Uttarkashi Tunnel Collapse: श्रावस्ती (Shravasti) में छह परिवारों के घर दिवाली पर चूल्हे नहीं जले हैं. वजह है उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग हादसा. जानकारी के अनुसार श्रावस्ती से 20 मजदूर मजदूरी करने उत्तराखंड गए थे. तीन महीने पहले अगस्त में मजदूरी करने उत्तराखंड गए मजदूर सिरसिया थाना क्षेत्र स्थित थारू बाहुल्य ग्राम पंचायत मोतीपुर के रहनेवाले हैं. उत्तराखंड जाने के बाद उनको सुरंग की खुदाई का काम मिल गया. सुरंग बनाने का काम दो शिफ्टों में हो रहा था. श्रावस्ती के मजदूर भी अलग-अलग शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे थे. शनिवार रात मोतीपुर ग्राम पंचायत के रानियापुर निवासी सत्यदेव पुत्र राम सागर, राम मिलन पुत्र सुखसागर, मोतीपुर निवासी अंकित कुमार पुत्र सीताराम, बच्चूपुर निवासी जय प्रकाश पुत्र गानू, संतोष कुमार पुत्र विशेश्वर और राम सुंदर पुत्र मनी राम की ड्यूटी रात की थी.


6 परिवारों के घर दिवाली पर चूल्हे बुझे


शिफ्ट खत्म होने के बाद सुरंग से मजदूर बाहर निकलने की तैयारी कर रहे थे. दिवाली की सुबह अचानक भूस्खलन होने की वजह से एक हिस्सा धंस गया और सभी मजदूर सुरंग में फंस गए. अन्य साथियों को हादसे की जानकारी घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हुई. उन्होंने श्रावस्ती में मजदूरों के परिजनों को घटना की जानकारी दी. परिजन घरों में दीप जलाकर दिवाली का उत्सव मना रहे थे. हादसे की खबर सुनकर परिजन परेशान हो गए. घरों में चूल्हा जले 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं.


सुरंग में फंसे हैं श्रावस्ती के छह मजदूर


परिजन बेटों के सलामती की दुआ कर रहे हैं. राहत की बात है कि सुरंग में ऑक्सीजन का लेवल पांच दिनों की जिंदगी के लिए काफी है. मौके पर रेस्कूय ऑपरेशन चलाया जा रहा है. आपदा प्रबंधन की विभाग की प्राथमिकता मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित निकालने की है. सोमवार को सिलक्यारा पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि मंगलवार रात या बुधवार की सुबह तक फंसे मजदूरों को सुरंग से सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा.


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