Uttarakashi News: 21 साल बाद वरुणावत पर्वत ने फिर लोगों को डराया, 2003 में भूस्खलन से हुआ था भारी नुकसान
Uttarakhand Landslide: वरुणावत के पूर्वी हिस्से में गोफियारा के निकट हाल ही में हुए भूस्खलन ने स्थानीय लोगों को एक बार फिर से डरा दिया है. 21 साल पहले हुए लैंडस्लाइड की यादें फिर से ताजा हो गई हैं.
Uttarkashi Varunavat Mountain Landslide: उत्तराखंड में 21 वर्ष पहले उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत पर उभरा भूस्खलन एक बार फिर लोगों को डरा रहा है. समुद्रतल से लगभग 1,150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी शहर वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसा है. यहां वर्ष 2003 में वरुणावत से करीब एक माह तक भूस्खलन होता रहा. इस कारण 365 परिवार शिफ्ट करने पड़े थे.
वर्ष 2007 में करीब 70 करोड़ रुपये से इसका उपचार हुआ. इसके बाद लंबे समय तक पर्वत पर हलचल नहीं हुई, लेकिन पिछले 10 वर्ष से इसके अलग-अलग हिस्सों से भूस्खलन हो रहा है. पिछले महीने 27 अगस्त की रात पर्वत के पूर्वी हिस्से में गोफियारा के निकट हुए भूस्खलन ने स्थानीय निवासियों और प्रशासन की चिंता फिर बढ़ा दी.
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई
जिला प्रशासन की ओर से भूस्खलन क्षेत्र की निरंतर निगरानी करने के साथ ही खतरे की आशंका वाले भवनों से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए जिलाधिकारी ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था करने के लिए दंडी आश्रम उत्तरकाशी और काली कमली धर्मशाला उत्तरकाशी के पांच-पांच कक्षों को अधिग्रहित करने के आदेश जारी किए हैं. प्रभावित क्षेत्र में तात्कालिक कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं. साथ ही टीएचडीसी के सर्वेक्षण में सहयोग के लिए जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक को भी निर्देशित किया है.
उत्तरकाशी में एक सप्ताह से हो रहा है भूस्खलन
क्षेत्र में एक सप्ताह से रुक-रुककर भूस्खलन हो रहा है. 27 अगस्त की रात वरुणावत के पूर्वी क्षेत्र में पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ था, जिससे गोफियारा कालोनी सहित आसपास क्षेत्र में हड़कंप मच गया था. तब पहाड़ी से बड़ी मात्रा में आए पत्थर और मलबे में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और गोफियारा कालोनी में सड़कों पर खड़े स्थानीय लोगों के एक दर्जन से अधिक दुपहिया और चौपहिया वाहन दब गए थे.
100 से अधिक परिवारों को किया गया दूसरी जगह शिफ्ट
खतरे की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल 100 से अधिक परिवारों को प्रभावित क्षेत्र से हटाया था. कुछ परिवार काली कमली धर्मशाला में शिफ्ट किए गए, जबकि कुछ ने रिश्तेदारों के यहां शरण ली. इस घटना से गोफियारा कालोनी, जल संस्थान कॉलोनी और मस्जिद मोहल्ला में लोग रातभर सो नहीं पाए थे. इसके बाद यहां निरंतर हल्का भूस्खलन होता रहा राज्य सरकार अभी कोशिश कर रही है कि जल्द ही इस भूस्खलन को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया जाए. बारिश काम होते ही कमा शुरू होने की संभावना है.
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