देहरादून, एजेंसी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में बादल फटने और भूस्खलन से मची तबाही के बाद मंगलवार को प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आयी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। बाद में मुख्यमंत्री रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘रविवार तड़के आयी इस आपदा में 15 लोग मारे गये हैं और छह अन्य अब भी लापता हैं। आपदा में आठ लोग घायल भी हुए हैं जिनका प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है।’’




आपदा की विभीषिका का वर्णन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘70 किलोमीटर के क्षेत्र में कुल 51 गांव इससे प्रभावित हुए हैं जिसमें करीब 130 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।’’  मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को चार—चार लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘आपदा में 17 भवन पूर्ण रूप से तथा 115 भवन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा चार पुल और 14 किलोमीटर की विद्युत लाइन भी टूट गयी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत और बचाव कार्य में तेजी आयी है। इन हेलीकॉप्टरों की मदद से खाने के 2000 पैकेट, 1000 किलो आटा, दाल, चावल और 5000 लीटर पेयजल, कंबल, टेंट, दवाइयां आदि प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गयी हैं।’’  मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिये क्षेत्र में 10 हेलीपैड बनाये गये हैं। भारतीय वायु सेना और नागरिक उड्डयन के चार हेलीकॉप्टर बचाव और राहत कार्यों के लिये उपलब्ध हैं।’’

रावत ने बताया कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, वन विभाग, आपदा खोज एवं बचाव दल के 300 कर्मी खोज, बचाव और राहत कार्यों में लगे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की चार टीमें भी क्षेत्र में कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने बताया, ‘‘राहत कार्यों के लिये आराकोट को आधार शिविर बनाया गया है। आराकोट के समीप तीन आपदा राहत केंद्र संचालित किये जा रहे हैं जिनमें लगभग 300 आपदा पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की गयी है।’’  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र की जनता ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे बचाव और राहत कार्यों पर संतोष जाहिर किया है।

रावत ने कहा, ‘‘राज्य सरकार के पास आपदा राहत के लिये 320 करोड़ रुपये उपलब्ध है और राज्य को अभी किसी पैकेज की जरूरत नहीं है और अगर पैकेज की जरूरत हुई तो केंद्र से मदद मांगने के बारे में विचार किया जायेगा।’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि सोमवार शाम को उन्होंने नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की, जिसमें गृह मंत्री ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

18 अगस्त को तड़के बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची, नगवारा, मलाना, कलीच, जोटरी, डगोली, बरनाली, थापलि, बलावट, चिवा और द्विचाणु सहित अनेक गांव प्रभावित हुए।

उन्होंने बताया कि इस साल 15 जून से लेकर अब तक की मानसून अवधि में प्रदेश में घटित आपदाओं में 59 व्यक्ति मारे गये हैं, 55 व्यक्ति घायल हुए हैं और 12 लापता हैं। इसके अतिरिक्त 134 आवासीय भवन आंशिक एवं 115 पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।