Uttarkashi Tunnel Rescue: अब चिनूक से रेस्क्यू नहीं किए जाएंगे श्रमिक, NDMA मेंबर अता हसनैन ने बताई बड़ी वजह
Uttarkashi Tunnel Rescue पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, 'अब 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है. रातभर काम किया गया है
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड स्थित उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर भी तैनात है. हालांकि अब वह उड़ान नहीं भर पाएगा. यह जानकारी खुद एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने दी है. उन्होंने कहा कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है. चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है. हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे. देरी होने के कारण मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वहां पर जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है. चिनूक रात में उड़ान भर सकता है लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है और ऐसी कोई तात्कालिकता नहीं है. यदि अत्यावश्यकता हो तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है.'
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'अभी 2 मीटर और जाना है तब.'
हसनैन ने कहा, 'NDRF का इसमें बहुत महत्वपूर्ण रोल है 3 टीम सुरंग के अंदर जाएगी.SDRF, NDRF को अंदर सहयोग देगी. साथ ही पैरामेडिक्स भी सुरंग के अंदर जाएंगे. अनुमान है कि 41 लोगों में से प्रत्येक को निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा. पूरी निकासी में 3-4 घंटे लगने की उम्मीद है. '
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा, 'अब 58 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है.रातभर काम किया गया है, हमारी टीम बहुत ही मुश्किल काम कर रही है. 58 मीटर तक जाना ये अभूतपूर्व उपलब्धि है.अभी 2 मीटर और जाना है तब हम कह सकते हैं कि हम आर पार हो गए हैं..सभी सुरक्षा एहतियात बरते गए हैं.'