Uttarkashi Tunnel Rescue: सीएम धामी ने दी बचाव टीम को बधाई, बोले- 'श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरे की खुशी ही मेरी ईगास -बग्वाल'
Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: टनल में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान में जुटे समस्त बचाव दल को अपनी शुभकामनाएं दी हैं
Pushkar Singh Dhami: उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के अभियान में सरकार को सफलता मिली है. मुख्यमंत्री धामी ने बचाव दल की पूरी टीम को दी बधाई, कहा-श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरे की खुशी ही मेरी ईगास -बग्वाल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव दल की तत्परता, टेक्नोलॉजी का सहयोग, अंदर फंसे श्रमिक बंधुओं की जीवटता, प्रधानमंत्री द्वारा की जा रही पल-पल निगरानी और बौख नाग देवता की कृपा से सफल हुआ. बौख नाग देवता का मुख्यमंत्री ने आभार प्रकट किया. बोले भरोसा था लोकदेवता अभियान को सफल जरूर बनाएंगे.
टनल में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान में जुटे समस्त बचाव दल को अपनी शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरों की खुशी ही मेरे लिए ईगास -बग्वाल है. मुख्यमंत्री ने जरुरी होने पर श्रमिकों को उच्च कोटि की चिकित्सा सुविधा देने के उन्होंने आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए बड़ी खुशी का दिन है.जितनी प्रसन्नता श्रमिक बंधुओं और उनके परिजनों को है, उतनी ही प्रसन्नता आज मुझे भी हो रही है.उन्होंने कहा कि बचाव अभियान से जुड़े एक-एक सदस्य का मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूं.जिन्होंने देवदूत बनकर इस अभियान को सफल बनाया. उन्होंने कहा कि सही मायनों में हमें आज ईगास पर्व की खुशी मिली है.उन्होंने कहा कि भगवान बौख नाग देवता पर हमें विश्वास था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्तरीय टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञ इस अभियान में लगे थे.प्रधानमंत्री ने पल-पल इस अभियान की निगरानी की.उनके मार्गदर्शन में बेहतरीन समन्वय ने असंभव को संभव में बदला.उन्होंने अभियान से जुड़े एक-एक सदस्य के प्रति भी आभार प्रकट किया.
क्या है ईगास -बग्वाल?
पहाड़ पर बग्वाल दीपावली के ठीक 11 दिन बाद ईगास मनाने की परंपरा है. दरअसल ज्योति पर्व दीपावली का उत्सव इसी दिन पराकाष्ठा को पहुंचता है, इसलिए पर्वों की इस शृंखला को ईगास-बग्वाल नाम दिया गया. इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. यह दीवाली के दस दिन बाद पर्वतीय क्षेत्र में मनाई जाने वाली दीवाली है.
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