देहरादून: उत्तराखंड में बच्चों में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने अब चिंताएं और ज्यादा बढ़ा दी हैं. मई महीना जहां मौतों के लिहाज से खतरनाक साबित हो रहा है वहीं 15 दिनों में 1700 बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं. अभी तक राज्य में 5 हजार से अधिक बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. उधर, कोरोना की तीसरी लहर भी बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है. 


तीसरी लहर पर है स्वास्थ्य विभाग का फोकस 
स्वास्थ्य विभाग का फोकस कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी है. आशंका ये भी जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने के ज्यादा चांस हैं. इसको देखते हुए उत्तराखंड में डीआरडीओ की तरफ से बनाए जा रहे दो अस्पतालों में 25-25 बच्चों के लिए आईसीयू बनाए जा रहे हैं. साथ ही जिलों के अस्पतालों में भी बच्चों के लिए आईसीयू बेड और वॉर्ड बनाए जा रहे हैं.  


धीमी पड़ गई है वैक्सीनेशन की रफ्तार
गौरतलब है कि, उत्तराखंड में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है. ऐसे में तमाम वैक्सीनेशन सेंटर्स में वैक्सीनेशन ड्राइव प्रभावित है. 45 वर्ष से ऊपर वाले उत्तराखंड में लगभग 27 लाख लोग हैं, जिसमें से लगभग साढ़े 5 लाख लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुके हैं. वहीं, 21 लाख लोगों को वैक्सीन की सिर्फ पहली डोज लगी है. जरूरत के हिसाब से बहुत कम वैक्सीन उत्तराखंड को उपलब्ध हो पा रही है. ऐसे में उत्तराखंड में वैक्सीन सेंटर्स प्रभावित दिखाई दे रहे हैं. 


वैक्सीन कम है
डीजी हेल्थ ने वैक्सीनेशन को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को उत्तराखंड को एक लाख वैक्सीन की डोज मिली हैं. उन्होंने कहा की केंद्र से जैसे-जैसे वैक्सीन की डोज मिल रही है उसी के हिसाब से लोगों को वैक्सीनेट किया जा रहा है. डीजी हेल्थ ने ये भी माना है कि जरूरत के हिसाब से वैक्सीन कम है और रफ्तार धीमी हुई है. 


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