Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड सरकार द्वारा उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राजमार्ग पर सिलक्यारा सुरंग में रविवार को हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए गठित समिति ने मंगलवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया. उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक डॉ शांतनु सरकार की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया गया. समिति के सदस्य सोमवार को ही घटनास्थल पर पहुंच गये थे.


समिति में डॉ सरकार के अलावा वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ खइंग शिंग ल्युरई, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेंक्षण (जीएसआई) के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, रूड़की केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वरिष्ठ वैज्ञानिक कौशिल पंडित, भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग के उपनिदेशक जीडी प्रसाद और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के भूवैज्ञानिक तनड्रिला सरकार शामिल हैं. 


रविवार को दिवाली के दिन हुआ था हादसा


सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से लगभग 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा रविवार की सुबह ढह गया था जिससे उसके अंदर 40 श्रमिक फंस गए हैं. श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाया जा रहा है. इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुरंग में फंसे श्रमिकों तथा उन्हें बाहर निकालने के लिए की जा रही कार्रवाई के बारे में अधिकारियों से निरंतर जानकारी ले रहे हैं. 


सीएम धामी ने समीक्षा बैठक की


सीएम धामी ने इस संबंध में मंगलवार को अपने आवास पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राहत सामग्री सहित अन्य किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर मौके पर शीघ्र मदद उपलब्ध कराई जाए. 


सभी मजदूर हैं सुरक्षित


उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रोहिल्ला ने मंगलवार को बताया कि बचाव अभियान जारी है. पाइप की मदद से छोटी सुरंग बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उनके लिए प्लेटफॉर्म भी बनाया जा रहा है. उसके बाद एस्केप टनल का निर्माण भी शुरू किया जाएगा. सभी सुरक्षित हैं और उनके लिए खाने और पानी की व्यवस्था की गई है. उनसे लगातार संवाद स्थापित करने में सक्षम हैं.


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