उत्तरकाशी. पहाड़ों पर रोजगार के सीमित अवसर होने के कारण अक्सर युवा पलायन कर जाते हैं. ऐसे में उत्तरकाशी के सिंगोट गांव के विनय स्वरोजगार के जरिए युवाओं को नई राह दिखा रहे हैं. विनय खुद के रोजगार से ना सिर्फ लाखों रुपये कमा रहे हैं बल्कि कई युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. विनय आज स्थानीय युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं. पिता के शुरु किए गए इस काम को जैसे विनय ने आगे बढ़ाया वो काबिले तारीफ है.


सिंगोट गांव के घने जंगलो के बीच बने खूबसूरत मछली तालाब के लिए विनय ने काफी मेहनत भी की है. आज का बेरोजगार युवा वर्ग जहां खुद के रोजगार के लिए शहरों की ओर भाग रहा है. वहीं, विनय ने गांव में ही सरकारी मदद से अपने लिए रोजगार स्थापित किया है. खास बात है कि आज विनय जहां खुद 5 लाख तक की आमदनी कर रहा है. वहीं गांव के 35 से 40 लोग विनय के साथ जुड़कर गांव में ही रोजगार कर रहे हैं.


पिता ने शुरू किया था रोजगार
दरअसल, स्वरोजगार से जुड़ने की पहल विनय के पिता स्व. उम्मेद सिंह ने शुरू की थी. चंडीगढ़ में रेनबैक्सी कंपनी की एक प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर वर्ष 2015-16 में उम्मेद सिंह ने अपने ही घर के पास ट्राउट मछली पर काम शुरू किया था, लेकिन कुछ ही समय बाद उम्मेद सिंह को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी. सर से पिता का साया उठने व बैंक के कर्ज होने के बावजूद विनय ने हिम्मत नहीं हारी. आज विनय न केवल ट्राउट मछली का उत्पादन कर रहे हैं, बल्कि गोल्डन कॉर्प, सिल्वर कार्प, महासीर रोहू जैसी मछली भी इनके तालाबो में है. साथ ही बागवानी बेमौसमी सब्जी का काम भी विनय बड़े पैमाने पर कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें:



कासगंज: हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, बिकरू कांड से भी नहीं लिया सबक?


UP Budget 2021: 22 फरवरी को पेश होगा यूपी का पहला पेपरलेस बजट, विधायकों को 3 दिन मिलेगी आईपैड चलाने की ट्रेनिंग