Uttarkhand Election 2022: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में अगले साल 2022 में विधानसभा का चुनाव होना है. बीते 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य का स्थापना दिवस था. उत्तराखंड नें अपने 21 साल की यात्रा में 11 मुख्यमंत्रियों को सहयात्री के रूप में देखा है. यानि एक मुख्यमंत्री को औसतन दो साल भी नहीं मिले. अगर 2002 से 2007 तक के नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल को हटा दें तो 16 साल में 10 मुख्यमंत्री इस राज्य को मिले. बीते साढ़े चार साल में तो बीजेपी ने तीन मुख्यमंत्री बदल दिए. अब ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि उत्तराखंड चुनाव पर इसका क्या असर होगा.
इसी सवाल का जवाब जानने के लिए आपके चैनल एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर जनता का मन टटोला है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 45 फीसदी लोग मानते हैं कि इससे बीजेपी को फायदा होगा. वहीं 40 फीसदी का मानना है कि बीजेपी को इससे नुकसान हो सकता है.
क्या मुख्यमंत्री बदलने से बीजेपी को चुनाव में फायदा होगा?
फायदा- 45 %
नुकसान- 40 %
कह नहीं सकते- 15%
बता दें कि इस समय उत्तराखंड में बीजेपी (BJP) की सरकार है और कांग्रेस (Congress) वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी है. साल 2000 में राज्य बनने के बाद से उत्तराखंड में अबतक 4 विधानसभा चुनाव कराए गए हैं. पहला चुनाव 2002 और पिछला चुनाव 2017 में कराया गया था. उत्तराखंड की विधानसभा में 70 सीटें हैं. बीजेपी ने पिछला चुनाव सभी 70 सीटों पर लड़ा था. उसने 57 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए 46.51 फीसदी वोट अपने नाम किए थे. वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने भी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन वह केवल 11 सीटें ही जीत पाई थी. 2 सीटें निर्दलियों ने जीती थीं.
नोट- एबीपी न्यूज़ के लिए सी-वोटर ने पांच चुनावी राज्यों का मूड जाना है. इस सर्वे में 107000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया है. सर्वे 9 अक्टूबर 2021 से 11 नवंबर के बीच किया गया है. इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस तीन से प्लस माइनस पांच फीसदी है.
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