Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी पहुंचे CM पुष्कर धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की, टनल में फंसे हैं 40 मजदूर
Uttarakhand Tunnel Collapse: सीएम पुष्कर सिंह धामी सोमवार को उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में हुए भूमि धंसाव का निरीक्षण करने पहुंचे. सीएम धामी ने कहा कि मजदूरों से संपर्क स्थापित हो गया है.
Pushkar Singh Dhami In Uttarkashi: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनल हादसे का जायजा लेने कि ले सोमवार को उत्तरकाशी पहुंचे. यहां उन्होंने उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिलक्यारा सुरंग में हुए भूमि धंसाव का स्थलीय निरीक्षण किया. सीएम धामी कल से चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करने सिलक्यारा पहुंचे हैं. दिवाली (Diwali) के दिन रविवार को उत्तरकाशी (Uttarkashi) यमुनोत्री (Yamunotri) राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन के चलते सुरंग का एक हिस्सा धंस गया था. जिसमें 40 मजदूर फंस गए.
राहत-बचाव कार्य जारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "सभी विशेषज्ञ एजेंसियां श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का काम कर रही हैं. इस समय हमारी प्राथमिकता है कि सभी 40 श्रमिकों को बाहर निकाला जाए. हम उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. अच्छी बात ये है कि उनसे (श्रमिकों से) संपर्क स्थापित हो गया है."
#WATCH: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami inspects the site of the Uttarkashi Tunnel accident. pic.twitter.com/LMZsTmUHbm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 13, 2023
सीएम धामी ने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए राहत-बचाव कार्य जारी है. टनल से मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है. वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ है.
अचानक बीच में मलबा गिरा
उन्होंने कहा कि यह सुरंग निर्माणाधीन थी जो लगभग 4.5 किलोमीटर लंबी होनी थी, जिसमें से मात्र 400 मीटर ही तोड़े जाने के लिए बाकी था. अचानक बीच में मलबा गिरने की वजह से 40 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए हैं. बचाव का काम तेजी से हो रहा है. सुरंग के अंदर ऑक्सीजन, पानी और खाद्य सामग्री भेजी जा रही है.
मजदूरों ने कहा- सुरक्षित हैं
वॉकी-टॉकी के थ्रू टनल में फंसे मजदूरों ने बताया कि वह सुरक्षित हैं. फंसे हुए मजदूरों द्वारा खाने की मांग की गई थी. टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए रात में खाने के लिए कुछ पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं.
सुरंग के अंदर पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है. पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइपलाइन के जरिए भेजी गई थी. बाद में खाने के लिए चने के पैकेट भी इसी पाइपलाइन के जरिए भेजे गए.
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