मीद है कि काम जल्द ही पूरा हो जाएगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुछ देर में उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं. सीएम सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति का जायज़ा लेंगे. पूरी रात मैनुअली ड्रिलिंग का काम चला है. पिछले 14 घंटों में 5 मीटर से ज़्यादा की मैनुअली ड्रिलिंग करने में कामयाबी मिली है. 1.2 मीटर चौड़ी वाली वर्टिकल ड्रिलिंग भी अब तक 40 मीटर से ज़्यादा हो चुकी है. जिसके जरिये लोगों को बाहर निकालने का रास्ता बन रहा है. इसे 86 मीटर तक ड्रिल करना है.
सिल्कयारा सुरंग की तस्वीरें जहां 41 श्रमिकों को बचाने का अभियान जारी है. सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है. लगभग 2 मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है.
रात भर में मैन्युअल ड्रिलिंग के जरिए 2 से 3 मीटर खोदा गया है. अब तक 50 मीटर से ज्यादा की ड्रिलिंग हो चुकी है. अगर कोई अड़चन सामने नहीं आई तो अगले 24 घंटे के भीतर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो सकता है. करीबन 7 से 8 मीटर की दूरी बाकी है.
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि कल रात काम बहुत अच्छा हुआ. हम 50 मीटर पार कर चुके हैं. अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है. कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी.
सिल्कयारा सुरंग की आज सुबह की तस्वीरें हैं. सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है. अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है.
उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आज 17वां दिन है. अब मैन्युअल और वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. हालांकि मौसम बड़ी चुनौती बन रहा है. आईएमडी ने बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को निकालने की प्रक्रिया में प्रकृति की चुनौतियों के बावजूद, सरकार उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मजबूती से खड़ी है.
उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 1.6 मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग पूरी हो गई है. 1.6 मीटर तक पाइप डाला गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने टनल में फंसे मजदूरों के लेकर कहा आज जब हम देवी-देवताओं से प्रार्थना कर रहे हैं, मानवता के कल्याण की बात कर रहे हैं, तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाईयों को भी स्थान देना है, जो बीते करीब दो सप्ताह से उत्तराखंड की एक टनल में फंसे हुए हैं. सरकार और तमाम एजेंसियों मिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं. लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है.
उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है. एक मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग पूरी हो गई और पाइप को 1 मीटर तक अंदर धकेल दिया गया है. मैन्युअल ड्रिलिंग टनल से ऑगर मशीन बाहर निकालने के बाद शुरू हुई है.
उत्तराकाशी टनल रेसक्यू पर अपर सचिव सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय और एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद ने कहा कि "वर्टिकल बोरिंग का काम चल रहा है और करीब 36 मीटर हो चुका है हमें करीब 50 मीटर और करना है. हम सभी कार्रवाई करेंगे और हमें उम्मीद है कि हम जल्द से जल्द आगे बढ़ेंगे."
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपेरशन को लेकर नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि ऑगर का पार्ट जो फंसा था उसको निकाल लिया गया है. वहीं वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक पहुंच गई है और कुल 0.9 मीटर पाइप पुश किया गया है. वर्टिकल बोरिंग 1.2 मीटर चौड़ी पाइप को 36 मीटर तक ड्रिल कर चुके है. अभी 50 मीटर के करीब और करना है. 1.9 मीटर पाइप जो डैमेज था वो कट करना पड़ा था और उसका .9 मीटर कवर किया है. 1.9 मीटर के बाद अगला जो 6 मीटर होगा वो हमारे लिए चुनौती भरा होगा. करीब 10-12 मीटर हमें और करना पड़ेगा और करीब 12 लोगों की टीम मैन्युल ड्रिलिंग का काम कर रही है. जो रोटेशन में काम कर रहे हैं.
एनएचएआई के सदस्य विशाल चौहान ने कहा, "मैन्युअल ड्रिलिंग किसी क्षण शुरू होने वाली है और इसकी तैयारी शुरू हो गई है. इसमें 6 सदस्यों की एक टीम होगी जो तीन-तीन के समूह में काम करेगी. ड्रिलिंग के लिए धरती के अंदर की हलचल पर नजर रखने के लिए सेंसर लगे हैं."
टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर यूपी सरकार के समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा ने कहा "यहां जो भी हो रहा है तो हमारी जिम्मेदारी है कि वो हम यूपी सरकार को दें. जब मजदूर निकलेंगे तो उन्हें यहां उनके घर तक पहुंचाने की हमारी जिम्मेदारी है. यूपी के 8 लोग यहां फंसे हुए हैं, हमारी सरकार ने एयरलिफ्ट की व्यवस्था की है."
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी की सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि टनल में फंसे मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा और परिवार से उनकी बात करवाई जा रही है. वहीं अब टनल के पास स्थानीय लोगों के द्वारा हवन किया जा रहा है. केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह भी हवन में शामिल होने के लिए पंहुचे हैं.
उत्तरकाशी सुरंग मामले पर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी की सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि बारिश की संभावना है पर इससे विशेष असर नहीं पड़ेगा. हमारे सभी भाई सुरक्षित बाहर आएंगे, मैं आपको यह भरोसा दिलाना चाहता हूँ.
उत्तरकाशी में टनल हादसे के बाद 41 मजदूर उसमें फंसे रह गए थे. इस हादसे के बाद लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अमेरिका से आई ऑगर ड्रिलिंग मशीन रेस्क्यू के दौरान टनल में फंस गई थी, अब ऑगर मशीन के पार्ट्स भी काट कर टनल के अंदर से निकाल लिए हैं.
उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और इसी को लेकर नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि टनल पर पानी कितना बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि पानी बड़ा खतरा नहीं है, वर्टिकल ड्रिलिंग के वक्त जो पानी आया था वो निकाल लिया गया है और नीचे कोई Aquifers नहीं है.
टनल ऑपरेशन को लेकर नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि 1.9 मीटर तक के पाइप को काटना पड़ रहा है. क्योंकि उसके आगे ऑगर मशीन के सबसे आगे वाला पार्ट जो होता है वो फंस गया है. मेटल अगर आगे आता है तो उसे भी गैस कटर की मदद से काटकर रास्ता बनायेंगे. वर्टिकल ड्रिलिंग करते वक्त पानी आ गया था उसे निकाला जा रहा है, फिर उसे आगे जारी रखेंगे. इसका मतलब ये है कि टनल के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग अभी तक शुरू नहीं हो पाई है.
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि आज मैंने सुरंग के अंदर फंसे 41 लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की. उनके बचाव के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं. ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि हम प्रगति कर रहे हैं. मुझे टीम पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. मैन्युअल ड्रिलिंग अभी तक शुरू नहीं हुआ है. जैसे ही सुरक्षित लगेगा इसे शुरू किया जाएगा.
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने सिल्कयारा सुरंग स्थल का दौरा किया. यहां फंसे हुए 41 श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है.
प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा और मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू सिल्क्यारा टनल पर पहुंच गए हैं. पीएम मोदी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की अपडेट ले रहे हैं.
वर्टिकल ड्रिलिंग के अलावा रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना अब तक किसी भी तरह से इनवॉल्व नहीं हुई है. केवल बीआरओ ने वर्टिकल ड्रिलिंग के लिये सड़क का निर्माण किया है. सेना केवल रिफ़्ट टनल बनाने का काम करेगी, जो कि 1200 MM की होगी. उसे बनाने में लगभग सात दिन का वक्त लगेगा. रिफ्ट टनल उसी दशा में बनायी जायेगी, जब मौजूदा दोनों प्लान फेल हो जाएंगे. तब रिफ्ट टनल प्लान सी की तरह काम करेगा.
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के मुहाने के पास बने मंदिर में पूजा-अर्चना की. ऑगर मशीन की विफलता के बाद, फंसे हुए 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग कल शुरू हुई थी.
