Uttarakhand Tunnel Accident: स्टील पाइप डालकर निकाले जाएंगे टनल में फंसे 40 मजदूर, मंगाई ड्रिलिंग मशीन, रेस्क्यू के लिए हैं दो प्लान
Uttarkashi Tunnel Accident: आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि मलबा हटाने के दौरान लगातार ऊपर से और मलबा गिर रहा है, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट आ रही है.
Uttarakhand Tunnel Accident: उत्तरकाशी के बड़कोट में निर्माणाधीन टनल में धंसाव के बाद फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को पचास घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में मलबा हटाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं. जितना मलबा नीचे से हटाया जा रहा है ऊपर से मिट्टी उतनी ही गिर रही है. अधिकारियों ने देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई है, जिसके जरिये 900 मिमी का स्टील पाइप डाला जाएगा.
टनल के अंदर चालीस मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अबतक टनल में फंसे मजदूरों से वॉकी टॉकी के जरिए संपर्क किया जा रहा है. इसके साथ ही पाइप के जरिये ऑक्सीजन का भी प्रबंध किया गया है और खाने-पीने का सामान मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा है. श्रमिकों के पास रोशनी के लिए मशालें भी हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही है रुकावट
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मलबे को हटाने का काम कर रही है. मलबे को ट्रकों के जरिए बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन मलबा हटाते वक्त ऊपर से लगातार मिट्टी गिर रही है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि मलबा गिरने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट आ रही है. ऐसे में गिरते मलबे से निपटने के लिए शॉटक्रीट विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो आंशिक रूप से सफल रही है.
ऊपर से लगातार गिर रहा है मलबा
रंजीत सिन्हा ने बताया कि सुरंग क्षेत्र की चट्टान काफी ढीली हैं, यहां की मिट्टी भुरभुरी है, जिसकी वजह से मलबा हटाने पर ऊपर से और मलबा गिर रहा है. ऐसे में शॉटक्रीट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके तहत जैसे ही मलबा हटाया जाता है, उसके तुरंत बाद हाई प्रेशर के साथ छत पर कंक्रीट फेंका जाता है. इस तकनीक से हमें आंशिक सफलता मिल रही है.
आपदा सचिव ने बताया कि एक दूसरा विकल्प भी तलाशा जा रहा है, जिसके तहत मलबे में छेद करने के लिए देहरादून से एक ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है. इसके जरिए अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए 900 मिमी स्टील पाइप डालकर रास्ता बनाया जाएगा. उम्मीद है कि बुधवार से टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
इन राज्यों के श्रमिक फंसे
इस टनल में कई राज्यों के मजदूर फंसे हुए हैं. उत्तरकाशी आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर दी गई लिस्ट के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के 15 मजदूर हैं. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश हैं, जिसके 8 मजदूर फंसे हुए हैं. इसके अलावा बिहार के 3, बंगाल के 4, उत्तराखंड के 2, हिमाचल का 1, असम के 2, उड़ीसा के 5 मजदूर शामिल हैं.
ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है ये टनल
ये टनल ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है. इसके तहत उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम को जोड़ा जा रहा है. ये सुरंग 4.5 किमी लंबी है, जिसका निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की देखरेख में नवयुग इंजीनियरिंग द्वारा किया जा रहा है. इसके अगले फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन इस हादसे के बाद इसमें और वक्त लग सकता है.