मसूरी. मसूरी में उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिश्ट ने पत्राकरों से वार्ता करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हितों पर चोट करने वाले तीन अध्यादेश पारित किये हैं. वर्तमान संसद सत्र में सरकार इन जनविरोधी अध्यादेशों को पास करवा कर उन्हें कानून का रूप देने का प्रयास कर रही है. अगर यह अध्यादेश कानून का रूप ले लेते हैं तो देश के किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बिहार और केरल में न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू न होने के कारण किसानों की दुर्दशा पूरे देश के सामने है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है. यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त कर दी गई तो देश में किसान अन्नदाता का दर्जा बड़े अनाज व्यापारियों को मिल जायेगा और किसान भुखमरी की कगार पर आ जायेगा.
सड़कों पर करेंगे संघर्ष
कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करवाकर सस्ता राशन वितरण प्रणाली को समाप्त करने का षड्यंत्र कर रही है. पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी जी ने देश को हरित क्रांति की शुरूआत के साथ गरीब को भरपेट भोजन मिल सके इस मकसद से देश मे सस्ता राशन वितरण प्रणाली को लागू किया था. वर्तमान मोदी सरकार उस प्रणाली को समाप्त करके देश के गरीब परिवारों को सस्ते राशन से भी वंचित कर देगी. कांग्रेस पार्टी देश के किसान और गरीब के हित में इन जनविरोधी अध्यादेशों का विरोध करने के साथ सड़कों पर भी संघर्ष करेगी.
संविदा नियम का विरोध
केन्द्र सरकार द्वारा एक जुलाई 2020 से सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक लगाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. इस फैसले के बाद सरकार नये पदों पर स्थायी नियुक्ति देने की बजाय 5 साल के लिए संविदा पर तैनाती देगी. इस आदेश के लागू होने के बाद देश का बेरोजगार सदमे में है. इस प्रकार के आदेश से महिलाओं को रोजगार पाने में सबसे जादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
कोविड के लिये केंद्र से पैकेज की मांग
उत्तराखंड सरकार द्वारा पहले बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड आने वाले लोगों का राज्य की सीमा पर 2 हजार रुपये प्रति व्यक्ति लेकर कोविड टेस्ट कराने के आदेश दिये गये हैं तथा बिना टेस्ट के राज्य में प्रवेश पर पाबन्दी लगाई गई है. अब मुख्यमंत्री ने एक नया फरमान जारी किया है कि 3 से 4 दिन के लिए आने वालों का कोई टेस्ट नहीं कराया जाएगा. राज्य सरकार को कोविड टेस्ट का पैसा जनता से वसूल करने की बजाय भारत सरकार से पैकेज की मांग करना चाहिए. इसके साथ ही जांच भी सबकी होनी चाहिए.
देश और प्रदेश में कोरोना की रोकथाम में पूरी तरह से विफल रहने वाली भारत सरकार और राज्य सरकार की इन जन विरोधी नीतियों से साफ हो जाता है कि केन्द्र की मोदी सरकार और उत्तराखण्ड की त्रिवेन्द्र सरकार गरीब, किसान बेरोजगार युवाओं की विरोधी सरकार है. इस जन विरोधी सरकार को उखाड फेंकने के लिए पूरी कांग्रेस पार्टी देशभर में जन जागरण अभियान चलायेगी.
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