Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से बचाए गए 41 मजदूरों को अस्थाई अस्पताल में भर्ती किया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक, तमाम मजदूर बुधवार सुबह 5-6 के आसपास जाग गए थे और उसके बाद उनका प्राथमिक स्वास्थ्य चेक किया गया. जिसके बाद उनको नाश्ते में हल्का खाना दिया गया. फिलहाल सभी मजदूर ठीक हैं. उत्तराखंड के मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल भी श्रमिकों से मिलने चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. 


मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा, "सब एकदम ठीक हैं और बहुत खुश हैं. सभी ने खाना भी खाया है." सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 श्रमिकों में से एक श्रमिक विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा, "जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं. सभी हमें निकालने के प्रयास में लगे रहे. हर तरह की व्यवस्था की गई. ऑक्सीजन की, खाने-पीने की व्यवस्था की गई. पहले 10-15 घंटे हमें दिक्कत का सामना करना पड़ा, बाद में पाइप के द्वारा खाना उपलब्ध कराया गया. बाद में माइक लगाया गया था और परिवार से बात हो रही थी. अब मैं खुश हूं." 


24 घंटों तक हुई थी परेशानी


वहीं, श्रमिक सुबोध कुमार वर्मा ने बताया, "हमें वहां (सुरंग) पर 24 घंटों तक खान-पान और हवा से संबंधित परेशानी हुई. इसके बाद पाइप के द्वारा खाने-पीने की चीजें भेजी गईं. मैं स्वस्थ हूं, कोई परेशानी नहीं है. केंद्र और राज्य सरकार की मेहनत थी जिस वजह से मैं निकल पाया."  


"सफल मिशन का हिस्सा बनना खुशी की बात"


श्रमिकों को सुरक्षित बचाए जाने पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि हम शांत थे और हम जानते थे कि वास्तव में हमें क्या करना है. हमने एक अद्भुत टीम के रूप में काम किया. भारत के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर, सेना, सभी एजेंसियां, इस सफल मिशन का हिस्सा बनना खुशी की बात है. बता दें कि, ये श्रमिक दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर से सुरंग के अंदर फंसे हुए थे. सभी को मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. सफल बचाव अभियान के बाद उत्साहित बचाव दल ने कल सिलक्यारा सुरंग के अंदर 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए थे. 


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