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है. मैन्युअल ड्रिलिंग 3 घंटे के बाद शुरू होगी. हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है. यह वास्तव में निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है. जल्दी भी हो सकता है, थोड़ा लंबा भी हो सकता है. अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं. सेना है बस (ऑपरेशन) की देखरेख कर रही ही. 30 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की गई है.
1-2 मीटर क्षतिग्रस्त पाइप को हटाने पर पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ और बीआरओ डीजी लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) हरपाल सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति में जो ऑगर मशीन फंसी थी, उसे हटा दिया गया है. क्षतिग्रस्त पाइप का 1.5 मीटर हिस्सा निकालने के प्रयास जारी हैं. हमें उम्मीद है कि ये जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (रि.) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है.
पुजारी दिनेश प्रसाद ने कहा कि प्रार्थना है कि वे (श्रमिक) जल्द बाहर आएं. फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित बचाव के लिए प्रार्थना की जा रही है. आज दोपहर 2.30 बजे यहां हवन पूजा का आयोजन किया जाएगा. हवन में आज हम अपने 'इष्ट देवता' की पूजा करेंगे.
पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिल्कयारा टनल बचाव स्थल पर पहुंचे हैं.
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान में सभी ने काफी प्रयास किया है. उन्होंने मशीन का आधा हिस्सा काट दिया है. पाइप के आगे का हिस्सा मुड़ गया है फिर ड्रिलिंग का काम शुरू होगा. टनकपुर से जो श्रमिक फंसे थे, मैं उनके परिवार से मिला. पीएम नरेंद्र मोदी भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं.
रात में ऑगर मशीन का पूरा ब्लेड बाहर निकाल लिया गया है. अब जिस वजह से ऑगर मशीन डिस्टर्ब हुई थी उस मेटल को काटकर बाहर किए जाने का काम शुरू होगा. 800 mm का जो पाइप भीतर डाला जा रहा था वो भी टेढ़ा हो गया है. लगभग पौन मीटर के पाइप को काटकर बाहर निकाला जायेगा. इस बाधा को दूर करने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा. ऊपर हो रही ड्रिलिंग में रात तक लगभग एक मीटर वाले हिस्से में 75 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है. मगर इसमें पानी आ जाने के कारण ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है. इसके समानांतर हो रही आठ इंच की ड्रिलिंग लगभग चालीस मीटर तक हो चुकी है. जिस जगह पानी आया है उसका आज परीक्षण किया जाएगा कि आगे की ड्रिलिंग कैसे की जाए. यह भी विचार किया जा रहा है कि आठ इंच वाली ड्रिलिंग को उतनी ही गहराई तक ले जाकर पानी पंप करके बाहर निकाला जाये.
उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वां दिन है. आज घटनास्थल पर प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा पहुंचेंगे. उनके साथ मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु भी होंगे. करीबन साढ़े नौ बजे दोनों अधिकारी पहुंचेंगे. इसके अलावा केंद्र के ही कुछ और बड़े अधिकारी भी साथ होंगे.
उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग के बाहर की सुबह की तस्वीरें. यहां 12 नवंबर को टनल धंसने से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है.
सिलक्यारा सुरंग स्थल के पास रविवार को एक कार और निजी बस के बीच टक्कर हो गई, इस घटना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दो अधिकारी घायल हो गये हैं. ये हादसा सुरंग से महज आधा किलोमीटर दूर हुआ है. जब बीआरओ के अधिकारी अपनी सरकारी गाड़ी से सुरंग के पास जा रहे थे.
हरिद्वार में देव दिवाली के मौके पर सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए प्रार्थना करते हुए हर की पौड़ी में 21 हजार दीपक जलाए गए.
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के वास्ते रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी और अब तक 19.2 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है. अधिकारियों ने अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के एक दिन बाद मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी है. मजदूरों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा.
