हिम्मत को सलाम, भाई को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई राखी, मिलेगा वीरता पुरस्कार
गुलदार से भिड़ कर अपने भाई की जान बचाने वाली बहादुर बेटी राखी रावत को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राखी की इस हिम्मत और साहस को देखकर हर कोई हैरान है।
देहरादून, एबीपी गंगा। गुलदार से भिड़कर अपने भाई को मौत के मुह से बचाने वाली 10 वर्षीय बालिका राखी रावत को अब दिल्ली में वीरता पुरुष्कार से राष्टपति सम्मानित करेंगे। उत्तराखण्ड की वीरांगना तीलू रौतेली की बहादुरी के किस्सों से तो हर कोई वाकिफ है लेकिन अब गढ़वाल की ऐसी वीर बालिका के बारे में आपको बताते हैं जिसने नन्ही उम्र में मौत को मात देकर गुलदार से भिड़ जाने का साहस जुटाकर अपने भाई की जिंदगी बचाई। इतना साहस जुटाने वाली नन्ही बालिका राखी रावत है जो उत्तराखण्ड की वीरांगना तीलू रौतेली के क्षेत्र बीरोंखाल ब्लॉक की रहने वाली है। राखी की इस हिम्मत और साहस को देखकर हर कोई हैरान है।
बहादुरी और हिम्मत को देखकर अब राखी को वीरता पुरुष्कार से नवाजने के लिए दिल्ली बुलाया गया है जिसे 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन वीरता पुरुष्कार से नवाजा जाएगा। तीनों सेनाध्यक्षों थल, वायु और जल के सेनाध्यक्षों के साथ मंच में चलकर नन्ही बालिका राखी इस पुरुष्कार से सम्मानित होंगी।
दरअसल, बीते 4 अक्टूबर को अपनी मां और भाई के साथ खेत से लौट रही राखी और उसके भाई पर घात लगाये गुलदार ने अचानक से हमला कर दिया। उस वक्त राखी का छोटा भाई उसके साथ था। अचानक से हुए इस हमले के कारण राखी और उसका भाई रास्ते में गिर पड़े और मौके की तलाश कर रहे गुलदार ने अपना हमला करना शुरू कर दिया। राखी ने अपने भाई को अपने नीचे सुरक्षित रखकर सारे घाव खुद के सह लिए और भाई को आंच न आने दी। इस घटना के बाद कई दिनों तक दिल्ली में राखी और उसके भाई का इलाज चला और घाव भर गए।
राखी को मिलने वाले वीरता पुरुष्कार सम्मान ने राखी के परिजनों के साथ ही उसके गुरुजन की काफी खुश हैं और राखी की बहादुरी की दाद दे रहे हैं। राखी राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवकुंडाई में 5वी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा हैं जिसने इस घटना के बाद भी एक किलोमीटर पैदल चलकर अपने भाई को दूर ले जाकर उसकी जान बचाई। परिवार का कहना है की राखी और मासूम भाई की जान बच गई यही उनके लिए काफी है।
इस वीर साहसी बालिका के कर्तव से वन विभाग भी हैरान है। वन विभाग की मानें तो उन्हें भी गुलदार से निपटने के लिए टीम से साथ मिलकर कई प्रयास करने पड़ते है लेकिन महज 10 वर्षीय बालिका का गुलदार से भिड़कर अपने भाई की जान बचाना काबिले तारीफ हैं। वन क्षेत्राधिकारी का कहना है की उन्हें खुशी और गर्व महसूस हो रहा है की इस नन्ही वीर बालिका को वीरता पुरुष्कार से सम्मानित किया जायेगा।