Uttarkashi Tunnel Rescue: ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को यूं किया मजबूत, कंक्रीट को तेजी से सख्त करने वाले एजेंट का इस्तेमाल
Tunnel Rescue Operation: सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए लगातार 13वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. वहीं ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के लिए एक्सेलेरेटिंग एजेंट का उपयोग किया गया है.
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू का आज 13वां दिन है. इसे लेकर नया अपडेट सामने आया है. ड्रिलिंग के दौरान आ रही समस्या के कारण ऑगर मशीन का काम रोक दिया गया था. फिलहाल ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के लिए कंक्रीट को तेजी से सख्त करने वाले एक्सेलेरेटिंग एजेंट का उपयोग किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार ऑगर ड्रिलिंग मशीन के जरिए चल रहे रेस्क्यू काम में पाइप के सामने एक लैटिस गर्डर रिब आ गई थी. जिसके कारण पाइप को आगे ड्रिल नहीं जा सका. फिर गैस कटर के जरिए लैटिस गर्डर रिब को काटा गया और मुड़े हुए पाइप को काटने के लिए वेल्डर की टीम पाइप के अंदर गई है. मुड़े हुए पाइप को काटने का काम जारी है. इसके तुरंत बाद ऑगर का पुन: संयोजन शुरू हो जाएगा.
ऑगर मशीन को खड़े रखने के लिए बनाया जा रहा प्लेटफॉर्म
फिलहाल पाइप रूफिंग की एक पाइप रेस्कयू ऑपरेशन के दौरान ऑगर मशीन के रास्ते में आ गई थी. लगभग 1.5 इंच का लोहे का पाइप ड्रिलिंग के दौरान सामने आया, जिसके चलते काम रोकना पड़ा था. फिलहाल अब इसे निकल लिया गया है. वहीं जल्द से जल्द ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को खड़े रहने के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म बनाने के लिए कंक्रीट को तेजी से सख्त करने वाले एक्सेलेरेटिंग एजेंट का उपयोग किया गया है.
14 मीटर की ड्रिल करनी बाकी
वहीं PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर कुल्बे के अनुसार अब सुरंग के अंदर की गई जियो मैपिंग के जरिए पता चला है कि आगे 5 मीटर तक कोई लोहा या स्टील का स्ट्रक्चर नहीं है. जिसके चलते ड्रिलिंग का काम आसानी से हो सकेगा. उनके अनुसार अब तक 46 मीटर के आसपास ड्रिलिंग की गई है. अनुमान के अनुसार 60 मीटर तक ड्रिल करनी है, जिसके लिए बचे हुए 14 मीटर की ड्रिल करने के लिए 6 मीटर के तीन पाइप को ड्रिल किया जाएगा.
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