उत्तरकाशी टनल हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि ऑगर ड्रिल मशीन के ब्लेड्स अब 8.15 मीटर तक रह गया है, ब्लेड कटिंग का काम तेजी से चल रहा है. वहीं NHIDCL के एमडी महमूद हसन ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी तेजी से चल रहा है और SJVNL का काम तेजी से चल रहा है. 1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग भी लगातार चल रही है और अब तक 19.2 मीटर तक की वर्टिकल ड्रिल किया गया है. आज रात तक 45 मीटर तक की ड्रिलिंग होने की संभावना है और इसके बाद वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दूसरी मशीन लगाई जाएगी.
उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 8 इंच की पाइप लाइन की ड्रिलिंग करीब 70-80 मीटर तक हो चुकी है और उसे रोक दिया गया है. जबकि 1.2 मीटर व्यास वाली पाइपलाइन की ड्रिलिंग करीब 20 मीटर तक की गई है.
उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने रविवार को कहा कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्सों को निकालने और हाथों से खुदाई शुरू करने के लिए काम जारी है. जबकि पिछले 14 दिनों से सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए लम्बवत ड्रिलिंग भी शुरू हो गई है.
ऑगर मशीन को काटने के लिए एक प्लाज्मा कटर और लेजर कटर को सिल्क्यारा लाया गया है. देर रात देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी पुलिस प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर प्लाज्मा कटर और लेजर कटर को सिल्क्यारा टनल में भेजा है.
ऑगर मशीन के क्षतिग्रस्त हिस्से को बाहर निकालने के लिए प्लाज्मा कटर दुर्घटना स्थल पर पहुंच गया. ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को काटकर निकाला जा रहा है और वर्टिकल टनल (ड्रिलिंग) का निर्माण शुरू हो गया है. वहीं 6 इंच व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. फिलहाल टेस्टिंग के तौर पर वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. टनल के अंदर इस ड्रिलिंग का क्या असर हो सकता है, इसको चेक किया जा रहा. ड्रिलिंग से जमीन के अंदर कंपन कितना हो रहा है इसको चेक किया जा रहा है.
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर नया अपडेट सामने आया है. अब ड्रिल करने वाली अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के कारण सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के अभियान में आए व्यवधान के बाद अब चार योजनाओं पर विचार किया जा रहा है.
सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान को लेकर अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने कहा, "हमने कल से 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है. हमने SJVNL को हमारे लिए 1-1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए कहा है. हमने उन स्थानों की पहचान की है जहां से बेहतर ड्रिलिंग हो सकती है. लगभग 15 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है, हमने एक जगह की पहचान की है जहां से हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है, यह अगले 2 दिनों में पूरी हो जाएगी."
टनल में फंसे लोगों की अलग-अलग राज्यों में रह रहे परिवारजनों से बात करवाई गई है. सबा अहमद के परिवार वालों ने बताया कि उनकी भी बात हुई है. इसका मतलब जो दूरसंचार की लाइन अंदर भेजे जाने की खबर थी अब वह लाइन अंदर पहुंच गई है इसी वजह से यह बातचीत मुमकिन हो पाई है. सबा अहमद और गब्बर सिंह ने अंदर फंसे लोगों की हिम्मत बढ़ाने का काम अब तक किया है. ये दोनों बाकी सभी लोगों को अंदर एक्सरसाइज और मनोबल बढ़ाने का काम करते है. सभी को संगठित रखने का काम भी इन्हीं दोनों का है. उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले गब्बर सिंह नेगी नाइट शिफ्ट के सुपरवाइजर भी हैं. ये हादसा नाइट शिफ्ट में काम कर रहे लोगों के साथ ही हुआ है. जब वो सुबह काम खत्म कर बाहर आ रहे थे, तभी यह हादसा हुआ.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर भ्रमण के दौरान उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे टनकपुर के छीनिगोठ निवासी पुष्कर सिंह एरी के घर जाकर उनके परिजनों से मिले. सीएम धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि टनल में फंसे सभी श्रमिकों को जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि सभी श्रमिक सकुशल हैं, सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मौके पर तेजी से कार्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक मजदूर की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और श्रमिकों को खाद्य सामग्री भी नियमित पहुंचाई जा रही है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज रविवार (26 नवंबर) को हल्द्वानी पहुंचे. जहां उन्होंने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होकर उसे आशीर्वाद दिया. रक्षा मंत्री के हल्द्वानी दौरे को लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से प्रयास कर रही है. केंद्रीय व राज्य की एजेंसियां लगातार मजदूरों को निकालने का काम कर रही हैं. खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार पूरे रेस्क्यू अभियान की मॉनीटरिंग कर रहे हैं और जल्द ही सभी मजदूर भाइयों को रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप के भीतर अभी ऑगर का 13.09 मीटर ही हिस्सा बचा रह गया है. जिसे काटकर निकाला जाना है. आज देर रात या कल सुबह तक ऑगर का फंसा हुआ हिस्सा काट के पाइप से बाहर निकाल लिया जायेगा. बाकी विकल्पों पर भी काम चल रहा है. अब मैनुअली पाइप में मलबा हटाकर रेस्क्यू को आगे बढ़ाया जायेगा.
अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने कहा कि यहां होने वाली असामान्य स्थिति हो सकती है, जहां चट्टानों की श्रेणी बदल जाती है. इसकी जांच होनी चाहिए. जो क्षेत्र ढहा है, वह पहले नहीं टूटा था, न ही गिरा था, यहां तक कि इस बात का भी कोई संकेत नहीं मिला था कि ये ढहने वाला है. इसलिए, ये हमारे लिए चुनौती का एक हिस्सा है.
वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई है. 6 इंच व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. फिलहाल टेस्टिंग के तौर पर ड्रिलिंग की जा रही है. टनल के अंदर इस ड्रिलिंग का क्या असर हो सकता है, ड्रिलिंग से जमीन के अंदर कंपन कितना हो रहा है, इसको चेक किया जा रहा है. एक बार जब यह ड्रिलिंग पूरी तरह से सफल हो जाएगी उसके बाद चौड़ा पाइप डालने को लेकर फैसला किया जाएगा.
एसजेवीएन ने सुरंग के शीर्ष पर वर्टिकल ड्रिलिंग कार्य शुरू किया. दूसरे विकल्प के तौर पर सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया है.
टनल में फंसे यूपी के श्रावस्ती के 6 मजदूरों के परिवार वालों की उम्मीदें लगातार टूटती नजर आ रही हैं. परिवार वालों के सब्र का बांध भी उन मशीनों के साथ टूट रहा है. परिवार की महिलाओं की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. सुरंग में फंसे सत्यदेव के बेटे दिव्यांश का कहना है कि उम्मीदें तो बहुत हैं. कहते हैं निकल जाएंगे. बीच-बीच में सरिया फंस जाता है. फिर बहुत टाईम लगता है. एक दिन हो जाता है दो दिन हो जाता है, ऐसा करते करते टाइम बीतता ही जा रहा है, तो घर में भी सभी परेशान हो जाते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, ऑगर मशीन विफल हो गई है, और हमें पाइप से इसे निकालने में कई तकनीकी कठिनाइयां हो रही हैं. हालांकि, आज सुबह यह बहुत तेजी से हो रहा है क्योंकि प्लाज्मा कटर आ गए हैं. यहां मौजूद बहादुर लोग प्लाज्मा कटर के साथ एक पाइप में वहां जा रहे हैं और इसे टुकड़े-टुकड़े कर रहे हैं. आज सुबह से तेज काम हुआ है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर निवासी श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे. पुष्कर सिंह ऐरी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हैदराबाद से लाई गई प्लाज़्मा मशीन ने सुबह से काम करना शुरू कर दिया है. तेजी से कटाई चल रही है. 14 मीटर और कटना बाकी है. मशीन को काटकर बाहर लाना है. ऐसा लगता है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा. उसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी
इंजीनियरिंग ग्रुप लार्सन एंड टुब्रो के क्रिस कूपर ने कहा कि हम ऑगर मशीन के पुर्जे काट रहे हैं, यह जारी है. हमें इसे तेजी से काटने के लिए एक प्लाज्मा मशीन मिली है.
