Uttrakhand News: रामगंगा नदी का जल स्तर का कई गुना बढ़ा, वन्यजीवों के दिखने की कम हुई संभावना
वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल ने बताया कि रामगंगा नदी का जलस्तर पहले से कई गुना तक बढ़ गया है. इसके चलते वन्यजीवों को भी बढ़ा खतरा है.
Uttrakhand News: रामनगर. पिछले महीने रामनगर में आई आपदा से ढिकाला से कालागढ़ को जाने वाली रामगंगा नदी का जलस्तर कई गुना बढ़ गया है. जिसके चलते ढिकाला जोन में भ्रमण के लिए आए पर्यटक जोन का दायरा कम हो गया है. इससे पर्यटकों को वन्यजीव दिखने की संभवनाएं कम हो गई है. जिसे देखते हुए कॉर्बेट के डायरेक्टर राहुल ने सिचाई विभाग के साथ मिलकर जल निस्तारण की योजना बनाई है.
कम हुआ ढिकाला जोन का दायरा
आपकों बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के संरक्षण के लिए देश विदेश में जाने जाता है. इसके चलते हर साल हजारों की संख्या में देश विदेश के पर्यटक बाघों व अन्य वन्यजीवों का दीदार करने के लिए कॉर्बेट पहुंचते हैं. कॉर्बेट का ढिकाला जोन भ्रमण के लिए पर्यटकों की पहली पंसद माना जाता है, लेकिन रामगंगा नदी जल स्तर बढ़ने से ढिकाला जोन का दायरा कम हो गया है. ऐसे में पर्यटकों को बाघ दिखने की संभावनांए कम हो गई है. इससे देखते हुए कॉर्बेट के डायरेक्टर राहुल ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जल स्तर को कम करने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि रामनगर, कालागढ़ सिचाई विभाग के साथ मिलकर कालागढ़ बांध के माध्यम से रामगंगा के पानी को सिचाई व आदि मार्गो से विस्थापित करने की योजना की जाएगी.
जलस्तर बढ़ने से वन्यजीवों पर भी बढ़ा खतरा
वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल ने बताया कि रामगंगा नदी का जलस्तर पहले से कई गुना तक बढ़ गया है. इसके चलते वन्यजीवों को भी बढ़ा खतरा है. उन्होंने बताया कि रामगंगा में पानी भरने से ग्रासलैंड का दायरा कम हो गया है इसके चलते हिरन, संभार, हाथी सहित अन्य जानवरों के लिए भोजन की कमी होने की संभावना है. उन्होंने के बताया कि नदी में पानी अधिक होने से हाथी के बच्चों और हिरन सांभर जैसे छोटे जानवरों को पानी पीते समय मगरमच्छ और घड़ियाल का खतरा भी अधिक हो गया है.
बाघ के आपसी संघर्ष की बढ़ी संभावनाएं
संजय छिम्वाल ने बताया कि जलस्तर बढ़ने से बाघ मगरमच्छ और घड़ियाल के डर से नदी पार करने से बच रहे हैं. साथ ही जलस्तर बढ़ने से बाघों के आपसी संघर्ष का खतरा कई गुना तक अधिक हो गया है.
ये भी पढ़ें