Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में किसलिए बनाई जा रही 4.5 KM लंबी सुरंग, जिसमें फंसे हैं 41 मजदूर, जानें- सरकार का पूरा प्रोजेक्ट
Silkyara Tunnel collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कायारा की टनल चर्चा में है. यहां केंद्र की एक परियोजना के तहत बन रही सुरंग में मजदूर फंस गए हैं. आइए जानते हैं पूरे प्रोजेक्ट के बारे में-
UttarKashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड में इन दिनों उत्तरकाशी के सिल्कायारा की टनल चर्चा में है. यहां केंद्र सरकार की एक परियोजना के तहत बन रही सुरंग में 41 मजदूर फंस गए हैं. उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ-साथ सेना और अंतरराष्ट्रीय संगठन भी जुटे हुए हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि यह 4.531 किलोमीटर टू वे लेन टनल क्यों और किस परियोजना के लिए बनाई जा रही थी.
दरअसल, साल 2018 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने उत्तराखंड में चारधाम महामार्ग परियोजना के हिस्से के रूप में राडी पास क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने के लिए सिल्क्यारा में 4.531 किमी लंबी टू लेन सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था. राष्ट्रीय राजमार्ग और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) इस परियोजना पर काम कर रही है.
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अभी तक इसका 56 प्रतिशत काम पूरा
मार्च 2018 में योजना के लिए 1383 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी. इस सुरंग के बनने से तीर्थयात्रियों को लाभ होगा क्योंकि यह हर मौसम में कनेक्टिविटी देगा. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग-134 (धरासु-बड़कोट-यमुनोत्री रोड) की 25.6 किमी हिम-स्खलन प्रभावित लंबाई घटकर 4.531 किलोमीटर रह जाएगी. जिसके चलते यात्रा में 50 मिनट की जगह सिर्फ 5 मिनट लगेगें.
NHIDCL ने 14 जून 2018 को ईपीसी मोड पर 853.79 करोड़ रुपये के अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस परियोजना का काम 9 जुलाई 2018 को शुरू हुआ और 8 जुलाई 2022 तक पूरा होने का लक्ष्य था. हालांकि काम में देरी के कारण अभी तक इसका 56 प्रतिशत काम पूरा हो पाया है. इसके 14 मई 2024 तक पूरा होने की संभावना है. फिलहाल लगभग 4060 मीटर यानी 90 प्रतिशत लंबाई का कार्य पूरा हो चुका है और 477 मीटर लंबाई के लिए खुदाई का काम चल रहा है. साथ ही हेडिंग वाले हिस्से की बेंचिंग आदि के काम भी चल रहे हैं. सिल्कयारा की ओर से 2350 मीटर तक और बड़कोट की ओर से 1710 मीटर तक हेडिंग की जाती है.