प्लाज्मा कटर मशीन पहुंच गई है. ये मशीन हैदराबाद से एयरलिफ़्ट कर मंगाई गई है. पाइप में फंसी ऑगर मशीन को इससे काट के निकाल लिया जाएगा. इसमें कई घंटों का वक्त लग सकता है.
उत्तराखंड के लिए भारतीय मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. जिसमें कहा गया कि सोमवार को भारी बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना है.
भारतीय वायु सेना ने ट्वीट किया, "चल रहे बचाव अभियान की आवश्यकताओं के प्रति तत्परता के साथ प्रतिक्रिया करते हुए, कल देर शाम भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण डीआरडीओ उपकरणों को देहरादून के लिए उड़ान भरी."
सुरंग के बाहर की सुबह की तस्वीरें हैं. 12 नवंबर को यहां फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है. सुरंग के अंदर जहां बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं वहां प्रोटेक्शन अंब्रेला की तैयारी चल रही है. फंसे हुए श्रमिकों को अपने परिवार के सदस्यों से बात करने के लिए बीएसएनएल द्वारा यहां एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है.
उत्तरकाशी में कल हल्की बारिश का अनुमान है. आज भी बादल छाए रहेंगे. बचाव दल के लोगों के लिए प्रोटेक्शन अंब्रेला बनाई जा रही है.
बचाव अभियान के बीच एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है. श्रमिक अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकें, इसके लिए बीएसएनएल ने यह लैंडलाइन सुविधा स्थापित की है. अधिकारियों ने कहा कि श्रमिकों को बात करने के लिए एक फोन दिया जाएगा.
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) रेस्क्यू ऑपरेशन: टनल के अंदर काम कर रहे बचाव दल के लोगों के लिए प्रोटेक्शन अंब्रेला बनाई जा रही है.
बैकग्राउंड
Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue Highlights: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 17वां दिन हैं. पिछले दो सप्ताह से निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ शुरू की गयी थी जो सोमवार को भी जारी रही.
वर्टिकल ड्रिलिंग का काम 36 मीटर तक पहुंच गया है. इस बीच मलबे को 'रैट होल माइनिंग' तकनीक से साफ करने के लिए विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया. उत्तराखंड में चारधाम मार्ग पर बन रही साढ़े चार किलोमीटर सुरंग का एक हिस्सा ढहने से फंसे श्रमिकों के बाहर आने को लेकर बढ़ रहे इंतजार के बीच शुरू की गयी वर्टिकल ड्रिलिंग उन पांच विकल्पों में से एक है जिन पर कुछ दिन पहले काम शुरू किया गया था.
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने सिलक्यारा में मीडिया को बताया कि तड़के तक मलबे के अंदर फंसे ऑगर मशीन के हिस्सों को काटकर निकाल दिया गया.
उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन का हेड (सिरा) भी पाइप के अंदर फंसा हुआ था और अब उसे भी हटा दिया गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मशीन के ‘हेड’ को निकालने के लिए कुल 1.9 मीटर पाइप को भी काटना पड़ा. खैरवाल ने बताया कि उसके बाद सुरंग के मलबे के अंदर बारी-बारी से 220 मिमी, 500 मिमी और 200 मिमी लंबी यानी कुल 0.9 मीटर लंबी पाइप डाली गई. वहीं 1.6 मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग पूरी हो गई है. 1.6 मीटर तक पाइप डाला गया है.
अधिकारियों ने यहां बताया कि क्षैतिज ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के एक दिन बाद वर्टिकल ‘ड्रिलिंग’ शुरू की गयी है. उन्होंने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर लंबवत ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा.
मजदूरों के परिवार के सदस्य उन्हें वहां से सुरक्षित तरीके से निकाले जाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. श्रमिकों के परिजनों को उम्मीद है कि सिलक्यारा सुरंग के अंदर मौजूद सभी श्रमिकों को जल्द ही निकाल लिया जाएगा. सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से उसमें कुल 41 श्रमिक फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने का अभियान किसी न किसी कारण से बाधित हो रहा है.
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